
आमतौर पर सीने में जब भी किसी को तेज दर्द होता है, तो लोग उसे हार्ट अटैक का नाम दे देते हैं क्योंकि ये इस हार्ट अटैक का प्रमुख लक्षण है। मगर आपको बता दें कि सीने में होने वाला हर दर्द हार्ट अटैक नहीं होता है।
आमतौर पर सीने में जब भी किसी को तेज दर्द होता है, तो लोग उसे हार्ट अटैक का नाम दे देते हैं क्योंकि ये इस हार्ट अटैक का प्रमुख लक्षण है। मगर आपको बता दें कि सीने में होने वाला हर दर्द हार्ट अटैक नहीं होता है। ऐसी कई अन्य बीमारियां हैं, जिनमें प्रारंभिक लक्षण के रूप में सीने में तेज दर्द की शिकायत हो सकती है। छाती के दर्द के कई कारण हो सकते हैं। पेट में अल्सर, गैस्टिक और टीबी जैसे रोग भी सीने में दर्द के कारक हैं इसलिए इसे हमेशा हार्ट अटैक से जोड़कर डरने की जरुरत नहीं है। हालांकि सीने में किसी भी तरह का दर्द नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है, इसलिए ऐसी किसी भी समस्या का पता चलते ही डॉक्टर से संपर्क करने में ही भलाई है।
नटक्रैकर एसोफैगस
नटक्रैकर एसोफैगस को ही जैकहैमर एसोफैगस भी कहते हैं। इन बीमारियों के नाम आपको अजीब लग सकते हैं क्योंकि इसके बारे में कई बार चिकित्सकों को भी पर्याप्त जानकारी नहीं होती हैं। इस बीमारी के कारण भी कई बार सीने में तेज दर्द की शिकायत हो सकती है। इसके अलावा नटक्रैकर एसोफैगस में खाने-पीने की चीजों को निगलने और पेट भरने में भी परेशानी होती है। कई बार इसके लक्षणों के हार्ट अटैक या एसिड रिफ्लक्स से मिलने-जुलने के कारण इसका गलत इलाज कर दिया जाता है।
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क्या होता है एसोफैगस
एसोफैगस को हिंदी में ग्रासनली कहते हैं यानि ये वो ट्यूब है जो आपके गले से पेट तक जाता है और जिसके सहारे आपके मुंह का आहार पेट तक पहुंचता है। एसोफेगस जहां पर पेट से जुड़ती है वहां इसकी परत एक अलग प्रकार की कोशिकीय बनावट की होती है, जिसमें विभिन्न केमिकल्स का रिसाव करने वाली अनेक ग्रंथियां या संरचनाएं होती हैं। एसोफेगस नली (ट्यूब) आपके पेट तक भोजन और पानी को ले जाती है।
पेट के रोग भी हो सकते हैं कारण
पेट रोग होने की वजह से भी छाती में दर्द हो सकता है। पेट में अल्सर और गैस्टिक इस समस्या के कारण बन सकते हैं। जब पित्त की थैली में गैस बनती है और वह छाती की तरफ जाती है तो छाती में दर्द होता है। यदि छाती में जलन हो और सोने पर दर्द बढ़ जाय तो यह पेट की समस्या के कारण होता है।
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टीबी भी हो सकता है कारण
छाती में दर्द का एक मुख्य कारण टीबी भी हो सकती है। टीबी या निमोनिया की वजह से फेफड़ों की झिल्ली में सूजन आ सकती है। और फिर मरीज के सांस लेने पर सूजी हुई सतह से हवा रगड़ खाती है और दर्द होने लगता है, इस अवस्था को प्ल्यूराइटिस कहा जाता है।
प्ल्यूराइटिस में आ जाती है छाती में सूजन
छाती की अंदरूनी दिवारों में सूजन के कारण भी सीने में दर्द हो सकता है। यदि फेफ़डे की ऊपरी सतह पर मौजूद झिल्ली में सूजन आ जाए तो छाती की अंदरूनी दीवार की सूजी हुई सतह से सांस लेने पर हवा रगड़ खाने लगती है। जिससे असहनीय दर्द होता है। इस स्थिति को प्ल्यूराइटिस कहा जाता है। ज्यादातर प्ल्यूराइटिस का कारण टीबी का इंफेक्शन या निमोनिया होता है।
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