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लंबे समय में कब्ज से होने वाली बीमारियां इलाज और सावधानियां

Constipation Side Effects: आज के दौर में अधिकतर व्यक्ति कब्ज की समस्या से परेशान है। अगर, आप लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करते हैं तो ऐसे में आपको कई बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। आगे जानते हैं कि कब्ज की वजह से किन रोगों का जोखिम हो सकता है?
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लंबे समय में कब्ज से होने वाली बीमारियां इलाज और सावधानियां


Diseases Due To Constipation: खानपान की गलत आदतों और अन्य बीमारियों के कारण लोगों को पेट और पाचन से जुड़ी समस्या हो सकती है। पाचन क्रिया में होने वाले बदलाव के कारण लोगों को कब्ज, गैस और पेट में ऐंठन की समस्या हो सकती है। शुरुआती दौर में लोग इसे हल्के लक्षण समझकर नजरअंदाज कर जाते हैं। लेकिन, कब्ज की परेशानी यदि लंबे समय तक बनी रहे तो यह गंभीर रोग की वजह से बन सकते हैं। कब्ज होने से व्यक्ति को पूरा दिन असहजता महसूस होती है, और इससे कई बार मानसिक तनाव का सामना भी करना पड़ता है। डॉक्टर्स बताते हैं कि कब्ज के कारण मल सख्त हो जाता है और ऐसे में जब आप ज्यादा जोर लगाते हैं तो इससे मलाशय (Rectal) से संबंधित समस्याएं हो सकती है। इस लेख में  मणिपाल अस्पताल, हेब्बल की सलाहकार- आंतरिक चिकित्सा डॉक्टर पवित्रा आर (Dr Pavithra R Consultant Internal Medicine Manipal Hospital Hebbal) से जानेंगे कि कब्ज के कारण कौन से रोग (can constipation cause illness) हो सकते हैं? 

लंबे समय तक कब्ज से होने वाली 5 गंभीर बीमारियां - Diseases Due To Constipation in Hindi

बवासीर (piles)

बवासीर आजकल की एक सामान्य समस्या बन गई है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो काफी पीड़ादायक होती है। इसमें गुदा के अंदर या बाहर मस्से बन जाते हैं। ये मस्से कभी अंदर रहते हैं, तो कभी बाहर आ जाते हैं। बवासीर दो तरह का होता है-खूनी बवासीर और बादी बवासीर। पेट साफ न होना, शौच के दौरान दर्द होना, गुदा के आस-पास सूजन, गुदा के आसपास गांठ और बार-बार मल त्याग की इच्छा होना बवासीर (piles symptoms) के लक्षणों में शामिल हैं

एनल फिशर (anal fissure)

जब गुदा या गुदा की नलिका में कोई कट या दरार बन जाती है, तो उसे एनल फिशर कहते हैं। यह तब होता है, जब कठोर मल निकलता है। इस दौरान मल त्याग करते हुए दर्द होता है, खून निकलता है। लंबे समय तक कब्ज रहना, गुदा के आसपास खुजली-जलन, मल त्याग के दौरान गंभीर दर्द होना, लाल रंग का मल एनल फिशर के लक्षण (anal fissure symptoms) हो सकते हैं। इसके अलावा फेकल इंपेक्शन भी कब्ज के कारण हो सकता है।

कोलन कैंसर का खतरा

पुरानी कब्ज के कारण आंतों में अपशिष्ट पदार्थ ज्यादा देर तक जमा रहता है। इससे हानिकारक टॉक्सिन्स (विषैले तत्व) कोलन (बड़ी आंत) की परतों पर प्रभाव डाल सकते हैं। कई अध्ययनों में बताया गया है कि लंबे समय तक कब्ज रहने से कोलन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

हर्निया 

बार-बार जोर लगाकर मल त्यागने की कोशिश करने से पेट की दीवार की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है, जिससे हर्निया की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसमें आंतों का हिस्सा पेट की दीवार से बाहर की ओर निकल सकता है।

बाउल ऑब्सट्रक्शन (bowel obstruction)

लंबे समय तक कब्ज रहना बाउल ऑब्सट्रक्शन जैसी गंभीर बीमारी को भी जन्म दे सकता है। बाउल ऑब्स्ट्रक्शन आंतों में होने वाली रुकावट है। इस स्थिति में छोटी या बड़ी आंत को खाना-पीना निकलने में मुश्किल होती है। यह एक आपातकालीन स्थिति होती है, इसमें तुरंत इलाज की जरूरत पड़ती है। पेट फूलना, मिचली, उल्टी, भूख न लगना और कब्ज बाउल ऑब्स्ट्रक्शन के मुख्य लक्षण हैं।

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फेकल इनकंटीनेंस (fecal incontinence)

मल असंयम या फेकल इनकंटीनेंस आंतों से संबंधी समस्या है। यह अकसर अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलता है। फेकल इनकंटीनेंस कब्ज, गैस और गैस के साथ भी हो सकती है। योनि से बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं को बाद में इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लंबे समय तक कब्ज रहने के वजह से भी फेकल इनकंटीनेंस की समस्या हो सकती है।

यूरिनरी रिटेंशन (urine-retention)

मूत्राशय का पूरी तरह से खाली न हो पाना, यूरिनरी रिटेंशन होता है। यह स्थिति लंबे समय तक आपको परेशान कर सकती है। इसमें वे मूत्र त्याग तो करते हैं, लेकिन मूत्राशय पूरी तरह से खाली नहीं होता है। यह बीमारी बेहद गंभीर और दर्दनाक होती है। ऐसे में इसके लक्षण (urine retention symptoms) दिखने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।

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कब्ज से बचने के उपाय (how to prevent constipation naturally)

कब्ज से बचने के लिए सबसे पहले आपको अपनी जीवनशैली में सुधार करना जरूरी होता है। इसके लिए अपने खान-पान, सक्रियता और सोने-उठने पर ध्यान दें। कब्ज से बचने के उपाय-

  • कब्ज से बचने के लिए समय पर सोना और समय पर उठना बहुत जरूरी होता है।
  • शारीरिक रूप से सक्रिय होना जरूरी है। इसके लिए एक्सरसाइज, योग जरूर करें।
  • अपनी डाइट में फाइबर इनटेक बढ़ाएं। बैलेंस डाइट फॉलो करें। इसमें सभी विटामिंस, मिनरल्स को शामिल करें।
  • मैदा और जंक फूड से परहेज करें। पैकेट बंद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
  • लिक्विड डाइट लें। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।

कब्ज कोई छोटी-मोटी समस्या नहीं है, बल्कि अगर इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए, तो यह कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है। आज की भागदौड़ वाली जीवनशैली में खानपान, तनाव और अनियमित दिनचर्या इसका मुख्य कारण बन गए हैं। यदि आप संतुलित आहार, नियमित दिनचर्या और थोड़ी जागरूकता को अपनाएं, तो कब्ज जैसी समस्या को आसानी से रोका जा सकता है।

FAQ

  • क्या लंबे समय तक कब्ज रहना खतरनाक हो सकता है?

    जी हां, पुरानी कब्ज से पाइल्स, फिशर, हर्निया और कोलन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
  • क्या केवल पानी पीने से कब्ज दूर हो सकती है?

    पर्याप्त पानी पीना कब्ज से राहत में सहायक होता है, लेकिन इसके साथ संतुलित आहार और शारीरिक गतिविधि भी जरूरी होती है।
  • क्या आयुर्वेदिक इलाज से कब्ज पूरी तरह ठीक हो सकती है?

    अगर कब्ज हल्की है, तो त्रिफला, इसबगोल जैसे प्राकृतिक उपाय असरदार हो सकते हैं, लेकिन पुरानी कब्ज में डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है।

 

 

 

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