Disadvantages of Feeding bottle milk to baby after one year: जन्म के 6 महीने तक शिशु के लिए मां का दूध ही सर्वोत्तम आहार है। 6 महीने के बाद शिशु को मां के दूध के साथ ठोस आहार खिलाया जाता है। पहले मांएं अपने बच्चे को 2 से 3 साल तक स्तनपान (Breastfeeding Health Benefits) करवाती थीं, लेकिन आज के तनावपूर्ण माहौल में महिलाएं 1 से सवा साल होते-होते बच्चे को स्तनपान छुड़ाकर बोतल पर शिफ्ट कर देती हैं।
मैं खुद एक बच्चे की मां हूं और लगभग 7 महीने के बाद मैंने अपने बेटे को बोतल से दूध पिलाना (Bottle Feeding For Baby) शुरू कर दिया था। लेकिन 1 साल का होने से पहले ही मेरी मां ने बेटे के दूध की बोतल की आदत छुड़वा दी और वह दिन में सिर्फ 2 से 3 गिलास दूध पीता है। लेकिन हर बच्चा ऐसा नहीं होता है। कुछ बच्चे 3 साल से ज्यादा की उम्र तक बोतल से दूध पीते हैं। अगर आपका बच्चा भी 1 साल की उम्र के बाद बोतल से दूध पीता है, तो उसकी यह आदत तुरंत छुड़वाइए। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि अगर बच्चे को 1 साल की उम्र के बाद बोतल से दूध पिलाया जाए, तो यह उनके शारीरिक विकास में बाधा डाल सकता है।
1 साल के बाद बच्चों को क्यों नहीं पिलाना चाहिए बोतल से दूध
इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए वीडियो में डॉ. तरुण आनंद बताते हैं कि 1 साल की उम्र के बाद अगर बच्चे को दूध की बोतल से दूध पिलाया जाए, तो उन्हें 3 समस्या हो सकती हैं।
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1. दांतों से जुड़ी समस्याएं- Bottel Feeding Cause Dental Problem
एक्सपर्ट के अनुसार, 1 साल की उम्र के बाद भी अगर बच्चा बोतल से दूध पीता है, तो उसके दांतों में सड़न और कैविटी की समस्या हो सकती है। दरअसल, जब बच्चा बोतल से दूध पिता है, तो दूध बच्चों के मसूड़ों पर चिपक जाता है। इसकी वजह से बच्चों के दांतों पर एक परत जम जाती है और कम उम्र में बच्चों के दांतों में सड़न हो जाती है। इसके साथ ही 1 साल की उम्र के बाद बोतल से दूध पीने से बच्चों के मुंह में बैक्टीरिया का प्रोडक्शन भी ज्यादा होता है, जो माउथ इन्फेक्शन का कारण बन सकता है।
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2. पेट में इंफेक्शन- Bottel Feeding Cause stomach infection
जब बच्चा बोतल से दूध पीता है, तो उसमें पेट से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी ज्यादा होता है। बोतल की निप्पल पर आसपास के बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं और जब बच्चे के दूध की बोतल पर इसको लगाया जाता है, तो यह बैक्टीरिया पेट में चले जाते हैं। इसकी वजह से बच्चों के पेट में इन्फेक्शन, दर्द और उल्टी का खतरा ज्यादा रहता है।
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3. पोषक तत्वों की कमी- nutritional deficiencies due to bottel Feeding
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि उम्र के साथ बच्चे की खुराक भी बढ़ती है। ऐसे में कई बार देखा जाता है कि 1 साल का बच्चा दिन में कई बोतल दूध की मांग करता है और अपना पेट सिर्फ दूध से ही भर लेता है। 1 साल की उम्र के बाद तक अगर बच्चा सिर्फ दूध पीता है, तो उसमें पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से शारीरिक विकास में बाधा आ सकती है। डॉ. तरुण का कहना है कि 1 साल की उम्र के बाद बच्चों को कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जो सिर्फ दूध से पूरी नहीं की जा सकती है। इसलिए बच्चों को सिर्फ 2 से 3 गिलास दूध, वो भी कप या गिलास के जरिए दें। इसके अलावा बच्चे के ठोस आहार खाने पर ज्यादा जोर दें।
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डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि 2 साल तक की उम्र तक शिशु को स्तनपान करना बिल्कुल सुरक्षित है, लेकिन उन्हें बोतल से दूध देने से बचना चाहिए।
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