
क्या आपका बच्चा अच्छी डाइट ले रहा है? डॉक्टर से जानें बच्चों को हेल्दी रखने के लिए कैसी होनी चाहिए उसकी डाइट और लाइफस्टाइल।
बच्चे यदि अपने सामान्य वजन से ज्यादा वजन बढ़ा लेते हैं, तो उन्हें आगे जाकर बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिनमें से स्वास्थ्य सम्बन्धित बीमारियां व बॉडी शेमिंग एक है। बच्चों का वजन एक सही स्थिति में रखने के लिए आपको बहुत ज्यादा प्रयत्न करने पड़ सकते हैं, क्योंकि बच्चे अधिकतर कोई वेट लॉस प्लान (weight loss plan) अपनाना नहीं चाहते हैं। वह केवल अपने खेल कूद और गैजेट्स पर ज्यादा ध्यान देते हैं। आप छोटी छोटी बातों के द्वारा अपने बच्चों में कुछ ऐसी आदतों को डेवलप कर सकते हैं जिनसे बच्चों का वजन हेल्दी (healthy weight) बनने में मदद मिल सकती है।
देखा जाए तो माता पिता अपने बच्चे का वजन कम करने के लिए उसे बहुत सी हेल्दी ईटिंग हैबिट (healthy eating habit) आदतें डालने में सहायक बन सकते हैं। ताकि वह कैलोरी रिच फूड (high calorie food) का सेवन कम करें। चाहे इसके लिए स्क्रीन टाइम कम करना हो या खेलकूद का समय बढ़ाना। दरअसल बच्चे के वजन बढ़ने की दर को कम करना जरूरी है। ताकी वह सामान्य रूप से ग्रोथ कर सके। इसलिए बहुत जरूरी है कि बच्चे को वजन कम करने वाली डाइट की जगह हेल्दी डाइट दी जाए। इसके अलावा निम्न बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है।
बच्चे की डाइट में शामिल करें (Healthy Eating Habit)
- सब्जियां, फल, और साबुत अनाज को डाइट में जगह दें।
- पनीर और दही या बिना फैट वाले दूध या डेयरी प्रोडक्ट बच्चे की डाइट में शामिल करें।
- सही मात्रा में प्रोटीन के के लिए लीन मीट, पोल्ट्री, फिश व दालें और बीन्स (lean meat and protein diet) को प्लेट का हिस्सा बनाएं।
- बच्चे को ज्यादा पानी पीने की सलाह दें।
- शुगरी पेय कम पीने को दें।
- चीनी और रिफाइंड फैट (refined sugar and refined fats) की मात्रा कम करें।
इस डाइट से बच्चे का वजन कम होने में सहायता मिलेगी।
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कैलोरी इनटेक को कम करें (limit Calorie Intake)
हाई कैलोरी और हाई शुगर फूड या फिर ज्यादा नमकीन स्नैक्स की वजह से बच्चों का वजन एकदम बढ़ता है। इन सब की जगह बच्चे को एक कप गाजर, ब्रोकली व शिमला मिर्च साथ में भरपूर प्रोटीन के लिए चने से बना दो चम्मच हमस दें। इसके अलावा भूख लगने पर एक मध्यम सेब या केला या 1 कप ब्लूबेरी या अंगूर भी दे सकते हैं। आप चाहें तो कुछ घर का बना ओवन-बेक्ड केले के चिप्स भी दे सकती हैं।
बच्चों को शारीरिक रूप से एक्टिव करें (Physical Exercise)
एक्सपर्ट डॉक्टर सुमित गुप्ता, पीडियाट्रिशियन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल के अनुसार 3 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चे को पूरे दिन सक्रिय रहना चाहिए। 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को और 17 वर्ष तक के किशोरों को प्रत्येक दिन कम से कम 60 मिनट तक शारीरिक रूप से एक्टिव (physically fit and active) होना जरूरी है। बच्चे को एरोबिक एक्सरसाइज या ऐसी कोई सी भी कसरत, जिससे दिल की धड़कन तेज हो और हड्डियां मजबूत हों, जैसे कि दौड़ना या कूदना या फिर पुश अप करने के लिए कहें। यदि आपका बच्चा शारीरिक रूप से एक्टिव रहेगा तो उसको बहुत से हेल्थ बेनिफिट मिलेंगे।
- मजबूत हड्डियां (strong bones)
- सामान्य रक्तचाप
- टेंशन और एंजायटी में कमी
- आत्मसम्मान में वृद्धि (self esteem)
- वेट मैनेजमेंट
एक साथ बैठ कर ही मील लें (Having Meal with Family)
जो परिवार एक साथ बैठ कर डिनर करते हैं वह हेल्दी मील खाते हैं और उनमें मोटापा बढ़ने के चांस भी बहुत कम ही होते हैं। असल में जो बच्चा पूरे परिवार के साथ अपना मील लेता है तो वह उस समय टीवी या फोन का प्रयोग नहीं कर पाता। इस कारण उसका पूरा ध्यान खाने की प्लेट पर होता है वह ओवर ईटिंग नहीं कर पाता। अगर बच्चे को भूख कम लगती है, तो डॉक्टर से मिलकर सलाह लें क्योंकि ये ईटिंग डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है।
स्क्रीन टाइम सीमित करें (limit Screen Time)
जब बच्चे बहुत ज्यादा देर तक टीवी या फोन देखते रहते हैं तो वह अपनी सेहत के बारे में बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं। वह टीवी की चाह में समय से सोना व समय से खाना भी भूल जाते हैं। इस कारण वह कई बार तो ओवर ईटिंग (overeating) भी कर लेते हैं जो मोटापे की एक मुख्य वजह होती है। यदि आपके बच्चे भी अधिक समय तक स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं तो वह भी मोटापे (obesity) का शिकार बन सकते हैं। ऐसा करने से उनकी शारीरिक गतिविधियां भी बहुत कम हो जाती हैं। इसलिए उनका स्क्रीन टाइम (screen time) सीमित कर 2 घंटे कर दें। लेकिन 2 साल या उससे छोटे बच्चे को स्क्रीन की आदत ना डालें।
पेडोमीटर का प्रयोग करें (Pedometer)
यदि आपके परिवार के सदस्य या आपके बच्चे ज्यादा एक्सरसाइज नहीं करते हैं और ज्यादातर समय घर के अंदर ही बिता देते हैं तो आप इस समस्या से पीछा छुड़ाने के लिए किसी एक्टिविटी ट्रेकर या पेडोमीटर का प्रयोग कर सकती हैं। जब एक बार बच्चे यह गिनना शुरू कर देते हैं कि वह कितने कदम चले हैं तो वह अगली बार और अधिक चलने की कोशिश करेंगे। इससे उनकी ज्यादा से ज्यादा शारीरिक गतिविधि (physical activity) भी हो जाएगी और उनका मनोरंजन भी हो जाएगा।
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कुछ स्मार्ट स्नेक्स का प्रयोग करें (Smart Snacks)
यदि आपके घर में बच्चे फ्रिज में से हर चीज उठा कर खा जाते हैं तो आप फ्रिज में पौष्टिक चीजें रख सकते हैं। यदि आप ग्रोसरी लेते समय बहुत सारे चिप्स, चॉकलेट (chips and chocolates) आदि लेकर आती हैं तो इन चीजों को फलों व कुछ मजेदार व पौष्टिक चीजों से बदल लें। यदि आपके बच्चे ऐसी चीजें खाएंगे तो यह उनके लिए एक हेल्दी ऑप्शन (healthy option) होगा और इनसे उन्हें अधिक पोषण nutrition भी मिलेगा और उनका ज्यादा वजन भी नहीं बढ़ेगा (no weight gain)।
उनके सोने के लिए अधिक समय निर्धारित करें (Fix Bed Time)
यदि आपके बच्चे थोड़े बड़े हो रहे हैं और अब वह नींद को जरूरी नहीं समझ रहे हैं तो यह आपकी जिम्मेदारी है कि यह सुनिश्चित करें की वह पर्याप्त मात्रा में सो रहे हों (sleep on time)। कई बार अधिक स्कूल के काम या खेलने के चक्कर में बच्चे सोने को तवज्जो नहीं देते है और यदि हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में आराम नहीं करता है तो उसमे मोटापा (gain weight) बढ़ने लगता है। इसलिए अपने बच्चों के टाइम टेबल में सोने को भी उतना ही महत्त्व दें जितना की बाकी कामों के देते है ।
यदि आपका बच्चा इन सभी टिप्स को फॉलो करता है तो वह फिजिकली एक्टिव और हर प्रकार की शारीरिक बिमारियों से भी दूर रहेगा। यही नहीं वह अपने सभी कामों को भी समय से पूरा कर पाएगा। याद रखें कि बच्चे को कोई सा भी नियम फॉलो करने के लिए आप तभी कह सकतीं हैं जब आप खुद भी उस नियम को अपनाएं। वरना बच्चा आनाकानी भी कर सकता है।
डॉ सुमित गुप्ता, पीडियाट्रिशियन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल गाजियाबाद से बातचीत पर आधारित
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