सीजर का निदान कैसे होता है

सीजर के फिट पड़ने पर रोगी सुध-बुध खो देता है। यह एक मानसिक रोग है जिसका निदान करने के लिए जरूरी है कि डॉक्‍टर इसके कारणों को सही प्रकार जानें। एमआरआई, ईईजी के जरिये डॉक्‍टर रोग का निदान करने का प्रयास करता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
सीजर का निदान कैसे होता है

सीजर के फिट्स बिना किसी चेतावनी के शुरू होते हैं। इसमें व्‍यक्ति अपनी चेतना खो देता है। ऐसे व्‍यक्ति को निम्‍नलिखित लक्षण नजर आते हैं।

  • व्‍यक्ति का शरीर अकड़ जाता है। उसके हाथ पैर फैल जाते हैं और पैर व टांगे आर्क की तरह हो जाते हैं। व्‍यक्ति का अपने शरीर पर नियंत्रण नहीं रहता और वह नीचे गिर जाता है।
  • इन दौरान व्‍यक्ति बहुत जोर से रोने लगता है इसे एपिलेप्सी क्राई भी कहा जाता है। जैसे डायफ्राम अनुबंध जोर से हवा का बाहर आने लगती है और व्‍यक्ति बेसुध सा हो जाता है।
  • हाथ पैरों में मरोड़ पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में बल पड़ने लगते हैं।
  • व्‍यक्ति का मल और मूत्र त्‍याग पर भी नियंत्रण नहीं रहता। अनायास मूत्र और मल का निकलना

 
आमतौर पर यह दौरा 2 मिनट या कई बार उससे भी कम समय में शांत हो जाता है। यदि व्‍यक्ति नींद में है, तो यह दौरा लंबा खिंच सकता है। इसके साथ दौरा पड़ने के 24 घंटे तक व्‍यक्ति को मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, थकावट और ध्‍यान केन्द्रित करने में कठिनाई महसूस होती है।

seizure

निदान

सीजर के लक्षण देखने के बाद सबसे पहले डॉक्‍टर यह जानने का प्रयास करेगा कि आखिर किन कारणों से आपको ऐसे फिट पड़ते हैं। कहीं ब्‍लड शुगर का कम होना या एक्‍लाम्प्सिया तो सीजर के लक्षणों को उत्‍तेजित तो नहीं करते। एक बार डॉक्‍टर दौरे के कारणों की पुष्टि कर ले तो उसके बाद वह इलाज की रूपरेखा तैयार करता है।

शारीरिक जांच

यदि डॉक्‍टर अपनी जांच में यह पाए कि आपके दौरे अकारण हैं और ये किसी अन्‍य समस्‍या के कारण नहीं हैं, तो डॉक्‍टर विकल्‍पों की तलाश करेगा। वह आपका और आपके परिवार का चिकित्‍सीय इतिहास जानेगा। इसके साथ ही वह किसी ऐसे व्‍यक्ति से बात करेगा, जिसके सामने आपको दौरे पड़ते हों। शारीरिक जांच के बाद डॉक्‍टर नर्व जांच और रक्‍त की जांच आदि भी करेगा। इससे उसे रोग के कारणों को पहचानने में काफी मदद मिलेगी। लेकिन, कई बार सभी परीक्षणों के नतीजे सामान्‍य ही रहते हैा।

ईईजी

आपका डॉक्टर ईईजी यानी इलेक्ट्रो एनसी फालोग्राम जांच करने को कहेगा, इससे आपके मस्तिष्‍क की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलती है। मिर्गी से पीडि़त 40 से 50 फीसदी लोगों के दौरों के पैट्रन के संयोजन से ही निदान हो जाता है | यदि पहली ईईजी सामान्य है, तो एक बार फिर  ईईजी की जाती है। इससे आमतौर पर असामान्य मस्तिष्क तरंगों के पैट्रन की पहचान हो जाती है |
 
कभी-कभी ईईजी की जांच भी दौरे की गतिविधियों को दिखाने में असफल हो जाती है और निदान लोगों की रिपोर्ट्स पर निर्भर करता है जिन्होंने उस दौरे के एपिसोड को देखा है।

mri

एमआरआई

कुछ मामलों में डॉक्टर (एमआरआई ) या कम्प्यूटिड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन कराने को कह सकते हैं। इससे दिमाग की समस्या का पता चल सकता है। डॉक्‍टरों को यह जानने में आसानी होती है कि कहीं मस्तिष्क का ट्यूमर या सिर की कोई पुरानी चोट तो इस समस्‍या के मूल में तो नहीं। यह स्कैन बहुत ही महत्वपूर्ण है :
 
*आप अपने पहले जेनेरलआइस्ड सीजर के साथ वयस्क हैं
*आप लक्षणों के असामान्य पैट्रन हैं
* आपके स्नायविक परीक्षण असामान्य हैं
*आपके पास मस्तिषक क्षति का इतिहास है (जन्म आघात , सिर की चोट , मस्तिष्क ट्यूमर, एंसिफलितिक्स, मैनिंगितीस ) |

Read Next

गैजेट्स जो स्वस्थ खानपान में करें आपकी मदद

Disclaimer

TAGS