अगर आप अवसाद से पीड़ित हैं, तो आपको थकान, लाचारी, और नाउम्मीदी का एहसास हो सकता है। इन हालातों में आपको खुद की मदद करना अत्यंत मुश्किल सा लग सकता है। लेकिन यह जानना बेहद ज़रूरी है कि ये सारी मनोदशाएँ अवसाद का हिस्सा हैं और ये सही स्थिति को ठीक ढंग से नहीं दर्शाते हैं। जैसे जैसे आप अपने अवसाद को पहचानने लग जाएंगे और उपचार की शुरूआत कर देंगे, तब नकारात्मक विचार गायब होते चले जाएंगे। आइये जानते हैं कि किस प्रकार से आप खुद अपने अवसाद को कम करने में अपनी मदद कर सकते हैं।
खुद को व्यस्त रखें
खुद को दिनभर हल्के फुल्के कार्यों में या व्यायाम में व्यस्त रखें। ऐसे कार्य करें, जिसमें आपका मनोरंजन हो और आपको खुशी मिले जैसे कि फिल्म देखना, बॉल गेम खेलना। अपनी रूचि के अनुसार सामाजिक, धार्मिक या अन्य कार्यकमों में हिस्सा लें।
यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें
अवसाद का एक कारण सही वक्त पर लक्ष्य पूरे न होना भी होता है। इससे बचने के लिए यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें। बड़े बड़े कार्यों को छोटे छोटे हिस्सों में बांटे, कुछ काम की प्राथमिकताएं निर्धारित करें और ऐसा कार्य करें, जिसे संपन्न करने की आपमें पूर्ण क्षमता हो।
सामाजिक रूप से सक्रिय हों
अन्य लोगों के साथ समय बिताएं और किसी भरोसेमंद मित्र या रिश्तेदार के साथ अपनी गुप्त बातों को बताएं। अपने आपको सबसे अलग थलग करने की कोशिश न करें और दूसरों को आपकी मदद करने दें।
धैर्य रखें
इस बात की उम्मीद रखें कि आपकी मनोदशा धीरे धीरे सुधरेगी। शीघ्रता से सुधरने की आशा न रखें। अपने अवसाद से एक झटके में बाहर आने के चमत्कार की अपेक्षा न करें। अक्सर ऐसा पाया जाता है कि इलाज के दौरान मनोदशा में खास बदलाव आने से पहले मरीज की नींद और भोजन करने की इच्छा में सुधार आता है।
महत्वपूर्ण निर्णय लेने में वक्त लगाएं
अवसाद की स्थिति में अक्सर लोग महत्वपूर्ण निर्णयों में गलती कर देते हैं। जैसे कि शादी या तलाक से संबंधित निर्णय, ब्रेकअप के निर्णय या फिर नौकरी बदलना। निर्णय लेने में थोड़ा वक्त लें। पहले अवसाद से बाहर निकलें। अपने निर्णयों को अपने उन शुभचिंतकों के साथ बाटें, जो आपको भलीभांति जानते हों और आपकी स्थिति का सही आकलन करें।
इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि इलाज के दौरान जैसे जैसे आपकी स्थिति में सुधार होने लगेगा, वैसे वैसे आपके मन में नकारात्मक विचारों के स्थान पर सकारात्मक विचार आने लगेंगे।