डायबिटीज का रोग दिनप्रतिदिन विकराल रूप लेता जा रहा है। आजकल ना सिर्फ वृद्ध बल्कि छोटे छोट बच्चे भी डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं। आम तौर पर डायबिटीज से पीड़ित लोगों को पैरों से सम्बंधित समस्याएं भी होती हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि डायबिटीज कभी अकेले नहीं आता है। ये जब भी आता है तो अपने साथ अन्य कई बीमारियां साथ लाता है। ऐसे में कोई भी त्वचा संबंधी समस्या, संक्रमण या चोट को ठीक होने में बहुत समय लगता है। सर्दियों में ये समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि इस मौसम में एड़ियां फट जाती हैं और अधिक फटने पर घाव भी हो सकते हैं।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ऑटोमैटिक डिवाइस की खोज की है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान सबित हो सकता है। इस डिवाइस का नाम आर्टिफिशियल पैंक्रियाज रखा गया है क्योंकि यह शुगर लेवल को खुद ब खुद कंट्रोल में रखता है। यह डिवाइस डायबिटीज टाइप-2 के मरीजों के लिए खासी राहत लेकर आया है क्योंकि अब उन्हें बार-बार इंसुलिन का इंजेक्शन नहीं लेना होगा। खबरों के मुताबिक यह अगले साल तक बाजार में आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस डिवाइस को ऑन करते ही यह शरीर में ग्लूकोज लेवल को मॉनिटर करना शुरू कर देता है।
डिवाइस जरूरत पडऩे पर रेगुलर इंटरवल पर डायबिटिक मरीज की स्किन में इंसुलिन को पैचेज के जरिये भेजता रहता है। इसका साइज सिर्फ आईफोन जितना है और इसे कपड़ों के नीचे आसानी से पहना जा सकता है। फिलहाल डिवाइस की अनुमानित कीमत नहीं बताई गई है लेकिन इतना तो तय है कि भारत में डायबिटीज के 5 करोड़ मरीजों के लिए यह अच्छी खबर है।
ज्य़ादातर लोगों को समय-समय पर इंसुलिन का इंजेक्शन लगवाना होता है, जिससे अब उन्हें छुटकारा मिल जाएगा। दूसरी तरफ टाइप-2 स्टेज के मरीजों को कई बार हर घंटे उंगलियों में इंजेक्शन के सहारे ब्लड में ग्लूकोज लेवल की जांच करनी होती है, यह उपकरण लोगों को इस दर्द से छुटकारा दिला देगा और इससे ब्लड शुगर का लेवल भी देखा जा सकेगा।
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