टाइप-2 डायबिटीज मौजूदा समय की एक ऐसी बीमारी है, जिससे विश्वभर में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हैं। युवा हो या फिर बुजुर्ग किसी भी व्यक्ति कई कारण से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने से जूझ सकता है। कुछ को डायबिटीज हो सकती है क्योंकि ये उनके जीन में होती है जबकि कुछ अपनी जीवनशैली के कारण इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। उनके खान-पान संबंधी चीजों का चुनाव और नियमित रूप से एक्सरसाइज न करना उनमें डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देता है और फिर उन्हें अपनी सारी उम्र इस बीमारी के साथ रहना पड़ता है।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो तब होती है जब बॉडी के पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होता है। इंसुलिन हमारे रक्त में शुगर की मात्रा की नियमित करता है। समय के साथ-साथ इस बीमारी से जूझ रहे लोगों में घातक बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि हमारा शरीर इंसुलिन का प्रतिरोध करना शुरू कर देता है। किसी भी व्यक्ति को डायबिटीज के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति से जूझना पड़ सकता है।
टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अपनी बॉडी में रक्त शुगर के स्तर को नियंत्रित करने का एक वैक्लपिक तरीका ढूंढना होता है और अपनी नियमित मील में किसी विशेष खाद्य समूह को शामिल कर अपने रक्त स्तर को एक उचित स्तर पर बनाए रखने में मदद मिल सकती है। कुछ अध्ययनों में दावा किया गया है कि लो या फिर बिना कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट किसी भी व्यक्ति को डायबिटीज से पार पाने में मदद कर सकती है।
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बिस्पेबर्ज अस्पताल के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि लो कार्ब डाइट लोगों को वजन घटाने के साथ-साथ अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकती है। अध्ययन में खुलासा हुआ कि अगर मरीज कम या बिना कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट लेते हैं तो वह अपना ब्लड शुगर लेवल सुधार सकते हैं। अध्ययन में यह भी सलाह दी गई कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अधिक से अधिक अच्छा फैट और प्रोटीन वाला आहार लेना चाहिए।
ऐसे बहुत से पुख्ता सबूत सामने आ रहे हैं, जो इस दावे का समर्थन कर रहे हैं कि इस प्रकार के डाइट रूटीन का प्रयोग करने से वजन घटाने और ब्लड शुगर के स्तर को कम रखने में तेजी से मदद करेगा। हालांकि कुछ सबूत ऐसे भी है, जो पारंपरिक ज्ञान पर आधारित हैं। वहीं एनएचएस ने डायबिटीज से पीड़ित लोगों को कार्बोहाइड्रेट से युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा के सेवन पर ध्यान देने को कहा है क्योंकि यह हमारे बॉडी द्वारा तोड़े जाते हैं और यह बाद में ग्लूकोज में तब्दील हो जाते हैं।
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दानिश हेल्थ अथॉरिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डायबिटीज से पीड़ित 85 फीसदी मरीजों का जरूरत से ज्यादा वजन होता है इसलिए उन्हें अतिरिक्त वजन घटाने में मदद करने के लिए इस प्रकार के उपचार पर ध्यान दिया जाता है। डायबिटीज जीवनशैली से जुड़ी एक बीमारी है, इसलिए मरीज अपनी जीवनशैली में मामूली बदलाव कर इससे छुटकारा पाने में खुद अपनी मदद कर सकते हैं।
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