एक महिला के लिए मां बनना किसी सपने से कम नहीं होता। लेकिन गर्भावस्था के समय हर महिला को अपनी सेहत के लिए सतर्क रहना भी जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई बड़े बदलावों से होकर गुजरना पड़ता है और बच्चे के मस्तिष्क विकास के लिए महिला को गर्भावस्था में अपने खानपान का खास ध्यान देना जरूरी हो जाता है। अगर आप चाहती हैं कि आपका बच्चा तेज दिमाग वाला हो, तो गर्भावस्था के दौरान जरूर ये चीजे खाएं। गर्भावस्था के दौरान मां का खाना बच्चे के विकास के लिए बेहत ही फायदेमंद माना जाता है।
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हर मां का सपना यही होता है कि उसका बच्चा सेहत के साथ दिमाग से भी परफेक्ट हो। तो अगर आप भी चाहती हैं एक परफेक्ट और तेज दिमाग वाला बच्चा तो आप गर्भावस्था के दौरान ही कुछ खास चीजों का ख्याल रखें। जब महिला कंसीव करती है तो 21 दिनों बाद ही बच्चे का मस्तिष्क बनना शूरू हो जाता है और गर्भावस्था में मां जो खाना खाती है, उसका सीधा असर बच्चे के दिमाग के विकास पर पड़ता है। गर्भावस्था के 168 दिनों से लेकर 294 दिनों में बच्चे के दिमाग में बहुत बदलाव होते हैं, वहीं गर्भावस्था के चौथे महीने तक बच्चे के दिमाग में महत्वपूर्ण विकास हो जाता है।
बच्चे के मस्तिष्क विकास के लिए मां को अच्छा आहार लेना जरूरी होता है इसलिए गर्भावस्था के दैरान में जितनी हेल्दी डाइट रख सकती हैं, रखें। तो आइए जानते हैं कि इसके लिए क्या खाना चाहिए।
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पालक और हरी सब्जियां- फोलेट
जब एक नया डीएनए बनता है तो उसमें जरूरी होता है फोलेट जो पालक और हरी सब्जियों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके एंटीऑक्सिडेंट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और कई सारे मिनरल्स होते हैं जो बच्चे के मस्तिष्क को तेज करने में मदद करते हैं।
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सैडाइन (मछली)
सैडाइन मछली में डोकोसाहेक्सानोइक एसिड का अच्छा स्त्रोत है। डोकोसाहेक्सानोइक एसिड बच्चे के मस्तिष्क विकास में अहम भूमिका अदा करता है। सैडाइन में विटामिन डी की बहुत अच्छी मात्रा होती हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हफ्ते में कम से कम फिश के दो हिस्से खाने चाहिए, जिसमें से एक ऑयली होना चाहिए। फिश को या तो पैन फ्राई कर लें या ग्रिल करके खाएं।
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अंडे
अंडे हमारे शरीर को केवल प्रोटीन और आयरन ही नहीं बल्कि विटामिन और मिनरल्स का बढ़िया स्त्रोत देता हैं जो एक बच्चे के मस्तिष्क को विकसित करने में भूमिका निभाता है। अंडे याद्दाश्त और सीखने की क्षमता को बढ़ाता है।
कद्दू के बीजे
गर्भावस्था के समय कद्दू जरूर शामिल करें क्योंकि कद्दू के बीजे में जिंक का शानदार स्त्रोत है जो मष्तिष्क की संरचना बनाने में अहम भूमिका अदा करता है। इसके अलावा मष्तिष्क के उन भागों को भी सक्रिय बनाता है जो सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का काम करते हैं।
दही या योगर्ट
अगर किसी महिला में गर्भावस्था के दौरान आयोडिन की कमी हो जाए तो यह उसके होने वाले बच्चे में मानसिक बीमारियों की वजह बन सकती है। इसलिए हर प्रेग्नेंट महिला को रोजाना योगर्ट या दही का सेवन जरूर करना चाहिए।
बीन्स और दालें
अगर आप नॉनवेज नही खाते तो इसकी जगह बीन्स और लेंटिल्स का सेवन करें क्योंकि इनमें प्रोटीन और आयरन का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। जो बच्चे के मष्तिष्क को तेज करने में मदद करता है।
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हर माता-पिता की चाहत होती है कि उनका होने वाला बच्चा सुंदर होने के साथ-साथ दिमाग का भी तेज हो, जिसके लिए मां को गर्भावस्था के दौरान ही अपने खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत होती है।
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