
राजधानी दिल्ली में लोगों की जिंदगी जितनी तेज रफ्तार से दौड़ रही है, उतनी ही तेजी से यहां के लोग खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। डायबिटी, हार्ट प्रॉब्लम, मानसिक तनाव समेत तमाम बीमारियां लोगों को अपने कब्जे में ले रही है। हाल के अध्ययन में एक बात सामने आई है, जिसके मुताबिक, दिल्ली के 71 फीसदी लोग पर्याप्त नींद नहीं ले पाते। इसी तरह 71 फीसदी का मानना है कि उन्हें आफिस के साथ ही घर में भी तनाव महसूस होता है।
दिल्ली में 79 प्रतिशत लोगों का मानना है उन्हें अधिक समय तक काम करना पड़ता है और यह हृदय को स्वस्थ रखने में एक बड़ी रुकावट बनता है। विश्व हृदय दिवस से पहले सफोलालाइफ अध्ययन 2017 पेश किया गया जिसमें यह पता लगाया है कि लोग क्यों अपने हृदय के स्वास्थ्य में सुधार के लिए कोशिश नहीं कर पा रहे, जबकि उन्हें इसके खतरों की भलीभांति जानकारी है। यह अध्ययन दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता में 1306 व्यक्तियों पर किया गया है।

दिल्ली में इस अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि रोजाना अधिक घंटों तक काम करने, काम के तनाव, नींद की कमी और काफी देर तक सफर करना दिल्लीवासियों को स्वस्थ हृदय रखने में प्रमुख रुकावटें बनते हैं। इसके अलावा स्वादिष्ट भोजन खाने की इच्छा भी इन कारणों में शामिल है।
इस अध्ययन में यह बताया गया है कि पुरुष व महिलाएं दोनों ही स्वादिष्ट भोजन की चाह और घर के बाहर खाने की आदत को सेहतमंद रहने की राह में रुकावट मानते हैं। वहीं, पुरुषों और महिलाओं के बीच कुछ अलग-अलग प्रकार की रुकावटें भी स्पष्ट होती हैं। जहां महिलाएं घरेलू कामों में लगने वाले समय को एक बड़ी रुकावट मानती हैं, वहीं पुरुष कहते हैं कि कार्यालय में काम का तनाव और अपर्याप्त नींद उनके द्वारा स्वस्थ रहने के लिए कोशिश न कर पाने की बड़ी वजह है।
इस अध्ययन परिणामों पर मेदांता के हृदय रोग विभाग में एसोसिएट डायरेक्टर डा. मनीष बंसल ने कहा कि, भारतीय सजग तो हो रहे लेकिन दिल की बीमारियां रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव लाने की आदतों का पालन काफी कम किया जाता है। अध्ययन में जहां खानपान की आदतें एक बड़ी रुकावट के रूप में सामने आई है, वहीं अधिक समय तक काम करने, रोजाना अधिक घंटों का सफर और काम के तनाव ऐसे प्रमुख कारण बनते हैं, जिनके चलते लोग हृदय को स्वस्थ बनाने की कोशिशें नहीं कर पाते। इस साल, विश्व हृदय दिवस के अवसर पर हम उपभोक्ताओं को एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हुए अपने हृदय के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।
IANS
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