कोरोनावायरस का प्रकोप पिछले 1 साल से जारी है। कोरोना के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। कोरोनावायरस की इस तबाही के बीच बोलीविया में एक और वायरस ने दस्तक दी है। जी हां, हाल ही में अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इस वायरस की पुष्टि की है। वैज्ञानिकों ने इस वायरस का नाम चैपर दिया है। चैपर वायरस (Chapare Virus) के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खतरनाक वायरस इंसानों से इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। इतना ही नहीं यह वायरस इबोला जैसे हेमोरैजिक फीवर (Hemorrhagic fever) का कारण बन सकता है। हालांकि, इबोला फैलने के शुरुआत में इबोला वायरस को भी खतरनाक माना गया था, लेकिन वैज्ञानिकों ने इबोला पर काबू पाने में कामयाबी हासिल की थी। अमेरिकन सोसायटी ऑफ ट्रोपिकल मेडिसीन एंड हाइजीन की सालाना मीटिंग में चापरे वायरस की रिपोर्ट पेश की गई थी।
साल 2019 में पहला मामला हुआ था उजागर
कोरोनावायरस की तरह की चैपर वायरस का पहला मामला साल 2019 में सामने आया है। बताया जा रहा है कि साल 2019 में बोलीविया के ला पाज शहर में दो मरीज संक्रमित हुए थे, जिसके बाद उन्हीं मरीजों से 3 स्वास्थकर्मी संक्रमित हुए थे। इन में से 1 मरीज और 2 स्वास्थ्य कर्मी की मौत हो गई थी। यह वायरस बोलीविया के चैपर इलाके से उजागर हुआ है, इसलिए इसका नाम चैपर रखा गया था। चैपर ला पाज से 370 मील दूर है।
अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के संक्रामक रोग विशेषज्ञ केटलिन कोसाबूम ने बताया कि चैपर वारयस शरीर में मौजूद तरल पदार्थों से पूरे शरीर में फैल सकता है। माना जा रहा है कि यह वायरस चूहों से इंसानों के बीच फैला है। केटलिन ने कहा कि शारीरिक तरल पदार्थों से फैलने वाले वायरस को श्वसन द्वारा फैलने वाले वायरस से अधिक आसानी से काबू पाया जा सकता है।
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चैपर वायरस के लक्षण
संक्रामक रोग विशेषज्ञ के अनुसार, चैपर वायरस के प्रमुख लक्षणों में आंखों में दर्द, बुखार, उल्टी, लाल चकत्ते और पेट में दर्द शामिल हैं। इस वायरस का कोई खास इलाज अभी दुनिया में मौजूद नहीं है, इसलिए इसका इलाज नसों में मौजूद तरह पदार्थों का किया जाता है।
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इंसानों से इंसानों पर कर सकता है प्रहार
इस वायरस को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस इंसानों से इंसानों को संक्रमित कर सकता है। इसे लेकर और अधिक रिसर्च की जरूरत है, जिससे भविष्य में फैलने वाले खतरे को रोका जा सके। CDC के पैथोलोजिस्ट मारिया मोराल्स ने इस बारे में कहा कि हमने वायरस पर जांच शुरू कर दी है, फिलहाल हमें यह आम बीमारी होने की उम्मीद है। अभी इसपर और अधिक जांच की जरूरत है।
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