Daily Habits That Can Affect Breast Milk Production in Hindi: जन्म के 6 महीने तक मां का दूध ही शिशु के लिए पूरक आहार होता है। मां के दूध में शिशु के स्वस्थ विकास और शारीरिक वृद्धि के लिए आवश्यक सभी आवश्यक पोषक तत्व, एंटीबॉडी और हार्मोन होते हैं। जब कोई महिला मां को स्तनपान करवाती है, तो न सिर्फ वह अपने बच्चे को भविष्य में आने वाली बीमारियों के लिए तैयार कर रही होती है, बल्कि स्तनपान मां और बच्चे के बीच एक खास प्यार को मजबूत करता है। स्तनपान के जरिए मां और बच्चे के बीच प्यार और लगाव बढ़ता है।
मैं खुद एक बच्चे की मां हूं और अपने बच्चे को आज भी जब मैं स्तनपान करवाती हूं, तो उसकी खुशी और जुड़ाव ही अलग होता है। स्तनपान के दौरान होने वाले एहसास को सिर्फ मां और बच्चे ही समझ सकते हैं। लेकिन कई बार नई मां द्वारा रोजमर्रा की जीवनशैली में की जाने वाली छोटी-छोटी गलत स्तन में बनने वाले दूध के उत्पादन को प्रभावित कर जाती है। इन गलतियों के कारण महिलाओं के स्तनों में दूध नहीं बन पाता है और इसकी वजह से बच्चे की भूख को शांत करने के लिए उन्हें फॉर्मूला मिल्क देना पड़ता है। महिलाओं की किन गलतियों के कारण स्तन में दूध का उत्पादन प्रभावित होता है, आज इस लेख के माध्यम से हम इसी विषय पर चर्चा करने वाले हैं। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से बात की।
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इन 5 आदतों के कारण कम होता है ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन- Daily Habits That Can Affect Breast Milk Production in Hindi
डॉ. आस्था दयाल के अनुसार, शिशु के जन्म के बाद महिलाओं की जिम्मेदारी दोगुनी हो जाती है। कई बार शिशु की देखभाल में महिलाएं इतना व्यस्त हो जाती हैं कि खुद की सेहत का ख्याल तक नहीं रख पाती हैं। खुद की सेहत में लापरवाही बरतने के कारण महिलाओं के स्तनों में दूध का उत्पादन कम होता है। स्तनों में दूध का उत्पादन कम होने के पीछे नीचे बताए गए 5 कारण हो सकते हैं।
1. डिहाइड्रेशन
महिलाओं के शरीर में पानी की कमी होने के कारण स्तनों में दूध का उत्पादन कम हो सकता है। डॉक्टर का कहना है कि स्तनपान के दौरान महिलाओं के लिए खुद को हाइड्रेट रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह बेहद महत्वपूर्ण है। ध्यान रहे कि आप जितना पानी और लिक्विड वाली चीजें पीते हैं, उसका असर आपके स्तनों में बनने वाले दूध पर भी पड़ता है। स्तन के दूध में लगभग 90% पानी होता है, और इसलिए, दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए महिलाओं को रोजाना लगभग 4 लीटर पानी पीना चाहिए।
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2. भोजन में पोषण की कमी
हाइड्रेटेड रहने के अलावा, स्तनपान कराने वाली मां को अपने खाने पर भी पूरा ध्यान देने की जरूरत होती है। डॉक्टर के अनुसार, अगर स्तनपान कराने वाली मां के खाने में पोषक तत्वों की कमी होगी, तो बच्चे का विकास भी बाधित होगा। यही कारण है स्तनपान कराने वाली महिलाएं को प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर खाना खाने की सलाह दी जाती है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रोजाना जीरा, पनीर, अजवाइन, कलौंजी और दूध का सेवन करना चाहिए।
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3. ज्यादा तनाव
डॉक्टर का कहना है कि स्तनपान कराने वाली महिलाएं अगर ज्यादा तनाव में रहती हैं, तो यह भी स्तन में बनने वाले दूध के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। मानसिक तनाव स्तनों में ऑक्सीटोसिन के स्राव को रोक सकता है, जो दूध निकालने के लिए जिम्मेदार एक हार्मोन है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो स्तनपान के दौरान थोड़ा बहुत तनाव होना एक आम बात है, लेकिन अगर महिलाएं हमेशा ही तनाव में रहती हैं, तो यह चिंता का विषय है। स्तनपान कराने वाली महिलाएं मानसिक तनाव कम करने के लिए ध्यान या योग का अभ्यास करें।
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4. ज्यादा फीडिंग या पंपिंग
पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप अपने फीडिंग सेशन में कितनी रेगुलर हैं। डॉक्टर का कहना है कि यूं तो शिशु को स्तनपान करने का कोई निश्चित समय नहीं होता है, लेकिन जब भी शिशु में भूख के लक्षण दिखें, तो उन्हें स्तनपान कराएं। डॉक्टर का कहना है कि नवजात शिशुओं को अक्सर दिन में 8-12 बार स्तनपान कराने की आवश्यकता होती है। नई मांओं को हर 4 घंटे पर स्तनपान कराना चाहिए। ऐसा करने से स्तनों में दूध का उत्पादन रेगुलट होता है।
साथ ही, जो महिलाएं स्तनों के दूध को पंपिंग के जरिए बाहर निकालकर उसे स्टोर करके बच्चे को देती हैं, उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए। डॉ. आस्था का कहना है कि शिशु जब सीधे मां के स्तनों से दूध पीता है, तो यह महिला के दिमाग से डायरेक्ट कनेक्शन बनाता है, जिसकी मदद से स्तनों में दूध का उत्पादन बढ़ता है।
हम उम्मीद करते हैं इस लेख को पढ़ने के बाद नई मांएं इन गलतियों को करने से बचेंगी और शिशु के लिए सही मात्रा में दूध का उत्पादन कर पाएंगी।
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