कई बार त्वचा के लिए उत्पादों का चयन करते समय हम कुछ बेहद जरूरी तत्वों की अनदेखी कर देते हैं। इसका खामियाजा हमें बाद में भुगतना पड़ता है। अगर आपके चहरे पर भी अचानक लाल चकते उभर आये हैं या खुजली हो गयी है तो, इसके पीछे आपकी क्रीम या अन्य कोई सौंदर्य प्रसाधन हो सकता है।
अगर आपकी क्रीम में एमआई और एमसीआई नामक प्रिजर्वेटिव हैं, तो वह उत्पाद आपके इस्तेमाल योग्य नहीं है। दरअसल, ये प्रिजर्वेटिव क्रीम में डाले जाने से पहले सिर्फ दीवार के पेंट में ही इस्तेमाल किये जाते थे। त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि इन दोनों प्रिजर्वेटिव मिथाइल आइसोथीयाजोलिनन (एमआई) और मिथाइल क्लोरो आइसोथीयाजोलिनन (एमसीआई) का इस्तेमाल अब अधिकतर सौंदर्य प्रसाधनों में भी किया जाने लगा है। इसके चलते त्वचा की एलर्जी की शिकायतों में कई गुना इजाफा हुआ है।
ब्रिटिश अखबार डेली मेल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सौंदर्य प्रसाधन के क्षेत्र में फ्रांस की एक दिग्गज कंपनी के रिवाइटल लिफ्ट लेजर रिन्यू माइश्चराइजर, एंटी बैक्टीरियल गीले टिश्यू पेपर, वनडे लांग लोशन और जर्मनी की एक सौंदर्य प्रसाधन कंपनी के बॉडी लोशन में एमआई और एमसीआई प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी वजह से इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों में एलर्जी की शिकायतें काफी बढ़ रही हैं।
गीले टिश्यू पेपर के इस्तेमाल की वजह से त्वजा लाल हो जाती है और साथ ही खुजली और चकते बन जाते हैं। कानूनन सौंदर्य प्रसाधनों में 0.01 प्रतिशत एमआई और 0.015 प्रतिशत एमसीआई का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन विशेषज्ञों की राय में सौंदर्य प्रसाधनों में इन दोनों प्रिजर्वेटिवों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देना चाहिये।
प्रिजर्वेटिव के इस्तेमाल से होने वाली एलर्जी की अधिकतर शिकार 40 साल से अधिक उम्र की महिलायें हैं। क्रीम के अलावा इनका इस्तेमाल मस्कारा, क्लिंजर, टोनर, शेव फोम, शॉवर जेल, फेस जेल और बालों के उत्पाद में भी किया जाता है। ब्रिटेन में त्वचा विशेषज्ञों ने बाकायदा बैठक कर सौंदर्य प्रसाधनों में इस्तेमाल होने वाले प्रिजर्वेटिव के नुकसान के खिलाफ मुहिम छेड़ने का फैसला लिया।
बैठक में यह भी कहा गया कि सौंदर्य प्रसाधन कंपनियों से भी इन उत्पादों का इस्तेमाल न करने का आग्रह किया जाएगा। जिससे उसका इस्तेमाल करने वाले पर बुरा असर होता हो।
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