Corona Vaccine: मात्र 225 रुपये में मिलेगा कोरोना का टीका, जानें भारतीय बाजारों में कब उपलब्ध होगी ये वैक्सीन

सीरम इंस्टिट्यूट अभी ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी, एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स के कैंडिडेट्स वैक्सीन बना रही है। अगर वैक्सीन आखिर तक सफल रहा, तो बाजार में आएगा।
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Corona Vaccine: मात्र 225 रुपये में मिलेगा कोरोना का टीका, जानें भारतीय बाजारों में कब उपलब्ध होगी ये वैक्सीन

देश और दुनिया में कोरोनावायरस का कहर लगातार जारी है। भारत में पिछले बीते 24 घंटों में 933 लोगों की मौत हुई है और 61,537 नए मरीज सामने आए हैं। पर इस बीच के एक राहत की खबर भी आ रही है कि भारत की देसी दवा निर्माता कंबनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविड- 19 महामारी के खिलाफ तैयार हो रहे टीके की कीमत निर्धारित कर दी है। इस टीके की कीमत मात्र 225 रूपए रखी गई। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने शुक्रवार को कहा कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी(Gavi) के साथ बड़ी साझेदारी हुई है। इस साझेदारी के तहत भारत और निम्न आय वाले देशों को सिर्फ 3 डॉलर यानी कि 225 रुपये में ही कोरोना वैक्‍सीन उपलब्ध हो सकेगी। 

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सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया लाएगी ये वैक्सीन

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए द वैक्सीन अलायंस (GAVI) और द बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ बड़ी डील की है। सीरम इंस्टिट्यूट में बनने वाले कोरोना वैक्सीन को कोविशील्ड (Covishield) नाम दिया गया है। इस डील से सीरम इंस्टिट्यूट की कोरोना का टीका बनाने की क्षमता बढ़ जाएगी और वो ज्यादा वैक्सीन की तेज उत्पादन कर सकेगी। कंपनी भारत के साथ-साथ कुछ निम्न और मध्यम आय वाले देशों में वैक्सीन के 10 करोड़ डोज तुरंत उपलब्ध करवाने की व्यवस्था कर रही है। 

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डील के बाद गेट्स फाउंडेशन GAVI को 15 करोड़ डॉलर  की रिस्क फंडिंग करेगा। मतलब ये कि अगर वैक्सीन आखिरी चरण में असफल रहा, तो तब तक बने वैक्सीन का खर्च द वैक्सीन अलायंस (GAVI)  उठाएगी। यानी कि अगर टीका बनकर बर्बाद हो गया, तो कंपनी को उसका नुकसान नहीं उठना पड़ेगा।

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भारतीय बाजारों में कब उपलब्ध होगी ये वैक्सीन?

'कोविशील्ड (Covishield)' नाम इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है और लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही ये ट्रायल सफल तरीके से पूरा हो जाए। अगर ये वैक्सीन आखिर तक सफल साबित हुए तो उन्हें बाजार में उतारा जाएगा। तब वैक्सीन के लिए लाइसेंस और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अनुमति ली जाएगी। कंपनी ने वैक्सीन की सप्लाई के लिए 30 जुलाई को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स इंक (Novavax Inc) से समझौता किया था। खबरों की मानें, तो साल 2021 की पहली छमाही तक भारत और अन्य देशों में इस वैक्सीन का वितरण के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा। 

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बता दें कि दुनियाभर में दर्जनों वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। कुछ देशों में वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में हैं, वहीं रूसी वैक्सीन को अपना दूसरा चरण पूरा करना बाकी है। वैक्सीन के डेवलपर ने 3 अगस्त तक इस चरण को पूरा करने की योजना बनाई है। वहीं इजरायल ने गुरुवार को दावा किया कि उसने कोरोना वायरस के खिलाफ एक 'जादुई असर' करने वाली वैक्‍सीन को बना ली है। इजरायल ने कहा कि अभी उसे इंसानों पर परीक्षण के लिए सरकारी अनुमति लेनी होगी। इस वैक्‍सीन का शरदकालीन छुट्ट‍ियों के बाद परीक्षण शुरू कर दिया जाएगा। कुछ मिलाकर पूरी दुनिया इस महामारी से निजात पाने के उपायों को ढूंढने में लगी हुई है, बस उम्मीद है कि जल्द से जल्द कोई कारगर और सटीक वैक्सीन और दवाओं का निजात हो जाए।

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