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बच्चों को डिप्रेशन से क्या जोखिम हो सकते हैं? जानें बचाव के तरीके

कुछ स्थितियों में बच्चों को भी स्ट्रेस का शिकार होना पड़ सकता है। इस लेख में जानते हैं कि बच्चों को डिप्रेशन से क्या जोखिम हो सकते हैं और इनसे कैसे बचाव किया जा सकता है?
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बच्चों को डिप्रेशन से क्या जोखिम हो सकते हैं? जानें बचाव के तरीके

बच्चों में कभी काम की टेंशन, तो कभी स्कूल की पढ़ाई के प्रेशर के चलते स्ट्रेस का सामना करना पड़ सकता है। कई बार घर की तनावपूर्ण स्थिति भी बच्चों में स्ट्रेस और तनाव को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभा सकती है। फिलहाल इस उम्र में बच्चों का जीवन बेहद सरल होता है और ज्यादातर बच्चे अपने खेल-कूद में व्यस्त रहते हैं। लेकिन, कुछ बच्चों को डिप्रेशन का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में बच्चा अक्सर अलग-थलग रहता है, और वह अपने दोस्तों के साथ भी समय बिताने से कतराता है। छोटी उम्र में डिप्रेशन होने पर बच्चे को उदासी, आत्म-विश्वास की कमी लंबे समय तक बनी रह सकती है। यह एक गंभीर मानसिक स्थिति होती है, जिसे यदि समय पर पहचाना या इलाज न किया जाए, तो इससे जुड़ी परेशानियां हो सकती है। इस लेख में यशोदा अस्पताल की पीडियाट्रिक्स सीनियर कंसल्टेंट डॉ. दीपिका रूस्तगी से जानते हैं कि बच्चों में डिप्रेशन होने पर किस तरह के जोखिम कारक हो सकते हैं। साथ ही, इस समस्या से कैसे बचाव किया जा सकता है।

बचपन के डिप्रेशन की पहचान कैसे करें? - Symptoms Of Depression in Children In Hindi

बचपन में डिप्रेशन के लक्षण कभी-कभी स्पष्ट नहीं होते, लेकिन इनमें आगे बताए लक्षण शामिल हो सकते हैं।

  • लगातार उदासी या चिड़चिड़ापन रहना
  • खेलने या पसंदीदा चीजों में रुचि न लेना
  • भूख या नींद में बदलाव
  • खुद को हमेशा दोषी मानना
  • स्कूल से दूरी बनाना या पढ़ाई में खराब प्रदर्शन
  • एनर्जी की कमी और थकावट, आदि।
  • अगर ये लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक बने रहें, तो यह डिप्रेशन का संकेत हो सकता है।

बचपन में डिप्रेशन के संभावित जोखिम - Complications Of Depression in Children In Hindi

बच्चे शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट

डिप्रेशन बच्चे की एकाग्रता, याददाश्त और सीखने की क्षमता को प्रभावित करता है। इससे बच्चे की स्कूल में रुचि खत्म हो सकती है और उसका प्रदर्शन लगातार गिरता जाता है।

सामाजिक अलगाव

डिप्रेशन की वजह से बच्चा अपने दोस्तों, परिवार और सामाजिक गतिविधियों से दूर हो सकता है। यह अलगाव उसकी आत्म-छवि और आत्मविश्वास को कमजोर करता है।

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व्यवहार संबंधी समस्याएं

कुछ बच्चे गुस्से, आक्रामकता, या जिद के रूप में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। इससे उनके पारिवारिक और सामाजिक संबंध बिगड़ सकते हैं। साथ ही, इससे उनके दोस्तों की संख्या कम होने लगती है।

शारीरिक स्वास्थ्य पर असर

डिप्रेशन केवल मानसिक ही नहीं, बल्कि शारीरिक रूप से भी नुकसान पहुंचाता है। इससे सिरदर्द, पेट दर्द, थकान, और भूख में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

खुद को नुकसान पहुंचाने वाला विचार आना

डिप्रेशन से ग्रसित कुछ बच्चे आत्महत्या के बारे में सोचने लगते हैं और कुछ मामलों में वह प्रयास भी कर सकते हैं। यह स्थिति अत्यंत गंभीर होती है और ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

बचपन के डिप्रेशन की रोकथाम के उपाय - Prevention Tips Of Depression In Children In Hindi

  • बच्चे से खुलकर बात करें। उसे यह विश्वास दिलाएं कि वह अपनी भावनाएं बिना डरे आपसे साझा कर सकता है।
  • बच्चे की लाइफस्टाइल को सरल और संतुलित बनाएं, जिससे वह खेल और पढ़ाई में रुचि लें।
  • घर का माहौल शांत और प्रेमपूर्वक बनाएं।
  • बच्चे को खेलकूद, योग, डांस जैसी गतिविधियों में शामिल करें। यह गतिविधियां बच्चे के तनाव कम करने में मदद करती है।
  • अच्छा पोषण और पूरी नींद मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। जंक फूड और स्क्रीन टाइम सीमित करें।

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बच्चों में डिप्रेशन एक गंभीर समस्या हो सकती है, जिसे समय पर पहचाना जाए तो उसके जोखिम कारकों से बचा जा सकता है। बच्चों को समझना, उनसे जुड़ाव बनाए रखना, और भावनात्मक सुरक्षा प्रदान करना बेहद जरूरी होता है। बच्चों की मानसिक स्थिति का प्रभाव उनकी आने वाली जिदंगी पर पड़ सकता है।

FAQ

  • बच्चों में डिप्रेशन के क्या लक्षण हैं?

    उदास और चिड़चिड़ा, पसंदीदा गतिविधियों में कोई रूचि न होना, मित्रों और सामाजिक स्थितियों से दूरी बनाना आदि।
  • बच्चों में चिड़चिड़ापन क्यों होता है?

    बच्चों में चिड़चिड़ापन कई कारणों से हो सकता है, जिनमें शारीरिक, भावनात्मक, और पर्यावरणीय कारक शामिल हैं। भूख, थकान, नींद की कमी, या किसी बीमारी के कारण बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं।

 

 

 

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