जब आप अपने शरीर की कैलोरी खर्च करने से ज्यादा ग्रहण करते हैं, तब वजन बढ़ना आरम्भ होता है। जब आप ज़रुरत के हिसाब से अधिक कैलोरी का सेवन करते हैं, तब अतिरिक्त कैलोरी परिवर्तित होकर फैट के रूप में एकत्र हो जाती है। और अगर आप एक लंबे समय तक नियमित तौर पर अतिरिक्त कैलोरी ग्रहण करते हैं, तो आप मोटे हो जाते हैं। बहुत से लोग बढ़ते मोटापे से परेशान होते हैं लेकिन इसका असली कारण नहीं जानते। अगर आपकी समस्या ऐसी ही कुछ है तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़े। जीं हां मोटापा बढ़ने के कैलोरी के अलावा भी कई कारण होते हैं, तो चलिये जानें क्या हैं ये कारण।
उच्च वसा (परिष्कृत शर्करा युक्त भोजन)
हर दिन ग्रहण किया जाने वाला भोजन का प्रकार भी मोटापे के बढ़ने में मुख्य भूमिका निभाता है। ट्रांस-फेट और परिष्कृत सफ़ेद आटा कार्बोहाइड्रेट के साथ साथ कम फाइबर युक्त भोजन का अत्यधिक सेवन शरीर में अतिरिक्त वसा एकत्रित होने का कारण है। इस तरह के भोजन शरीर में भोजन और ऊर्जा मेटाबोलिज्म के कार्य में बाधा उत्पन्न करते हैं और अधिक मात्रा में वसा का संचय करते हैं।
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एनर्जी का कम खर्च करना
आपका क्रियाशीलता का स्तर भी बेहद महत्त्वपूर्ण है। क्रियाकलाप से कैलोरी का उपयोग होता है, जिससे कैलोरी ग्रहण करने और खर्च करने में संतुलन बना रहता है । यदि आप सक्रिय नहीं हैं, तो वजन को प्राप्त करने में बेहद आसानी होगी। जो लोग अधिक कैलोरी का सेवन करते हैं, उन्हें अधिक मात्रा में कैलोरी खर्च करने की ज़रूरत होती है, यदि वे ऐसा न करें, तो उनके द्वारा सेवन की गयी अतिरिक्त कैलोरी वसा के रूप में एकत्रित हो जाएगी। उदाहरण के लिए यदि आप कैलोरी को खर्च करने के मुकाबले 100 अधिक कैलोरी का सेवन करते हैं, तो आपका वजन एक महीने में करीब .45 किलोग्राम बढ़ जाता है । इसका अर्थ यह हुआ कि एक साल में करीब 5 किलोग्राम । दो दशकों के दौरान यह ऊर्जा का संचय करीब 100 किलोग्राम वजन के बढ़ने का कारण बनता है।
पारिवारिक प्रभाव
माता पिता के शॉपिंग के तरीके, खाना पकाने, खाने और व्यायाम के तरीकों का एक बच्चे के ऊर्जा के संतुलन पर एक महत्वपूर्ण असर पडता है । और अंत में उनके वजन पर प्रभाव पडता है। इसीलिए आधुनिक बच्चे के मोटापे के लिए खासकर बढ़ती हुई समृद्धि के समय पर परिवार, खुराक और जीवनशैली मुख्य सहयोगी कारण होते हैं। चूंकि मोटे बच्चो और किशोरो का विकास अक्सर मोटे वयस्क के रूप में होता है, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि पारिवारिक प्रभाव वयस्क होने तक मोटापे को आगे बढाता है।
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आनुवंशिक कारण
मोटापा परिवार के बीच में आनुवांशिक रूप में फैलता है। जीन की वजह से आपका मोटापा बढ़ सकता है और जीवनशैली और खाने पीने की आदतों की वजह से भी आपका मोटापा बढ़ सकता है । अनगिनत वैज्ञानिक शोधों से पता चलता है कि अतिरिक्त वजन को प्राप्त करने में आपका जींस एक मुख्य भूमिका निभाता है । जींस शरीर में संपन्न होनेवाली वजन सम्बन्धी अनेक प्रक्रियाओं पर अपना असर डालता है जैसे कि मेटाबोलिक स्तर, ब्लड ग्लूकोज मेटाबोलिज्म, वसा का संचय और हार्मोन । वे शिशु, जिनकी माताए मोटी है, कम सक्रिय पाए गए हैं, और उनका वजन तीन महीने के उम्र में उन शिशुओं के मुकाबले अधिक बढ़ जाता है, जिनकी माताओं का वजन सामान्य होता है ।
वातावरण सम्बन्धी कारण
मोटापे का सबसे अधिक वातावरण सम्बन्धी कारण जीवनशैली है। आपके खाने पीने की आदतें और सक्रियता का स्तर को आपके आसपास रहनेवाले लोगो से कुछ मात्रा में समझा जा सकता है। अत्यधिक मात्रा में भोजन का सेवन करना और निष्क्रिय रहने की आदतें मोटापे के सबसे अधिक प्रमुख कारणों में से एक हैं। यदि आनुवांशिक रूप से आप मोटापे की चपेट में आने की राह पर हैं, तब आधुनिक जीवनशैली और वातावरण आपको मोटापे के नजदीक ले आएगा। आधुनिक जीवनशैली के प्रताप से हमें उच्च वसा युक्त भोजन सस्ते दाम में मिल जाता है और हमे फास्ट फ़ूड का आदी बना देता है। यदि आप फलो और सब्जियों को कम मात्रा में ग्रहण करते हैं, तो इससे आपका वजन बढ़ सकता है और आप मोटापे से पीड़ित हो सकते हैं।
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