World Lung Cancer Day 2020: न्यूमोथोरैक्स वह स्थिति है जब फेफड़ों और छाती की दीवार के बीच हवा लीक हो जाती है। बाहर की तरफ से यह हवा फेफड़ों पर दबाव बनाती है, जिसकी वजह से ये सिकुड़ जाते हैं। इसे Collapsed lung या ध्वस्त फेफड़े कहते हैं। यदि फेफड़े का केवल एक छोटा एरिया ही प्रभावित है तो इसमें कोई विशेष लक्षण उत्पन्न नहीं होते हैं। फेफफे के छोटे हिस्से का प्रभावित होना ऐटलेक्टसिस कहलाता है। बड़ा क्षेत्र प्रभावित होने पर आपको सांस की तकलीफ और तेज हृदयगति का अनुभव हो सकता है। छाती का एक्स-रे करने के बाद इस स्थिति को आसानी से पता लगाया जा सकता है। जबकि इसका उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है।
फेफड़ों की इस गंभीर समस्या के बारे में हमने नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, गुरूग्राम की कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर शीबा कल्याण बिस्वाल से बात की, जिसमें उन्होंने फेफड़े खराब होने के कारणों और इलाज के बारे में विस्तार से बात की। आइए जानते हैं।
न्यूमोथोरैक्स के लक्षण क्या हैं
- अचानक छाती मे दर्द
- सांस लेने में तकलीफ़
- सूखी खांसी
- सिर चकराना
न्यूमोथोरैक्स के कारण क्या है
न्यूमोथोरैक्स के कई कारण हो सकते हैं जैसे:
टॉप स्टोरीज़
- दुर्घटनावश छाती में कुंठित चोट लगना, जैसे गोली लगना
- फेफड़ों से जुड़ी किसी बीमारी से हुई क्षति
- फेफड़ों से जुड़ी कुछ चिकित्सा प्रकिया
- धूम्रपान करने वालों को इसका बड़ा खतरा होता है, इसके अलावा बिना किसी स्पष्ट कारण के भी हो सकता है।
न्यूमोथोरैक्स की जांच कैसे करते हैं
आमतौर पर डॉक्टर स्टैथोस्कोप से मरीज़ की सांसों का जायज़ा लेकर पता लगाते हैं। इसके अलावा गंभीरता के अनुसार एक्स- रे, सीटी स्कैन, आदि किये जाते हैं।
इसे भी पढ़ें: फेफड़ों के इलाज में फंगल इंफेक्शन को कैसे दूर करें
न्यूमोथोरैक्स का इलाज
इसका इलाज इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। मामूली न्यूमोथोरैक्स बिना उपचार भी ठीक हो जाते हैं। एक्स-रे, सीटी स्कैन, आदि जैसी जांच की जातीं हैं। रोगी की स्थिति पर नज़र रखी जाती है। ज़रूरत पड़ने पर ऑक्सीजन थेरेपी भी दी जाती है। कुल मिलाकर इसका उद्देश्य फेफड़ों को उनकी सामान्य स्थिति में लाना होता है।
इसे भी पढ़ें: बार-बार दस्त का लगना पेट में संक्रमण होने के हैं संकेत, एक्सपर्ट से जानें कारण, लक्षण और उपचार
न्यूमोथोरैक्स की समस्या किस उम्र में हो सकती है
न्यूमोथोरैक्स की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। इसके अलावा यह महिलाओं और बच्चों या किसी भी उम्र के व्यक्तियों को हो सकती है।
Read More Articles On Other Diseases In Hindi