दांतो की अच्छी तरह सफाई कर आप केवल मुंह के कीटाणुओं और सांसों की बदबू से ही नहीं बचते, बल्कि आंत और मलाशय में होने वाले कैंसर से भी दूर रहते हैं।
'हावर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ' और 'डाना-फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट' के शोधकर्ताओं ने नए अध्ययन के आधार पर यह दावा किया है। मुंह में पाए जाने वाले 'फुसोबैक्टेरिया' नामक रोगाणु प्रतिरोधी तंत्र पर बुरा असर करते हैं जिससे कैंसर को बढ़ावा देने वाले जीन सक्रिय हो जाते हैं। इससे आंत व मलाशय के कैंसर का खतरा पैदा होता है। आंत व मलाशय के कैंसर को कोलोरेक्टल कैंसर भी कहते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में कैंसर से होने वाली मौतों में कोलोरेक्टल कैंसर दूसरा प्रमुख कारण है।
हाल में हुए कुछ अध्ययन बताते हैं कि कोलोरेक्टल कैंसर के रोगियों के ऊतकों में भी प्रचुर मात्रा में फुसोबैक्टेरिया होता हैं। लेकिन अब तक ज्ञात नहीं हैं कि क्या ये रोगाणु सीधे तौर पर ट्यूमर का कारण होते हैं अथवा नहीं।
एक नए अध्ययन में दाना-फरबर कैंसर इंस्टिट्यूट के गैरेट मैथ्यू मेयेरसों और उनके सहयोगियों ने पाया कि फुसोबैक्टेरिया मानव ऐडनोम-बिनाइन ट्यूमर में काफी मात्रा में होता है। अगर समय पर इस पर ध्यान न दिया गया तो यह अधिक घातक हो सकता है। और यह प्रारंभिक दौर में ट्यूमर की एक बड़ी वजह बन सकता है।
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