
हर रिश्ते की शुरुआत आकर्षण से होती है और उसे बनाए रखने के लिए जो चीज काम करती है वो है विश्वास। वहीं, अगर रिश्ते में बेवफाई आ जाए तो वो रिश्ता पल में खोखला भी लगने लगता है।
ऑक्सफोर्ड के इतिहासकार और बहुचर्चित पुस्तक 'द ऑरिजिंस ऑफ सेक्स' के लेखक फैरामर्ज दभोईवाला का कहना है कि 'बेवफाई का मामला एक रिश्ते में बने रहने की नाकामी का नहीं है, बल्कि निजी और सार्वजनिक जिंदगियों के बीच लकीर खींच पाने में हमारी नाकामी का मामला है।' 
कोई एक गंभीर रिश्ते में हैं। और उसी समय वह किसी दूसरे रिश्ते' में भी मानसिक और शारीरिक तौर पर जुड़ जाते हैं तो आपकी नजर में यह क्या है। भले ही सामाजिक बदलावों की बयार में कुछ लोग इसे सामान्य सी बात मानने लगें, लेकिन अधिकतर लोगों की नजर में यह धोखा या बेवफाई ही तो है। हां, यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है कि आपकी नजर में वफा के पैमाने क्या हैं। और किसे आप बेवफाई कहते हैं। लेकिन, हर बात को वफा और बेवफाई के तराजू में तौलने से पहले ज़रा एक नजर अपने गलतियों पर डालना पर जरूरी है। भावनात्मतक शोषण भी तो बेवफाई का ही एक रूप है।
महिलाएं बेवफा होती है या पुरूष
अमेरिका में साल 2006 में किए गए एक सर्वे में महिलाओं के मुकाबले दोगुने पुरुषों ने माना कि उन्होंने अपने जीवनसाथी के अलावा अन्य महिलाओं से भी यौन संबंध बनाए। बेवफा होने या ना होने पर महिला या पुरुष होने का प्रभाव पड़ता है, महिलाएं अपनी बेवफाई कबूलने में हिचकिचाती हैं।
बेवफाई पता लगाने में दिक्कतें
सबसे पहली समस्या यह आती है कि आप ये सवाल लोगों से कैसे पूछेंगे?
कुछ शोध अनुमानों पर भी टिके होते है।
दूसरी चीज है कि अगर आप बेवफाई की बात कर रहे है तो इसका मतलब क्या है?
अलग-अलग लोगों के अपने-अपने दायरे होते है। क्या आप चुंबन लेते समय दायरे बनाते है? कई लोगों मानते है कि पॉर्न देखना या फेसबुक पर चैटिंग करना बेवफाई करने जैसा है।
जब भी रिश्तों या यौन संबंध के बारे में बात होती है, तो हम आपने को महिला-पुरूष के दायरे में फंसा पाते है।
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