बवासीर के मरीजों के लिए रामबाण है चांगेरी घास, जानें फायदे और इस्तेमाल का तरीका

Changeri Ghas Ke Fayde: बवासीर के मरीजों के लिए चांगेरी घास का सेवन बहुत फायदेमंद होता है, जानें इसके फायदे और सेवन का तरीका।
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बवासीर के मरीजों के लिए रामबाण है चांगेरी घास, जानें फायदे और इस्तेमाल का तरीका


Changeri Ghas Ke Fayde: असंतुलित खानपान और जीवनशैली में खराबी के कारण बवासीर की समस्या (Piles in Hindi) का खतरा बढ़ जाता है। बवासीर आमतौर पर बहुत ज्यादा मसालेदार खाना खाने और एक ही जगह पर घंटों तक बैठने के कारण लोगों होती है। बवासीर की समस्या में आयुर्वेदिक इलाज बहुत फायदेमंद माना जाता है। बवासीर के मरीजों के लिए चांगेरी घास या तिनपतिया घास का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद गुण बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। चांगेरी घास घरों के आसपास पानी वाली जगहों पर अक्सर देखने को मिल सकती है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल बवासीर और पेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं बवासीर में चांगेरी घास के फायदे और इस्तेमाल का तरीका।

बवासीर में चांगेरी घास के फायदे- Changeri Benefits for Piles in Hindi

आयुर्वेद में चांगेरी घास को बहुत फायदेमंद औषधि माना जाता है। घरों के आसपास उगने वाली इस घास को लोग अक्सर उखाड़कर फेंक देते हैं, लेकिन इसके इस्तेमाल से शरीर की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। हल्के खट्टे स्वाद वाली इसकी पत्तियां कई औषधीय गुणों से युक्त होती हैं। चांगेरी को तिनपतिया घास भी कहा जाता है। इसकी पत्तियों में कैल्शियम, कैरोटीन और पोटैशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं। यह घास विटामिन सी से भी भरपूर होती है। चांगेरी घास में मौजूद गुण बवासीर के मरीजों की समस्याओं को कम करते हैं और इस समस्या को दूर करते हैं। शरीर के लिए चांगेरी घास के प्रमुख फायदे इस तरह से हैं-

Changeri Benefits for Piles in Hindi

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  • दस्त, डायरिया और कब्ज जैसी पेट की समस्याओं में फायदेमंद।
  • पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए चांगेरी घास का इस्तेमाल फायदेमंद।
  • शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट करने में फायदेमंद।
  • माइग्रेन या अधकपारी की समस्या में चांगेरी उपयोगी।
  • मुंह की बदबू, मसूड़ों के रोगों या दांतों की कमजोरी में फायदेमंद।

बवासीर में कैसे करें चांगेरी घास का इस्तेमाल?

बवासीर के मरीज चांगेरी घास की पत्तियों का इस्तेमाल कर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। खूनी बवासीर की समस्या में चांगेरी की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। चांगेरी घास की पत्तियों को साफ कर इसे घी में भून लें। इसके बाद दही में मिलाकर इसका सेवन करने से खूनी बवासीर में बहुत फायदा मिलता है। इसके अलावा बवासीर के मरीज इसकी पत्तियों को पीसकर भी खा सकते हैं। अगर इस तरह से चांगेरी घास का सेवन नहीं कर पा रहे हैं, तो आप चांगेरी घास की पत्तियों के चूर्ण का सेवन कर बवासीर की समस्या दूर कर सकते हैं।

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बवासीर असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली के कारण होने वाली गंभीर समस्या है। इस समस्या में ब्लीडिंग की वजह से मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। बवासीर में डॉक्टर मरीजों को खानपान में परहेज करने की सलाह देते हैं। बहुत ज्यादा तला, भुना और मसालेदार भोजन करने से इस समस्या का खतरा ज्यादा रहता है। बवासीर की समस्या में चांगेरी घास का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

(Image Courtesy: Freepik.com)

 

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