सेरेब्रल पाल्सी मस्तिष्क और मांसपेशियों से जुड़ी एक समस्या होती है। यह बीमारी बच्चों में पाई जाती है। मस्तिष्क में चोट लगने के कारण यह हो सकता है। आमतौर पर छोटे बच्चों में यह बीमारी होती है। सेरेब्रल पाल्सी दिमाग में हुए किसी डैमेज के कारण होती है, जो जन्म से पहले, जन्म के दौरान या उसके बाद भी हो सकती है। यह संक्रामक बीमारी नहीं होती है और सभी में इसके लक्षण अलग-अलग होते हैं। सेरेब्रल पाल्सी गर्भावस्था की शुरुआत में संकर्मण के कारण , भ्रूण के मस्तिष्क के विकास के लिए रक्त की आपूर्ति न होना, प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे के दिमाग में रक्तस्त्राव, गिरने से शिशु के सिर में चोट लगना या गर्भ में शिशु के सिर में सूजन के कारण यह समस्या हो सकती है। इस दौरान घर पर बच्चे की विशेष देखभाल करने से उनके मानिसक और शारीरिक विकास में सुधार आ सकता है। साथ ही ऐसे बच्चों को अधिक देखभाल और ध्यान की जरूरत पड़ती है लेकिन किसी भी तरह की एक्सरसाइज से संबंधित समस्या के लिए आपको इसके बारे में हमने विस्तार से बात की गुड़गांव के आर्टेमिल अस्पताल के पीडियाट्रीशयन डॉ राजीव छाबड़ा से।
घर पर बच्चे का ऐसे रखें ध्यान
1. अपने बच्चे की स्थिति को स्वीकार करें
सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चे की देखभाल करने के लिए आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि यह अन्य शारीरिक असामान्यताओं के विपरीत जीवनभर रहने वाली स्थिति है और समय के साथ इसमें सुधार नहीं होता है। ज्यादातर मामलों बच्चे की देखभाल के दौरान माता-पिता अपना मानसिक स्वास्थ्य अपने बच्चे की चिंता में खो देते है और कई बार वह अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते है। ऐसे में आपके और बच्चे दोनों के लिए समस्या बढ़ सकती है इसलिए अपने बच्चे की स्थिति के लिए आपको मानसिक रूप से तैयार होने की जरूरत होती है।
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2. सरल व्यायाम सिखाएं
सेरेब्रल पाल्सी वाले बच्चे आमतौर पर अपनी मानसिक स्थिति में असमानता का अनुभव करते हैं और आपको उनकी देखभाल के दौरान मोटर क्षमता में सुधार करने पर ध्यान देना चाहिए। ज्यादातर मामलों में बच्चे या तो व्हीलचेयर पर होते हैं या कहीं ले जाने के लिए उनके माता-पिता उनकी मदद करते है। ऐसे में बच्चे को अपने हाथ और पैर की गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए सरल व्यायाम सिखाएं। इससे वह कम से कम बिना किसी मदद के अपनी दैनिक कामों को पूरा कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट को भी रख सकते हैं और हो सके तो अपने बच्चों को एक-एक करके छोटी-छोटी चीजें सिखाएं। घर पर दैनिक व्यायाम से बच्चे की स्थिति की काफी सुधार आ सकता है और वह एक बेहतर जीवन जी सकते है और अपनी अक्षमताओं से निपट सकते है।
3. छोटे-छोटे सुधार करें
आप अपने बच्चे की स्थिति सुधारने के लिए उन्हें खेलों में व्यस्त रख सकते है। इसके लिए आप साधारण गेम और छोटी-छोटी इन-हाउस ट्रिक्स और टिप्स से शुरुआत कर सकते हैं। घर पर सरल खेलों से लेकर मस्तिष्क खेल जैसे सुडोकू या शब्द पहेली तक खेलने दें। अपने बच्चे को अधिक से अधिक खेलों में शामिल करने का प्रयास करें। इससे उनकी मस्तिष्क गतिविधियां बढ़ेगी और समस्याएं कम हो सकती है। आप उन्हें गेंदों से खेलने के लिए भी कह सकते हैं या धीरे-धीरे उन्हें चलने और दौड़ने में भी मदद कर सकते है। सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चे को पूरे परिवार के साथ और सपोर्ट की जरूरत होती है। सभी के साथ बातचीत करने या खेलने से उनके दिमाग पर अधिक दबाव नहीं पड़ता है।
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4. स्थिति के अनुसार इलाज करें
सेरेब्रल पाल्सी में बच्चों में कई तरह की स्थिति देखी जाती है। जैसे उनकी शारीरिक अक्षमताओं का इलाज आप इन-हाउस गेम्स और व्यायाम की मदद से कर सकते हैं लेकिन इन बच्चों को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। कुछ मामलों में, मस्तिष्क को ऑक्सीजन की कम आपूर्ति के कारण बच्चे को दौरा पड़ सकता है। इसे हाइपोक्सिक के रूप में जाना जाता है । इसके लिए बच्चों को समय पर एंटीपीलेप्टिक दवाएं देने की आवश्यकता होती है। साथ ही, यदि आपका बच्चा सुनने की समस्या से पीड़ित है, तो इसके लिए कान की मशीन लगाकर स्थिति में सुधार किया जा सकता है। इसी तरह अन्य परेशानियों के लिए उपाय की जरूरत होती है।
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5. संतुलित आहार
सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित बच्चों में मोटर डिसफंक्शन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रिफ्लक्स या कब्ज की परेशानी हो सकती है। इससे उनकी भूख और स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है इसिलए उन्हें संतुलित आहार देने की कोशिश करें। बच्चे की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए उन्हें कैल्शियम और डेयरी युक्त उत्पाद खाने को दें। साथ ही उन्हें पत्तेदार साग और सब्जी दे सकते है। दरअसल ऐसे बच्चों में कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी और जिंक जैसे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिन्हें सावधानीपूर्वक आहार की मदद से पूरा किया जा सकता है।
आप घर पर बच्चे की इस तरह से देखभाल कर सकते है। इसके अलावा उनकी क्षमताओं के विकास पर ध्यान दें और उन्हें प्रोत्साहित करते रहे और कभी उम्मीद न छोड़ें।