

आज के समय में आधुनिक युग में लगभग 171 मिलियन लोग दुनियाभर में डायबिटीज से पीडि़त है। हालांकि आने वाले 20 सालों में ये संख्या दुगुनी होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
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भारत में सबसे ज्यादा मरीज डायबिटीज के हैं फिर चाहे वह महिलाएं हो, पुरूष हो या फिर बच्चे। एक समय था जब डायबिटीज 40 के उम्र पार कर चुके लोगों में ही होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। आजकल छोटे-छोटे बच्चों में भी डायबिटीज के लक्षण पनपने लगे हैं। आमतौर पर बच्चों में डायबिटीज जो होती है वह है टाइप 1 डायबिटीज। आइए जानें बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज के कारण।
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- डायबिटीज के तहत पेंक्रियाज ग्रंथी ठीक तरह से काम नहीं करती। गौरतलब है कि पेंक्रियाज से कई हार्मोंस निकलते हैं जैसे- इंसुलिन और ग्लूकोज। टाइप 1 डायबिटीज के तहत इंसुलिन बनना बंद हो जाता है।
- दरअसल, शरीर के सभी सेल्स को शुगर पहुंचाने में इंसुलिन बहुत मदद करता है, जिससे सभी सेल्स सुचारू रूप से काम कर सकें और सेल्स को लगातार ऊर्जा मिलती रहे।
- बच्चो में डायबिटीज टाइप 1 के कई कारण है जैसे- बच्चों में बढ़ने वालर लगातार मोटापा।
- बच्चों के लाइफ-स्टाइल और रहन सहन के कारण।
- बच्चे पोषक तत्वों को खाने के बजाय सॉफ्ट ड्रिंक और जंकफूड पर अधिक निर्भर रहते हैं। जिससे ग्लूकोज की मात्रा शरीर में अधिक में हो जाती है। नतीजन बच्चो को असमय वजन बढ़ने लगता है।
- डायबिटीज टाइप 1 का एक प्रमुख कारण आनुवांशिक भी हो सकता है। बच्चे के माता-पिता या घर के किसी सदस्य का डायबिटीज से पीडि़त होने के कारण ऐसा होता है।
- शोधों में भी साबित हो चुका है कि सॉफ्ट ड्रिंक्स में लगभग 12 प्रतिशत अधिक ग्लूकोज और कार्बोहाइड्रेट होता है। जो कि बच्चों में डायबिटीज टाइप 1 जैसी बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है।
- दरअसल, आजकल बच्चों का शारीरिक श्रम भी इतना नहीं होता कि वे अधिक कैलोरी और ग्लूकोज को पचा पाएं। ऐसे में अधिक से अधिक जंकफूड भी उनको खासा नुकसान पहुंचाता है।
- डायबिटीज का कारण सॉफ्ट ड्रिंक को अधिक माना गया है इसीलिए बच्चों को सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूर रहना ही बेहतर है।
- डायबिटीज टाइप 1 का एक मुख्य कारण बच्चों में होने वाले मेटाबॉलिज्म संबंधी विकार के कारण भी होती है। बच्चों का मेटाबॉलिज्म सही नहीं रहता और उन्हें बहुत ज्यादा या कम भूख लगती है तो इसके कारण भी डायबिटीज हो सकती हैं।
- टाइप 1 डायबिटीज का कारण इम्यून सिस्टम का कमजोर होना भी है। जिन बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होता है या जो शुरू से ही बहुत कमजोर होते है या किसी अन्य बीमारी से पीडि़त होते हैं, ऐसे बच्चों को डायबिटीज होने की आशंका अधिक होती है।
- जो बच्चे बहुत अधिक दवाईयां खाते हैं या फिर जो बच्चे या किशोर ड्रग्स, एल्कोहल या अन्य मादक पदार्थ लेते हैं उनको भी डायबिटीज टाइप 1 होने का खतरा रहता है।
- इसके अलावा शारीरिक निष्क्रियता, प्रोटीन, विटामिन, कैलिशयम इत्यादि की कमी भी डायबिटीज टाइप 1 का कारण है।
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