Causes Of Weight Gain During Menopause In Hindi: मेनोपॉज वह अवस्था होती है, जब महिला के पीरियड्स यानी महावारी खत्म हो जाते हैं। जिस तरह पीरियड्स के शुरुआती चरण में महिलाओं को कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, उसी तरह मेनोपॉज के दौरान भी महिलाओं को कई परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। जैसे कभी लंबे समय तक पीरियड्स साइकिल बने रहना, तो महीनों-महीनों तक पीरियड्स न होना। मेनापॉज के दौरान एक आम समस्या यह भी देखने को मिलती है कि महिलाओं का वजन काफी ज्यादा बढ़ जाता है, जिसे कम करना एक चुनौती की तरह हो जाता है। सवाल है, क्या वाकई इस उम्र में महिलाओं के बढ़ते वजन के पीछे मेनोपॉज जिम्मेदार है? आइए, इस संबंध में वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं।
हार्मोनल बदलाव- Hormonal Changes Of Menopause
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। खासकर एस्ट्रोजन नामक हार्मोन के स्तर में काफी तेजी से गिराव आ जाती है। हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं के वजन में फर्क नजर आने लगता है। मेयोक्लिनिक के अनुसार, "हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं के पेट के हिस्से में काफी चर्बी जमा होने लगती है, नतीजतन महिलाओं के वजन में इजाफा होने लगता है।"
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बढ़ती उम्र- Aging Factor
मेनोपॉज आमतैर पर 45 से 50 की उम्र की महिलाओं को होता है। यह उम्र अपने आप में एक ऐसी उम्र है, जिसमें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती है। इसलिए, विशेषज्ञ इस बात पर भी जोर देते हैं कि हर बार हार्मोनल बदलाव की वजह से वजन बढ़े, यह जरूरी नहीं है। कई बार बढ़ती उम्र भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। वास्तव में बढ़ती उम्र में मसल मास कम होने लगता है और फैट बढ़ने लगता है। फैट बढ़ने की वजह से मेटाबॉलिज्म रेट घट जाता है। ऐसे में शरीर का वजन बढ़ना लाजिमी है।
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कम फिजिकल एक्टिविटी- Less Physical Activity
उम्र बढ़ने के साथ-साथ इस उम्र में आ चुकीं महिलाएं शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय भी नहीं रह जाती हैं। वे अपने घर के ज्यादातर कामकाज दूसरों से करवाती हैं। यहां तक कि एक्सरसाइज आदि करना भी इन्हें कुछ खास पसंद नहीं होता है। ज्यादातर समय बैठे रहना या फिर आराम करने से भी वजन बढ़ सकता है। मेनोपॉज के दौरान अक्सर महिलाएं आराम करते हुए समय बिताना पसंद करती हैं।
जेनेटिक कारण- Genetic factors
कई बार मेनोपॉज के दौरान महिलाओं का वजन जेनेटिक फैक्टर की वजह से भी बढ़ता है। अगर परिवार का कोई व्यक्ति मोटापे का शिकार है, तो मेनोपॉज के दौरान आपका भी मोटापा बढ़ सकता है।
मेनोपॉज के दौरान मोटापे को कम कैसे करें- Tips To Prevent Menopause Weight Gain In Hindi
मेनोपॉज के दौरान अगर जेनेटिक कारणों से मोटापा बढ़ रहा है, तो उसे रोका मुश्किल हो सकता है। वहीं, मोटापे का कोई और कारण है, तो यहां टिप्स को आजमाकर अपने वजन को संतुलित करने में मदद मिल सकती है-
- नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करें। बहुत ज्यादा आराम करने पर विश्वास न करें। फिजिकल एक्टिविटी में एक्सरसाइज शामिल करें।
- अपनी डाइट को संतुलित रखें। इन दिनों, जंक फूड, स्ट्रीट फूड जैसी चीजों से दूर रहें। घर का बना खाना खाएं। कम मात्रा में खाएं। एक साथ हैवी मील न लें। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पांच बार खाएं। कैलोरी इनटेक कम रखें।
- मीठे से दूर रहें। मौजूदा समय में कई ऐसी महिलाएं हैं, जो मिड एज तक आते-आते डायबिटीज और थाइरायड जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो जाती हैं। इसलिए, इस उम्र में मीठा जितना कम खाएंगे, उतना सही रहेगा।
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