कुछ रोगों का संक्रमण इतनी तेजी से फैलता है कि वह करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले लेते हैं। स्मॉलपॉक्स भी एक ऐसा ही रोग है। इसे भारत में चेचक के नाम से जाना जाता है। फिलहाल इसकी वैक्सीन बना ली गई है। कुछ दशकों पहले यह एक गंभीर रोग की तरह फैला था, जिसमें करीब 3 में से हर एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती थी। दरअसल यह एक संक्रामक रोग है, जिसमें यह हवा के द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। इसमें व्यक्ति के स्किन पर रैशेज, सिरदर्द, बदन दर्द, बुखार व उल्टी जैसे लक्षण महसूस होते हैं। आगे डॉक्टर सचिन नालवाड़े, कंसल्टेंट और फिजिशियन मेडिकवर अस्पताल, नवी मुंबई से जानते हैं कि क्या यह रोग आज भी फैल सकता है। साथ ही, इसके फैलने के कारण, लक्षण और इसके इलाज के बारे में भी जानेंगे।
क्या स्मॉलपॉक्सस आज भी मौजूद है? Does smallpox still exists In Hindi
फिलहाल, स्मॉलपॉक्स अब मनुष्यों में मौजूद नहीं है। जानकारी के अनुसार 1980 के बाद से इसका एक भी मामला सामने नहीं आया है। लेकिन, कुछ लैबोरेटरी में इसका वायरस अनुसंधान के लिए मौजूद है।
स्मॉलपॉक्स कैसे फैलता है? How did smallpox spread in hindi
जब व्यक्ति वेरियोला वायरस के संपर्क में आता है, तो उसको स्मॉलपॉक्स यानी चेचक हो जाता है। यह वायरस दो प्रकार के होते हैं, जिसमें वेरियोला मेजर और वेरियोला माइनर को शामिल किया जाता है। वेरियोला मेजर ही स्मॉलपॉक्स का बड़ा कारण माना जाता है। इसके कारण ज्यादातर लोगों की जान चली गई। वेयरियोल माइनर भी व्यक्ति में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, परंतु इनकी गंभीरता कम होती है। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। जब संक्रमित व्यक्ति खांसता है, छिंकता है तो हवा के जरिए वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करते हैं। इसके अलावा, रोगी के कपड़े व बेडशीट आदि का इस्तेमाल करने भी अन्य लोगों को यह रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
स्मॉलपॉक्स के क्या लक्षण होते हैं? Symptoms Of Smallpox in hindi
इसमें व्यक्ति को कई तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। इनको आगे विस्तार से बताया गया है।
- तेज सिरदर्द
- तेज बुखार आना
- कमर में दर्द
- पेट दर्द
- थकान व कमजोरी महसूस होना
- उल्टी आना
- शरीर पर दाने उभरना
- रैशेज और घाव बनाना, आदि।
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स्मॉलपॉक्स का इलाज कैसे किया जाता है? Treatment Of Smallpox In Hindi
मैयो क्लिनिक के अनुसार स्मॉलपॉक्स (चेचक) होने पर रोगी को एंटीवायरल दवाओं को उपयोग किया जाता है।
एफीए के द्वारा वर्ष 2018 में टेकोविरिमैट (Tpoxx) को मंजूरी दी गई है। फिलहाल इस दवा का उपयोग केवल प्रयोगशाला और जानवरों पर ही किया गया है। इसके अलावा, ब्रिन्सिडोफोविर (टेम्बेक्सा) को वर्ष 2021 में मंजूरी दे दी गई है। फिलहाल इसका उपयोग अन्य वायरस से ग्रसित लोगों को दिया गया है।
स्मॉलपॉक्स में कुछ लोगों को दिखाना बंद हो जाता है, जबकि इसके अलावा लोगों को बैक्टीरियल इंफेक्शन, अर्थराइटिस, फेफड़ों में सूजन हो सकती है (हवा के छोटे गोले) और सांस लेने में तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। फिलहाल, 1977 के बाद से स्मॉलपॉक्स का एक भी केस सामने नहीं आया है। जिसके बाद 1980 में स्मॉलपॉक्स का पूर्ण रूप से सफाया कर दिया गया।