
गर्भावस्था में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दरअसल प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में तेजी से हार्मोनल बदलाव होता है। इसकी वजह से महिलाओं को चक्कर आना, जी मिचलाना या उल्टी आने की समस्या होती है। लेकिन इसके अलावा भी महिला को पैरों में सूजन, डायबिटीज व अन्य रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं की आंखों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैसे तो इस समय होने वाली अधिकतर समस्याएं डिलीवरी के बाद अपने आप ही ठीक हो जाती हैं। लेकिन यदि समस्या गंभीर रूप धारण कर लें तो इससे महिलाओं को ये समस्या लंबे समय तक परेशान कर सकती हैं। इस लेख में हम प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को धुंधला दिखाई देने के कारण और इलाज के बारे में बता रहें। इस समस्या पर हमने मधुकर रेनबो चिल्ड्रन अस्पताल के स्री रोग विभाग की विशेषज्ञ डॉ. जयश्री सुंदर से बात कि तो उन्हें प्रेग्नेंसी में महिलाओं को धुंधला दिखाई देने की समस्या के कारणों और इलाज को विस्तार से बताया।
प्रेग्नेंसी में धुंधला दिखाई देने के क्या कारण हो सकते हैं?
गर्भावस्था में हॉर्मोन परिवर्तन
प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में हार्मोन का उतार चढ़ाव तेजी से होता है। प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में महिलाओं को हार्मोन की वजह से आंखों में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हार्मोन की वजह से आंखों में अधिक फ्लूयड का रिटेंशन (अधिक द्रव बनाए रखना) होने लगता है। जिससे आंखों के लेंस और कॉर्निया मोटी हो जाती है। इसकी वजह से महिलाओं को धुंधला दिखाई देने लगता है। इसके अलावा एस्ट्रोजन के लेवल में बढ़ोतरी की वजह से आंखे ड्राई होने लगती है। ड्राई आई सिंड्रोम भी धुंधला दिखाई देने का एक कारण हो सकता है।
इसे भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी में ड्राई आई से हैं आप भी परेशान? डॉक्टर से जानें इसका कारण और इलाज
गर्भकालीन मधुमेह होना
गर्भकालीन मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज) महिलाओं को प्रेगनेंसी के समय ही होता है। बच्चे के जन्म के बाद ये समस्या अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन डायबिटीज आपकी आंखों पर दबाव उत्पन्न करती है। जिसकी वजह से महिलाओं को धुंधला दिखाई देता है। इस समस्या में हाई ब्लड शुगर छोटी रक्त वाहिकाएं को नुकसान पहुंचाकर दृष्टि को प्रभावित कर सकती हैं।
प्री-एक्लेम्पसिया में धुंधला दिखाई देना
प्रीक्लेम्पसिया फाउंडेशन के अनुसार, दृष्टि में परिवर्तन को सबसे गंभीर लक्षण माना जा सकता है। यह सेरेब्रल एडिमा (मस्तिष्क की सूजन) का संकेत हो सकता है। यदि महिलाओं को प्री-एक्लेम्पसिया है तो उनको धुंधला दिखाई देने की समस्या हो सकती है।
प्रेग्नेंसी में धुंधला दिखाई देने के अन्य कारण
यदि महिलाओं को प्रेग्नेंसी से पहले की आंखों से जुड़ी समस्या है तो उनको प्रेग्नेंसी में दिखाई देने की समस्या हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी में हार्मोन से प्रभावित होने वाली कुछ स्थितियों के बारे में जानें।
- ग्रेव्स डिजीज,
- डायबिटीज संबंधी रेटिनोपैथी,
- हाई ब्लड प्रेशर,
- आंख का रोग
- यूवाइटिस (Uveitis)
इसे भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में पानी पीते रहना क्यों जरूरी है? जानें पर्याप्त पानी पीकर किन समस्याओं से बच सकती हैं आप
प्रेग्नेंसी में धुंधला दिखाई देने का इलाज कैसे किया जाता है? Treatment Of Blurry Vision During Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी के दौरान धुंधला दिखाई देने के लिए कुछ उपचार उपलब्ध हैं। वैसे प्रेग्नेंसी के समय धुंधला दिखाई देने की समस्या बच्चे के जन्म के बाद अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन कुछ मामलों में इसकी वजह से बच्चे की आंखों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इस समय डॉक्टर आंखों का लाल होने या आंखों में जलन होने पर लुब्रिकेटिंग ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं। आई ड्रॉप की वजह से आपकी आंखों में नमीं बनी रहती है और इसकी वजह से होने वाले कारणों को दूर किया जा सकता है। साथ ही इस समय डॉक्टर आंखों को रेस्ट देने की सलाह देते हैं, क्योंकि कंप्यूटर व स्क्रिन को लंबे समय तक देखने के कारण भी धुंधला दिखाई देने की समस्या होती है।
आंखों की किसी भी समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था में धुंधला दिखाई देने पर महिलाओं को तुरंत नजदीकी डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए। इससे आंखों की समस्या के गंभीर होने की संभावना कम हो जाती है।