बच्चों को कई बार कुछ स्थितियों को समझ नहीं पाते हैं। आपको बता दें कि चक्कर आने की समस्या अधिकर व्यस्कों में देखने को मिलती है। लेकिन कई बार बच्चों को भी चक्कर आने की परेशानी हो जाती है। बच्चों में जब रक्त संचार प्रभावित हो जाता है तो उन्हें चक्कर आने की समस्या होने लगती है। अधिकतर मामलों में बच्चे की ये परेशानी किसी बीमारी के स्पष्ट संकेत और लक्षणों के साथ नहीं होती है। जबकि बच्चे को बार-बार चक्कर आने से कई अन्य समस्याएं हो सकती है। इस स्थिति में आपको जल्द से जल्द बच्चों के डॉक्टर के पास जाकर अपने बच्चे के जांच करानी चाहिए।
बच्चों में चक्कर आने पर क्या लक्षण महसूस होते हैं?
बच्चों को चक्कर आने पर उन्हें चलने में असहजता महसूस होती है। बच्चों को इसकी गंभीरता के अधार पर लक्षण दिखाई देते है। इसके अलावा भी बच्चों को निम्न तरह के लक्षण दिखाई देते हैं।
- सिर घूमना
- संतुलन बनाने में मुश्किल होना
- धुंधला दिखाई देना
- किसी भी कार्य को सही तरह से नहीं कर पाना
- चलते हुए बार बार गिरना
- आसपास की चीजों का घूमता हुआ लगना
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बच्चों में चक्कर आने के कारण
मुख्य रूप से बच्चों को कमजोरी की वजह से भी चक्कर आने की समस्या होने लगती है। लेकिन कई अन्य मेडिकल स्थिति में भी बच्चों को चक्कर आने की समस्या हो सकती है। आगे जानते हैं बच्चों को चक्कर आने के अन्य कारण।
बच्चों के कान में इंफेक्शन होना
बच्चों को कान में इंफेक्शन होने पर उनको चक्कर आने लगता है। कान के इंफेक्शन में बच्चों को कार्य करने में समस्या होती रहती है। साथ ही कान में बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर डॉक्टर उन्हें दवाई देकर इलाज करते हैं। बच्चों के कान के अंदर वेस्टिबुलर नसों में इंफेक्शन व लैबीरिंथाइटिस इसके मुख्य कारण माने जाते हैं।
लंबे समय तक एक स्थान पर खड़े होना
बच्चों को लंबे समय तक खड़े होने पर चक्कर आने की समस्या होने लगती है। अधिकतर कमजोर व जिन बच्चों में रक्त की कमी होती है, उनमें चक्कर आने की समस्या होती है। जब बच्चा एक ही जगह पर ज्यादा देर तक खड़ा रहता है तो इससे उसके रक्त का प्रवाह मस्तिष्क तक धीमी गति से पहुंचता है। जिसकी वजह से बच्चे को चक्कर आने लगते हैं।
बच्चों में एनीमिया की समस्या
कुछ बच्चों में एनीमिया यानी रक्त की समस्या होती है। इस समस्या में बच्चों के रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं की संख्या कम होती है। जिसकी वजह से ऑक्सीजन उनके अंगों तक नहीं पहुंच पाती है। एनीमिया की वजह से बच्चों को कमजोरी, भूख कम लगना, त्वचा का पीला होना व रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर हो जाती है।
बच्चे को चक्कर आने के अन्य कारण
बच्चे को म्राइग्रेन, सिर पर चोट लगना, मिर्गी, ब्रेन ट्यूमर व अन्य समस्याओं में भी चक्कर आने लगते हैं। इसके अलावा डिहाइड्रेशन, मांसपेशियों में दर्द, हाइपोथायरोडिज्म, हिस्टीरिया व ब्लड प्रेशर की वजह से चक्कर आने लगते हैं।
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बच्चों में चक्कर का इलाज
बच्चो में चक्कर आने पर अभिभावकों को डॉक्टर से सलाह लेने चाहिए। बच्चे के लक्षणों के आधार पर उसका इलाज किया जाता है। डॉक्टर बच्चे से बात कर ये समझने की कोशिश करते हैं कि उन्हें किस वजह से ये समस्या है। उदाहरण के रूप में यदि कान के संक्रमण की वजह से चक्कर आने की समस्या हो तो इस संक्रमण का इलाज कान के डॉक्टर द्वारा किया जाता है।
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