बच्चों में इम्यून सिस्टम डिस्ऑर्डर क्यों होता है? जानें इसके लक्षण

Parenting, Child Disease, Immune System Disorder
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बच्चों में इम्यून सिस्टम डिस्ऑर्डर क्यों होता है? जानें इसके लक्षण

आज के प्रदूषित वातावरण में संक्रमण तेजी से फैलता है। हवा में मौजूद सूक्ष्मजीव और बैक्टीरिया हमें संक्रमित कर बीमार कर देते हैं। इनसे बचाने का कार्य रोग प्रतिरोधक प्रणाली द्वारा किया जाता है। रोग प्रतिरोधक प्रणाली को ही इम्यून सिस्टम कहा जाता है। हमें संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए इम्यून सिस्टम लगातार काम करता है। ये बैक्टीरिया व रोग फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों को खत्म करता है। लेकिन कई बार इम्यून सिस्टम में विकार उत्पन्न हो जाता है, ऐसी स्थिति में बच्चों और व्यक्ति को रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।  

बच्चों में प्रतिरक्षा प्रणाली क्या होती है? 

आपके बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली विशेष कोशिकाओं, टिशू और अंगों से बनी होती है जो उन्हें बीमारी या संक्रमण से बचाने के लिए मिलकर काम करते हैं। दरअसल लिम्फ नोड्स और वाहिकाओं का एक विशेष तंत्र प्रतिरक्षा प्रणाली का एक प्रमुख हिस्सा होता है। लसीका वाहिका पतली नली की तरह होती है, जो आपके शरीर में रक्त वाहिकाओं की तरह ही फैली होती हैं। ये वाहिकाएं यानी नसे लिम्फ नामक एक द्रव ले जाती हैं, इसमें टिशू फ्लूयड, वेस्ट प्रोडक्ट व प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाएं होती हैं। सफेद रक्त कोशिकाएं प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाएं हैं। वे आपके बच्चे के अस्थि मज्जा (bone marrow) में बनते हैं, जो लसीका अंगों में से एक है। 

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बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली में कैसे समस्या आती है? 

जब बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली सही तरह से कार्य नहीं करती है तो उसको प्रतिरक्षा प्रणाली का विकार या इम्यूनोडेफिशिएंसी कहा जाता है। ये स्थिति बच्चों में निम्न कारण की वजह से हो सकती है।  

  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ पैदा हों। इसे प्राथमिक प्रतिरक्षा कमी कहा जाता है। 
  • बच्चे को ऐसी बीमारी होना जो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देती है। इसे एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी  कहा जाता है।  
  • प्रतिरक्षा प्रणाली का बहुत सक्रिय होना। 
  • प्रतिरक्षा प्रणाली जो खुद उनके खिलाफ हो जाती है, जिससे ऑटोइम्यून रोग नामक स्थिति पैदा होती है। 

बच्चों में होने वाले आम इम्यूनोडेफिशिएंसी डिसऑर्डर  

यदि आपके बच्चे की कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली है, तो उसको संक्रमण या अन्य बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। बच्चों में कुछ सामान्य इम्यूनोडिफीसिअन्सी विकार होते हैं, इनके बारे में आगे बताया गया है- 

टंपरेरी एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी (Temporary acquired immune deficiencies)  

आपके बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली कुछ दवाओं से अस्थायी रूप से कमजोर हो सकती है, जैसे कीमोथेरेपी या कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अन्य दवाएं, या प्रत्यारोपण के बाद अंग अस्वीकृति को रोकने के लिए ली जाने वाली दवाएं। इसके अलावा फ्लू वायरस और खसरा जैसे संक्रमण से भी प्रतिरक्षा प्रणाली थोड़े समय के लिए कमजोर हो सकती है।  

सिवियर इम्यूनोडेफिशियेंसी (एससीआईडी)(Severe combined immunodeficiency) 

ये समस्या बच्चे को जन्म के समय से ही होती है, ये समस्या बच्चों को बैक्टीरिया, वायरस और कवक से संक्रमण का खतरा बढ़ा देती है। इस विकार को "बबल बॉय डिसीज" भी कहा जाता है, क्योंकि 1970 के दशक में, एक बच्चे को प्लास्टिक के गुब्बारे में रहना पड़ा था। एससीआईडी वाले बच्चों में महत्वपूर्ण सफेद रक्त कोशिकाओं नहीं होती हैं।  

एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स)  

ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी), जो एड्स का कारण बनता है। ये एक वायरल संक्रमण है जो महत्वपूर्ण सफेद रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। एचआईवी/एड्स वाले बच्चे संक्रमण से गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं।    

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बच्चों में ओवर एक्टिव इम्यून सिस्टम के कारण  

आपका बच्चा कुछ ऐसे जिन्स (genes) के साथ पैदा होता है, जो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली में विशेष तरह की प्रतिक्रिया करते हैं। एलर्जी के लिए जिम्मेदार कारक को एलर्जन कहा जाता है। एलर्जी की प्रतिक्रिया होना ओवर एक्टिव इम्यून सिस्टम का उदाहरण है। इसमें बच्चे को धूल, फूल के पराग और खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती हैं। 

ओवर एक्टिव इम्यून सिस्टम के कारण होने वाली कुछ रोग आगे बताए गए हैं।  

  • अस्थमा 
  • एक्जिमा 
  • एलर्जिक राइनाइटिस  

बच्चों में होने वाले आम ऑटो इम्यून डिसीस  

ऑटोइम्यून बीमारियों में, शरीर के स्वस्थ टिशू पर हमला करती है। इसके कारण अभी तक अज्ञात है। इसमें बच्चे को तीन रोग हो सकते हैं।  

  • टाइप 1 डायबिटीज 
  • रूमेटाइड अर्थराइटिस 
  • लूपस - इसमें बच्चे के फेफड़े, किडनी और त्वचा प्रभावित होती है।  

 

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