cancer risk factors in children: कैंसर एक गंभीर बीमारी है। जब शरीर में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ती हैं, तो कैंसर पैदा होता है। कैंसर कई प्रकार का होता है- इसमें स्तन कैंसर, स्किन कैंसर, फेफड़ों का कैंसर और कोलन कैंसर मुख्य हैं। जब बात बच्चों की आती है, तो इनमें ब्लड कैंसर, ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा, किडनी कैंसर, लिम्फोमा और बोन कैंसर के मामले अधिक सामने आते हैं। बच्चों में कैंसर के लक्षण बड़ों की बजाय जल्दी दिखते हैं। चलिए आज विस्तार से जानते हैं बच्चों में कैंसर के लक्षण, जोखिम कारण क्या है (cancer in children)-
बच्चों में कैंसर के लक्षण (cancer in children symptoms)
बच्चों में कैंसर के लक्षण जल्दी नजर आते हैं। लेकिन बच्चों में कैंसर को तुरंत पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि शुरुआती लक्षण सामान्य बीमारियों या चोटों के कारण दिखाई दे सकते हैं। बच्चों में कैंसर आम नहीं है, लेकिन अगर आपके बच्चे में कैंसर का कोई भी असामान्य या सामान्य लक्षण दिखाई दे, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। MyLyfCare से जनरल फिजिशियन डॉ पवन उपाध्याय से जानें बच्चों में कैंसर के लक्षण-
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- त्वचा पर पीलापन
- रक्तस्त्राव या ब्लीडिंग (मुंह या नाक से खून निकलना)
- हड्डियों में दर्द होना
- बच्चों का अचानक से लंगड़ाना या फिर चलने में परेशानी होना
- पीठ में दर्द होना
- कांख, पेट या जांघ पर गांठ
- अचानक उभरने वाले न्यूरो संबंधी लक्षण
- दो हफ्ते से लगातार सिरदर्द
- सुबह के समय उल्टी होना
- लगातार बुखार, उदासी
- लगातार वजन कम होना
- आंखों में बदलाव नजर आना
बच्चों के कैंसर के जोखिम कारक (cancer risk factors in children)
बचपन में बच्चों को सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ ही गंभीर बीमारियां होने का भी खतरा बना रहता है। कई बच्चों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन बच्चों के कैंसर के अधिकतर मामलों का पता नहीं चल पाता है। बच्चों में कैंसर के सभी मामलों में करीब 5 फीसदी कैंसर के मामले जीन्स में हुए अनुवांशिक बदलावों के कारण होते हैं। चलिए जानते हैं बच्चों में होने वाले कैंसर के जोखिम कारकों के बारे में-
1. मेडिकल कंडीशन
कुछ चिकित्सा स्थितियां भी बच्चे में कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। जैसे डाउन सिंड्रोम (down syndrome in children) वाले बच्चों में ल्यूकेमिया होने की संभावना 10-20 गुना अधिक होती है। लेकिन डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों में ल्यूकेमिया अभी बहुत दुर्लभ है।
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2. अनुवांशिक
कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में आ सकती है। यानी अगर आपको कैंसर है, तो कुछ प्रतिशत जोखिम रहता है कि यह आपके बच्चे को भी हो सकता है। रेटिनोब्लास्टोमा एक दुर्लभ प्रकार के आंख का कैंसर है। कुछ बच्चे रेटिनोब्लास्टोमा जीन में परिवर्तन (म्यूटेशन) के साथ पैदा होते हैं। इसे आरबी1 जीन भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि उन्हें अपने माता-पिता में से एक से जीन विरासत में मिला है। या गर्भ में इसके विकास के शुरुआती चरणों के दौरान इस जीन में परिवर्तन हुआ। अधिकांश बच्चे जिनमें आरबी 1 जीन में परिवर्तन होता है, उनमें रेटिनोब्लास्टोमा विकसित होता है।
3. गर्भ में समस्याएं
कुछ बच्चों में कैंसर की शुरुआत मां के गर्भ में ही हो जाती है। विल्म्स ट्यूमर और रेटिनोब्लास्टोमा ऐसे ही कैंसरों में शामिल हैं। विल्म्स ट्यूमर एक दुर्लभ प्रकार का किडनी कैंसर है। वही रेटिनोब्लास्टोमा आंख का एक कैंसर है। यह ज्यादातर छोटे बच्चों में विकसित होता है।
4. संक्रमण
संक्रमण भी बच्चों में कैंसर का एक जोखिम कारक हो सकता है। ईबीवी (EVB) छोटे बच्चों में होने वाला एक आम संक्रमण है। यह आमतौर पर कोई लक्षण पैदा नहीं करता है। ईबीवी संक्रमण लिम्फोमा कैंसर को विकसित कर सकता है। ज्यादातर लोग बचपन में ईबीवी से संक्रमित हो जाते हैं, फिर बिना किसी लक्षण के आप जीवन भर इससे संक्रमित रह सकते हैं।
5. रेडिएशन के संपर्क में आना
रेडिएशन भी बच्चों में कैंसर का कारण बन सकता है। दरअसल, जो बच्चों अपनी छोटी उम्र में रेडिएशन के संपर्क में आते हैं, उनमें कैंसर होने का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है। रेडियोथेरेपी की मदद से किसी बीमारी का इलाज कराने वाले बच्चों में दूसरे प्रकार के कैंसर के विकसित होने का थोड़ा अधिक जोखिम होता है। कीमोथेरेपी के साथ पिछले उपचार से तीव्र ल्यूकेमिया जैसे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन यह अक्सर कई सालों बाद बच्चों और वयस्कों में होता है।
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कैंसर से बचाव के उपाय (cancer prevention tips)
- कैंसर से बच्चों को बचना के लिए आपको धूम्रपान या तंबाकू के सेवन से बचना होगा।
- बच्चों के आहार में ढेर सारे फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें।
- बच्चों की त्वचा पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। त्वचा को धूप से सुरक्षित रखने पूरे कपड़े पहनें।
- स्क्रीन टाइम से बचें। फोन, टैबलोट, कंप्यूटर या लैपटॉप के अधिक इस्तेमाल से बचें।
- बच्चों का वजन नियंत्रण में रखने की कोशिश करें।
अगर आपके बच्चे में भी कैंसर का कोई सामान्य या असामान्य लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदा न करें।