Sleep Paralysis: स्लीप पैरालिसिस वह स्थिति है जब मस्तिष्क का केवल एक हिस्सा नींद से जागता है जबकि दूसरा हिस्सा बंद रहता है। जो हिस्सा बंद रहता है, वह मांसपेशियों की गति को नियंत्रित करता है, इसके बंद हो जाने से व्यक्ति हाथ-पैर तक नहीं हिला पाता। व्यक्ति अपने शरीर को हिलाने में भी असमर्थ होता है। यह समस्या छोटे रूप में कभी न कभी ज्यादातर लोग अनुभव करते हैं। इसे आइसोलेटेड स्लीप पैरालिसिस के नाम से जाना जाता है। स्लीप पैरालिसिस के कारण बोलने में भी असमर्थता महसूस होती है। नींद की कमी, स्लीपिंग पैटर्न में बदलाव, नशीली चीजों का सेवन करना आदि कारणों से स्लीप पैरालिसिस की समस्या होती है। कुछ लोगों को लगता है कि स्लीप पैरालिसिस के कारण व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इस लेख में जानेंगे इसकी पूरी सच्चाई। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
क्या स्लीप पैरालिसिस जानलेवा बीमारी है?- Can Sleep Paralysis Cause Death
डॉ सीमा यादव ने बताया कि स्लीप पैरालिसिस जानलेवा बीमारी नहीं है। स्लीप पैरालिसिस एक अस्थायी स्थिति है जिसमें व्यक्ति जागते समय या सोते समय कुछ क्षणों के लिए हिलने-डुलने या बोलने की शक्ति चली जाती है। यह स्थिति आमतौर पर कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक रहती है और खुद ही खत्म हो जाती है। हालांकि, स्लीप पैरालिसिस से जुड़े अनुभव, जैसे कि भय, हलूसिनेशन और असहजता व्यक्ति को मानसिक रूप से परेशान कर सकती हैं। लेकिन यह शारीरिक रूप से जानलेवा नहीं होती। स्लीप पैरालिसिस के दौरान शरीर की मांसपेशियां अस्थायी रूप से निष्क्रिय हो जाती हैं, जो कि नींद के दौरान होने वाले एक सामान्य फिजियोलॉजिकल प्रोसेस का हिस्सा है। अगर स्लीप पैरालिसिस बार-बार हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
स्लीप पैरालिसिस से बचाव के टिप्स- How to Prevent Sleep Paralysis
- हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने का प्रयास करें।
- तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन, योग या अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों का इस्तेमाल करें।
- अपने सोने के कमरे को शांत और ठंडा रखें।
- सोने से पहले कैफीन और शराब का सेवन न करें।
- सोने से पहले आरामदायक गतिविधियों की मदद से मन शांत करें, जैसे कि किताब पढ़ना या हल्का संगीत सुनना।
- स्वस्थ और संतुलित आहार लें और सोने से पहले भारी भोजन करने से बचें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, लेकिन सोने के ठीक पहले भारी व्यायाम से बचें।
- अगर स्लीप पैरालिसिस बार-बार हो रहा हो, तो किसी डॉक्टर या नींद विशेषज्ञ से सलाह लें।
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