होम क्वारंटाइन (Home Quarantine) चिकित्सा प्रक्रिया का टर्म है। इस विधि को अपनाकर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण को रोका जा सकता है। होम क्वारंटाइन का तात्पर्य है, 'घर पर खुद को परिवार के दूसरे सदस्यों से अलग कर लेना।' इसके तहत यदि कोई व्यक्ति किसी बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण से ग्रसित है तो उसे परिवार के दूसरे सदस्यों से अलग कर दिया जाता है, जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
दरअसल, होम क्वारंटाइन प्रक्रिया को डॉक्टर पहले भी फॉलो करते रहे हैं। मगर इन दिनों कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से इसकी चर्चा दोबारा होने लगी है। दुनियाभर के डॉक्टर कोरोनावायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए इस विधि का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार ने भी होम क्वारंटाइन को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है। होम क्वारंटाइन के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें ये लेख।
होम क्वारंटाइन के बारे में जानें:
क्वारंटीन शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ 'चालीस दिन का समय है।' शब्दकोष में क्वारंटाइन का अर्थ अस्पताल का अलग कमरा, किनारे पर आने-जाने से रोकना, संगरोध और संगरोधन भी है। दरअसल, पहले जब तकनीक का अधिक विकास नहीं हुआ था तो उस समय, जिन जहाजों में संक्रमण का संदेह होता था उसे 40 दिनों तक बंदरगाह से दूर ठहरना पड़ता था। ब्रिटेन में प्लेग को रोकने के प्रयास में इस प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी।
क्या होम क्वारंटाइन से वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है?
अब तक के मामलों परिणामों की बात करें तो एक्सपर्ट भी मानते हैं कि होम क्वारंटाइन वायरस के प्रसार को रोक सकता है। अगर आपको जरा सा भी शक हो तो घर पर 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन अपना सकते हैं। अगर इन 14 दिनों में आप ठीक रहते हैं तो आपकी लाइफ दोबारा नॉर्मल हो सकती है।
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होम क्वारंटाइन का तरीका:
- एक हवादार कमरा होम क्वारंटाइन के लिए जरूरी है, जिसमें टॉयलेट और अन्य जरूरी व्यवस्था हो।
- कमरे में संक्रमित व्यक्ति के अलावा घर किसी के भी सदस्य का न होना सुनिश्चित करें।
- अगर रूम में कोई भी शख्स जाए तो कम से कम 1 मीटर की दूरी होनी चाहिए।
- वायरस से संक्रमित या संदिग्ध व्यक्ति किसी भी कम से कम 14 दिनों तक पब्लिक प्लेस पर न जाए।
- हमेशा साबुन और पानी से हाथ धोएं और अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनेटाइजर का प्रयोग करें।
- खुद से घर में रखे पानी, बर्तन, तौलिए आदि चीजों को न छुएं।
- सर्जिकल मास्क लगाएं, 6-8 घंटे में मास्क बदलते रहें। इनका निस्तारण सही से करें।
अकेले रहने वाले संक्रमित व्यक्ति के परिजनों के लिए जरूरी दिशा निर्देश:
- संक्रमित व्यक्ति की देखभाल घर का कोई एक ही सदस्य करे।
- संक्रमित व्यक्ति की स्किन के सीधे संपर्क में आने से बचें।
- घर की सफाई के लिए दस्ताने पहनें। उन्हें उतारने के बाद हाथों को अच्छे से धोएं।
- घर में किसी बाहरी व्यक्ति को आने से रोकें।
- होम क्वारंटाइन व्यक्ति में अगर संक्रमण के लक्षण नजर आए तो उससे नजदीकी संपर्क खत्म कर दें, जब तक कि रिपोर्ट निगेटिव न आए।
- होम क्वारंटाइन व्यक्ति के रूम की फर्श और रूम के बाकी सामानों को 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन से साफ करें।
- इसके अलावा रूम के टॉयलेट को भी प्रतिदिन ब्लीच से साफ करें।
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किसे अपनाना चाहिए ये तरीका?
हर वह शख्स जिसमें वायरल संक्रमण के लक्षण हैं वह खुद को एक कमरें अलग कर सकता है। जहां पर वह जरूरी सावधानियां बरतकर संक्रमण के प्रसार को रोक सकता है। अगर कोरोनावायरस के लक्षणों की बात करें तो इसके लक्षण दिखने में अधिकतम 14 दिन का वक्त लगता है। इस दौरान लापरवाही बरतने से संक्रमण का प्रसार बढ़ सकता है।
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