Can fatty liver cause infertility : आजकल की बिजी लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खानपान और लंबे समय तक की डेस्क जॉब के कारण लोगों में फैटी लिवर (Fatty Liver) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह समस्या तब होती है, जब लिवर की कोशिकाओं पर अतिरिक्त फैट जमा हो जाता है। फैटी लिवर सिर्फ लिवर के कामों में बाधा नहीं डालता है, बल्कि शरीर के विभिन्नों अंगों के कार्यों को भी रोकता है। गौर करने वाली बात यह है कि जो युवा फैटी लिवर से ग्रस्त हैं, वो इलाज के दौरान यह सवाल पूछते हैं, क्या इसकी वजह से फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है और क्या वो भविष्य में पेरेंट्स बन पाएंगे?
फैटी लिवर की परेशानी से जूझने वाले युवाओं के इसी सवाल का जवाब आज इस लेख के माध्यम से तलाशने की कोशिश करेंगे। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से बात की।
फैटी लिवर क्या है?- What is Fatty liver
डॉक्टर का कहना है कि फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में अत्यधिक फैट जमा हो जाता है। फैटी लिवर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है।
नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD): यह समस्या उन लोगों पाई जाती है, जो शराब का सेवन नहीं करते हैं या फिर बहुत ही कम मात्रा में करते हैं।
अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD): जो लोग अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं, उनमें अल्कोहोलिक फैटी लिवर की समस्या ज्यादा देखी जाती है।
फैटी लिवर और इंफर्टिलिटी के बीच कनेक्शन - Connection Between Fatty Liver and Infertility
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि हमें पहले इस बात को समझना होगा कि हमारे शरीर के सभी अंग एक-दूसरे से कनेक्ट हैं। अगर एक अंग बीमार होगा, तो वह पूरे शरीर के काम करने के प्रोसेस को प्रभावित करेगा। फैटी लिवर केवल लिवर की कार्यप्रणाली को ही नहीं, बल्कि हार्मोनल बैलेंस, ओव्यूलेशन और स्पर्म क्वालिटी को भी प्रभावित करता है।
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1. हार्मोनल असंतुलन
फैटी लिवर के कारण शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ जाता है, जिससे टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। यह महिलाओं में पीसीओएस (PCOS) जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। इन समस्याओं का इलाज सही वक्त पर न शुरू किया जाए, तो यह बांझपन का कारण बन सकती है।
2. ओव्युलेशन की समस्या
फैटी लिवर से प्रभावित महिलाओं में ओव्युलेशन अनियमित हो सकता है, जिससे प्रेग्नेंसी के चांसेस कम हो जाते हैं। यह समस्या पीरियड्स की अनियमितता और एनोवुलेटरी साइकल (बिना अंडोत्सर्जन के मासिक धर्म) का कारण बन सकती है।
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3. सूजन का कारण
फैटी लिवर के कारण शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ सकता है। इस समस्या के कारण महिलाओं में अंडाणु और पुरुषों की शुक्राणु की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकता है।
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4. स्पर्म क्वालिटी होती है खराब
फैटी लिवर के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है। इसके कारण स्पर्म काउंट, मोर्टिलिटी और गुणवत्ता प्रभावित होती है। पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी का खराब होना इंफर्टिलिटी का कारण बन सकता है।
डॉक्टर का कहना है कि फैटी लिवर से बचाव के लिए सही जीवन शैली और संतुलित खानपान होना जरूरी है।
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निष्कर्ष
फैटी लिवर के कारण महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप प्रजनन संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो लिवर की सेहत पर ध्यान देना जरूर दें। लिवर से जुड़ी बीमारियों के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।