डायबिटीज के रोगियों के लिए मीठा खाना सख्त माना है। ऐसे में उनके लिए जिंदगी के महत्वपूर्ण स्वाद को चखना लगभग मुश्किल हो जाता है। कई बार लोग डायबिटीज के स्तर को कंट्रोल भी कर ले, तो उन्हें मीठे से दूर रहने की ही सलाह दी जाती है ताकि रक्त में शुगर का लेवल नियंत्रित रहे। ऐसे देखा जाए, तो ये सही भी है क्योंकि डायबिटीज को कंट्रोल करने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप संयमित खानपान रखें और उसमें मीठे की मात्रा को बिल्कुल न के बराबर लें। ज्यादा से ज्यादा फलों की मिठास या नैचुरल मिठास का सेवन करने की कोशिश करें लेकिन अगर आपको मीठा खाने का मन करे, तो आप सफेद शुगर की जगह ब्राउन शुगर का सेवन कर सकते हैं। यह शायद आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक हो क्योंकि इसमें प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम, जिंक, कॉपर, फास्फोरस और आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें कोलेस्ट्रोल और फैट लेवल काफी कम होता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
ब्राउन शुगर क्या है?
सफेद चीनी की तरह ब्राउन शुगर गन्ने के रस से बनाई जाती है। ब्राउन शुगर इसमें मौजूद शीरे की थोड़ी सी मात्रा से ही अपना रंग बना लेती है। इसका स्वाद सफेद चीनी के स्वाद से थोड़ा अलग होता है। यह पूरी तरह से मीठा नहीं होता है। सफेद और भूरी चीनी का प्रसंस्करण अलग-अलग तरीके से होता है। ब्राउन शुगर आम तौर पर पूरी तरह या आंशिक रूप से अपरिष्कृत होती है, जिससे सफेद चीनी की तुलना में ब्राउन शुगर में अधिक विटामिन और खनिज तत्व पाए जाते हैं। हालांकि, ब्राउन शुगर को कभी-कभी सफेद चीनी में गुड़ मिलाकर भी बनाई जाती है।
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क्या ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर में अंतर है?
ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर के बनाने के प्रोसेस में अंतर होता है। इसी कारण से ब्राउन शुगर थोड़ी कम मीठई होती है और इसमें पोषक तत्व सफेद चीनी की तुलना में अधिक पाए जाते हैं।
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क्या डायबिटीज के रोगी ब्राउन शुगर खा सकते हैं?
डायबिटीज के रोगी ब्राउन शुगर खा सकते हैं। यह उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है लेकिन इसकी बेहद कम मात्रा का सेवन आपको करना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि आपके लिए ये बहुत अधिक फायदेमंद साबित न हो और आपको इसके दुष्परिणाम झेलने पड़े इसलिए एक डायबिटीज रोगी को बिना डॉक्टर की सलाह की किसी भी प्रकार के मीठे का सेवन नहीं करना चाहिए। ब्राउन शुगर में सफेद चीनी की तुलना में कम कैलोरी होती है। ब्राउन शुगर में मौजूद शीरा मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए जाना जाता है। इसमें अन्य कई पोषक तत्व भी होते हैं जैसे प्रोटीन और विटामिन। जो वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है।
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ब्राउन शुगर मधुमेह के रोगियों के लिए सफेद चीनी की तुलना में एक बेहतर विकल्प हो सकता है लेकिन ये दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है। इसके अलावा आपके पास आर्टिफिशियल शुगर के सेवन का विकल्प भी हो सकता है। इसके अलावा सफेद चीनी और ब्राउन शुगर एक ही तरीके से बनाई जाती है, तो उनमें बस थोड़ा अंतर होता है, जो बहुत अधिक मायने नहीं रखता है। ऐसे में आप बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार के शुगर का इस्तेमाल न करें।
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