स्तनपान करवाना मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। स्तनपान करवाने से शिशु और मां को कई बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। शिशु को स्तनपान करवाने से हार्मोन संतुलित रहते हैं और मां का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। एक्सपर्ट के मुताबिक मां की हार्ट हेल्थ के लिए स्तनपान फायदेमंद माना जाता है, हाल ही में प्रकाशित हुई एक स्टडी में हार्ट हेल्थ और स्तनपान के बीच का कनेक्शन दर्शाया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक जो मांएं वर्किंग हैं उन्हें मिल्क स्टोर करने के तरीके पता होने चाहिए क्योंकि आपके और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्तनपान जरूरी है। Asian Heart Institute, Mumbai के senior interventional cardiologist Dr Tilak Suvarna ने बताया कि स्तनपान करवाने से मां और बच्चे के शरीर को कई तरह की बीमारियों से सुरक्षा मिलती है जिनमें से कुछ संक्रामक बीमारियां, ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर, डायबिटीज डिसीज आदि से बचाव संभव है।
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क्या कहती है स्टडी?
American Heart Association के जर्नल में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक एक मिलियन से भी ज्यादा मांओं पर किए गए शोध के आधार पर कहा गया है कि स्तनपान करवाने वाली मांओं को हार्ट डिसीज, स्ट्रोक या इन बीमारियों के चलते मौत की आशंका कम हो जाती है। ये स्टडी 10 साल तक की गई है। स्टडी के मुताबिक जिन मांओं ने बच्चों को थोड़ा भी स्तनपान करवाया है उनमें हार्ट डिसीज होने की संभावना बहुत कम मिली। ये स्टडी इसी साल अमरीकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशिक की गई है जिसमें मां के हार्ट हेल्थ और स्तनपान के फायदों पर चर्चा की गई है।
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ब्रेस्टफीडिंग से हार्ट से जुड़ी बीमारी और इंफेक्शन का खतरा कम होता है (Breastfeeding reduce heart risk in mothers)
अगर आप बच्चे को स्तनपान करवाएंगी तो उसे रेस्पिरेटरी डिसीज जैसे कोल्ड, फ्लू, संक्रामक रोग नहीं होंगे। जिन महिलाओं ने ब्रेस्टफीड करवाया है उनमें टाइप 2 डायबिटीज, ओवेरियन कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण भी कम देखे गए। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये जरूरी है कि स्तनपान करवाने वाली मां को स्तनपान के फायदों के बारे में पता हो, स्तनपान करवाने से बच्चा तो बीमारियों से बचता ही है मां को भी हार्ट की बीमारी जैसी गंभीर समस्या से निजात मिल सकता है। ये फायदे उन मांओं को जरूर जानने चाहिए जो बच्चे को स्तनपान करवाने की जगह बोतल से दूध पिलाना पसंद करती हैं।
स्टडी पर क्या है डॉक्टर की राय? (Doctor's verdict on study)
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डॉ तिलक ने बताया कि इस स्टडी के मुताबिक जो मांएं ब्रेस्टफीडिंग करवाती हैं उनमें दिल की बीमारी या स्ट्रोक का खतरा कम होता है और ऐसी मांओं को ब्रेस्टफीडिंग न करवाने वाली महिलाओं के मुताबिक हार्ट डिसीज का खतरा कम होता है। हालांकि इस स्टडी को चेक करने करने की जरूरत है और इसकी कुछ सीमाएं भी हैं पर ये स्टडी हमें ब्रेस्टफीडिंग को बढ़ावा देने का एक और मौका देती है। हमें मांओं तक ज्यादा से ज्यादा ब्रेस्टफीडिंग की जरूरत के बारे में चर्चा फैलानी चाहिए। ब्रेस्टफीडिंग के जरिए अन्य बीमारियों से बचाव इसलिए भी होता है क्योंकि स्तनपान के दौरान रिलीज होने वाला हार्मोन हार्ट, हेल्दी वेट और मेटाबॉलिज्म को अच्छा रखने में मदद करता है।
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डब्ल्यूएचओ के सुझाव (WHO recommendations on breastfeeding)
इस स्टडी में 6 अलग-अलग देशों की मांओं को शामिल किया गया था। जिन महिलाओं को स्टडी में शामिल किया गया उनकी उम्र 25 साल या उससे ज्यादा थी और सभी के दो बच्चे हैं। 82 प्रतिशत महिलाओं ने बच्चों को कम से कम 8 महीनों तक स्तनपान करवाया है। ये अंतराल डब्ल्यूएचओ के सुझाए वक्त से कम है। डब्ल्यूएचओ की मानें तो तो बच्चे को 6 माह का होने तक ब्रेस्टफीड करवाना चाहिए और उसके 2 साल या उससे ज्यादा साल का होने तक ब्रेस्टफीडिंग और आहार देना चाहिए। स्टडी के मुताबिक स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में हार्ट डिसीज का खतरा कम मिला।
https://www.ahajournals.org/doi/10.1161/JAHA.121.022746
स्तनपान करवाना हर हाल में फायदेमंद है, इससे बच्चे और मां के बीच का संबंध बेहतर होता है और बीमारियों से बचाव होता है।
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