Brain Tumor Day: ब्रेन यानी मस्तिष्क शरीर का एक अहम अंग होता है। इसलिए इसे स्वस्थ रखना बहुत जरूरी होता है। आजकल लोगों को ब्रेन से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें ब्रेन ट्यूमर भी एक है। जब दिमाग में गांठ बनती है, तो इसको ट्यमूर कहा जाता है। मस्तिष्क के जिस हिस्से में ट्यूमर बनता है, उस हिस्से को नियंत्रित होने वाला शरीर का पूरा भाग प्रभावित होता है। सिरदर्द, उल्टी आना, मूड स्विंग, सुनने और बोलने में दिक्कत ब्रेन ट्यूमर के लक्षण (brain tumor symptoms) हो सकते हैं। 8 जून को हर साल विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस (world brain tumor day 2022) मनाया जाता है, आज इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं, किन-किन लोगों को ब्रेन ट्यूमर होने का जोखिम अधिक रहता है।
तो चलिए मणिपाल अस्पताल, यशवंतपुर के सलाहकार- न्यूरोसर्जरी और स्पाइन सर्जरी डॉक्टर रघुराम से विस्तार से जानते हैं ब्रेन ट्यूमर के रिस्क फैक्टर्स (Brain Tumor Risk Factors in Hindi) के बारे में-
1. उम्र (Age)
ब्रेन ट्यूमर उम्र पर भी निर्भर कर सकता है। वैसे तो ब्रेन ट्यूमर किसी भी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। लेकिन बच्चों और बड़े वयस्कों में ब्रेन ट्यूमर होने का जोखिम अधिक हो सकता है। इसलिए इन उम्र में ब्रेन से जुड़ा कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
टॉप स्टोरीज़
2. लिंग
ब्रेन ट्यूमर महिलाओं और पुरुष दोनों को हो सकता है। लेकिन महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ब्रेन ट्यूमर विकसित होने की संभावना अधिक होती है। मेनिंगियोमा, महिलाओं में अधिक आम प्रकार का कैंसर है।
इसे भी पढ़ें - पैर में मेलेनोमा (स्किन कैंसर) होने पर दिखते हैं ये 6 संकेत, जानें कैसे करें बचाव
3. परिवार का इतिहास
ब्रेन ट्यूमर के लगभग 5 फीसदी जेनेटिक कारकों या स्थितियों से जुड़े हो सकते हैं। इसमें ली-फ्रामेनी सिंड्रोम, न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस, नेवॉइड बेसल सेल कार्सिनोमा सिंड्रोम, ट्यूबरस स्केलेरोसिस, टरकोट सिंड्रोम और वॉन हिप्पेल-लिंडौ रोग शामिल हैं।
4. वायरस
वायरस और एलर्जी के संपर्क में आने से भी ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है। एपस्टीन बार वायरस (ईबीवी) के संक्रमण से सीएनएस लिम्फोमा का खतरा बढ़ जाता है। ईबीवी को आमतौर पर वायरस के रूप में जाना जाता है जो मोनोन्यूक्लिओसिस या "मोनो" का कारण बनता है।
5. रसायन के संपर्क में आना
अगर कोई व्यक्ति कुछ रसायनों के संपर्क में आता है, तो उसे ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आपको रसायनों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
6. रेडिएशन एक्सपोजर
रेडिएशन एक्सपोजर ब्रेन ट्यूमर के सबसे जोखिम कारकों में से एक हो सकता है। इसलिए आपको इससे बचना चाहिए।
इसे भी पढ़ें - कैंसर के इलाज के बाद जीवनशैली में करें ये बदलाव, रहेंगे स्वस्थ
ब्रेन ट्यूमर के लिए सावधानियां
ब्रेन ट्यूमर की स्थिति में आपको कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। इन बातों का रखें ध्यान-
- ज्यादा इमेजिंग स्कैन विकिरणों से बचें।
- रसायनों के अधिक संपर्क में आने से बचना चाहिए।
- धूम्रपान और अधिक शराब पीने से बचें।
- मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
- ब्रेन ट्यूमर से बचाव के लिए विटामिन डी लें। धूप से विटामिन डी ले सकते हैं। यह कैंसर रोकथाम का एजेंट है।
- विटामिन बी17 को अपनी डाइट में शामिल करें। विटामिन बी17 कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद कर सकता है।
ऊपर बताए गए लोगों को ब्रेन ट्यूमर होने का जोखिम अधिक हो सकता है। इसलिए अगर आपको ब्रेन ट्यूमर का कोई भी लक्षण नजर आए, तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।