आज के समय में खानपान से जुड़ी गड़बड़ी और जीवनशैली से जुड़े कारकों की वजह से कम उम्र में ही कैंसर जैसी घातक समस्या लोगों में हो रही है। बच्चों और युवाओं में भी कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। ओस्टियोसारकोमा एक प्रकार का हड्डी का कैंसर है जो ज्यादातर बच्चों में और युवाओं में देखने को मिलता है। बच्चों में हड्डियों का कैंसर (Bone Cancer) तीसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। बच्चों में बोन कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है और यह कैंसर सबसे ज्यादा लंबी हड्डियों को प्रभावित करता है। बोन कैंसर दरअसल शरीर में होने वाले कैंसर की वजह से हो सकता है। शरीर में जब कैंसर की कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं तो यह बढ़कर शरीर के किसी भी हिस्से में भी पहुंच सकती हैं। दुनियाभर में वैज्ञानिकों ने अब तक 200 से ज्यादा तरह के कैंसर की खोज की है जिसमें से हड्डियों में होने वाला कैंसर भी एक है। बच्चों में हड्डियों में कैंसर होने पर यह हड्डियों के टिश्यू को प्रभावित करने लगता है। आइये जानते हैं बच्चों में हड्डियों में होने वाले कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में।
बच्चों में हड्डियों के कैंसर का कारण (Bone Cancer in Children Causes)
बच्चों में हड्डियों का कैंसर किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है। कई मामलों में तो जन्म के समय से ही कैंसर की समस्या होती है। मेट्रो हॉस्पिटल के डॉ आर के चौधरी के मुताबिक बच्चों में कैंसर कई तरह के होते हैं, इनमें ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, न्यूरोब्लास्टोमा, सार्कोमा, बोन कैंसर, ब्रेन कैंसर, किडनी और लिवर कैंसर आदि शामिल हैं। ऑस्टियोसर्कोमा (Osteosarcoma in Hindi) बच्चों में हड्डियों में होने वाला कैंसर है। जिन बच्चों में जन्म के समय से ही हड्डियों का कैंसर होता है उसे चाइल्डहुड ऑस्टियोसर्कोमा (Childhood osteosarcoma)कहते हैं। यह कैंसर कई कारणों से हो सकता है। इसका सबसे प्रमुख कारण खानपान में गड़बड़ी, जीवनशैली और प्रदूषित वातावरण के कारण हो सकता है। बच्चों में हड्डियों का कैंसर मुख्यतः इन कारणों से होता है।
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- रेडिएशन थेरेपी के कारण कैंसर का खतरा।
- आनुवांशिक कारणों से कैंसर।
- हड्डियों में गंभीर चोट।
- हड्डियों से जुड़ी बीमारी।
- कैंसर की जन्मजात बीमारी।
- रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम, ब्लूम सिंड्रोम, वर्नर सिंड्रोम और डायमंड-ब्लैकफैन सिंड्रोम के कारण।
- एनीमिया के कारण।
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बच्चों में हड्डियों का कैंसर के लक्षण (Bone Cancer Symptoms in Kids)
बच्चों में बोन कैंसर होने पर हड्डियों में कमजोर और फ्रैक्चर की समस्या बढ़ जाती है। इसके शुरूआती लक्षणों में हड्डियों में दर्द, उठने-बैठने में दिक्कत जैसी समस्याएं होती हैं। बच्चों में बोन कैंसर होने पर दिखने वाले गंभीर लक्षण इस प्रकार से हैं।
- हड्डियों में गंभीर दर्द और जोड़ों में दर्द।
- हड्डियों में सूजन।
- हड्डी का कमजोर होना।
- बार-बार फ्रैक्चर होना।
- अत्यधिक थकान।
- कमजोरी और तेजी से वजन कम होना।
बच्चों में हड्डियों के कैंसर का इलाज (Treatments of Bone Cancer in Kids in Hindi)
बच्चों में बोन कैंसर की समस्या होने पर सबसे पहले चिकित्सक उन्हें जांच की सलाह देते हैं। बच्चों में बोन कैंसर का लक्षण दिखने पर चिकित्सक लक्षणों के आधार पर इलाज से पहले जांच करते हैं। हड्डियों में कैंसर का पता लगाने के लिए बोन स्कैन टेस्ट किया जाता है। यह टेस्ट हड्डियों में किसी भी प्रकार की समस्या का पता लगाने के लिए किया जाता है। बोन स्कैन से पहले जरूरी है कि बच्चा इस टेस्ट से पहले अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहे। इसके अलावा पीईटी (पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी) स्कैन इमेजिंग टेस्ट के माध्यम से भी हड्डियों के टिश्यू में कैंसर के ऊतकों का पता लगाया जाता है। इसके अलावा एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई और बायोप्सी के जरिए कैंसर का पता लगाया जाता है। कम उम्र में बच्चों को कैंसर होने पर उनका विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में बच्चे के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है। इसलिए कैंसर की समस्या में बच्चों के खानपान और उनकी लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। कैंसर एक गंभीर समस्या है जिसमें लापरवाही जानलेवा हो सकती है, इसलिए लक्षणों के दिखने पर ही एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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