जानलेवा हो सकती है खूनी खांसी या हैमोप्टिसिस, जानें क्‍या हैं इसके कारण और इलाज

खांसते समय खून आना या हैमोप्टिसिस एक सामान्य समस्या नहीं है। इस प्रकार, यदि आपको खाँसी करते समय खून दिखता है, तो तुरंत एक डॉक्टर को दिखाएं।   
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जानलेवा हो सकती है खूनी खांसी या हैमोप्टिसिस, जानें क्‍या हैं इसके कारण और इलाज


अगर आपको कभी खांसी के साथ खून आता है, तो आपको इस बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्‍योंकि खूनी खांसी या खांसी के साथ खून आना कोई आम बात नहीं है। हालांकि यदि आपकी खांसी में खून काफी कम मात्रा में है, तो यह  तो यह चिंताजनक नहीं है। हां, लेकिन यदि आप अक्सर ऐसी स्थिति का सामना करते हैं, तो यह चिंताजनक हो सकता है। इसलिए आप इसके लिए उचित डॉक्‍टरी सलाह और उपचार लें। खूनी खांसी या खांसी में खून आने को डॉक्‍टरी भाषा या चिकित्सकीय शब्दों में हैमोप्टिसिस कहा जाता है। ओन्‍ली माय हेल्थ ने हैमोप्टिसिस के बारे में अधिक समझने के लिए डॉ. संदीप नायर, सीनियर डायरेक्टर और HOD, BLK सेंटर फॉर चेस्ट एंड रेस्पिरेटरी डिसीज, दिल्ली से संपर्क किया। आइए यहां इस लेख में इसके बारे में विस्‍तार से जानें। 

हैमोप्टिसिस क्या है?

हैमोप्टिसिस को उस स्थिति के रूप में संदर्भित किया जाता है, जहां निचले श्वसन पथ से खून का निष्कासन होता है। इस स्थिति को एक्सपेक्टेड ब्‍लड के आधार पर निम्न भागों में वर्गीकृत किया गया है:

  • खांसी (जब रोगी खांसते समय खून का थूक या थूक में खून की लकीरें आने की शिकायत करता है। यह मात्रा 20 एमएल से कम होती है। 
  • फ्रैंक हैमोप्टिसिस (फ्रैंक खून, स्पुतम या लार के साथ मिक्‍स होता है, हालांकि 24 घंटे में खून 100-200 एमएल (एक कप) से कम हो सकता है।
  • बड़े पैमाने पर हेमोप्टीसिस आमतौर पर 24 घंटों में कम से कम 200 एमएल खून (कुछ को कम से कम 500 मिलीलीटर मानते हैं) का वर्णन करता है। मोटे तौर पर इसमें ब्‍लीडिंग की किसी भी मात्रा को बोलना, जो संभावित रूप से जानलेवा या खतरनाक है। इसे जानलेवा हैमोप्टिसिस माना जाता है।

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Bloody Cough Or Haemoptysis

खांसते समय खून के सामान्य कारण

यहाँ हैमोप्टिसिस के कुछ संभावित कारण दिए गए हैं:

  • ब्रोंकाइटिस, या तो अल्पकालिक (एक्‍यूट) या दीर्घकालिक (क्रोनिक)
  • क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)
  • विभिन्न प्रकार के निमोनिया
  • ब्रोन्किइक्टेसिस
  • टीबी 
  • बेनिग्न लंग ट्यूमर
  • फेफड़े का फोड़ा
  • फेफड़ों का कैंसर
  • छाती में ट्रॉमा, जिससे फेफड़े का संक्रमण होता है
  • हृदय की विफलता, विशेष रूप से माइट्रल स्टेनोसिस के कारण 
  • पल्मोनरी इंफेक्‍शन 
  • परजीवी संक्रमण
  • एंडोमेट्रियोसिस 
  • इंफ्लामेटरी या ऑटोइम्‍युन कंडीशन

इसलिए जब भी आपको खून वाली खांसी हो, तो आप एक डॉक्‍टर के पास जाएं और अपनी गहन शारीरिक जांच करवाएं। 

हैमोप्टिसिस का निदान कैसे किया जाता है?

स्थिति की जांच करने के लिए, डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षण करते हैं:

  • कंप्‍लीट ब्‍लड काउंड (CBC)
  • चेस्‍ट एक्स - रे
  • सीटी स्कैन
  • यूरिन टेस्ट 
  • पल्स ओक्सिमेट्री
  • आर्टरी बल्‍ड गैस एनालाइसिस 
  • ब्रोन्कोस्कोपी (रक्तस्राव की साइट देखने के लिए फेफड़े की एंडोस्कोपी) और विभिन्न तरीकों से इसे रोकने की कोशिश भी कर सकती है)

इस तरह उचित जांच करने पर, आपका डॉक्टर आपको सही उपचार की सलाह देगा। 

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Haemoptysis Treat

हैमोप्टिसिस का इलाज कैसे किया जाता है?

हैमोप्टिसिस का उपचार मुख्य रूप से दो कारकों पर निर्भर करता है: जिसमें डॉ. संदीप नायर बताते हैं: 

पहला कदम रोगी को स्थिर करना है क्योंकि यह कई बार जीवन के लिए खतरा हो सकता है। हल्के हैमोप्टिसिस को आउट पेशेंट (ओपीडी) के आधार पर प्रबंधित किया जा सकता है। एक संक्रमण के कारण एंटीबायोटिक दवाओं के कोर्स के साथ-साथ एक हैमोस्टैटिक एजेंट के अधिकांश हल्के हैमोप्टिसिस में यह पर्याप्त हो सकता है।

बड़े पैमाने पर हेमोप्टीसिस के मामले में, रोगी को तुरंत भर्ती किया जाना चाहिए। एक मरीज को स्थिर करने के बाद, एक कारण का पता लगाया जाना चाहिए और शेष उपचार उसी के अनुसार दिया जाता है:

Haemoptysis Causes

  • क्रायोथेरेपी : यदि हैमोप्टिसिस की स्थिति बनी रहती है, तो ब्रोन्कियल आर्टरी एम्बोलाइजेसन हो सकता है
  • सर्जरी: कुछ मामलों में, यदि हैमोप्टिसिस को रोकने में असमर्थ रहे, तो हमें एक हिस्से या पूरे एक फेफड़े को भी निकालना पड़ सकता है।
  • ब्रोन्कोस्कोपी ब्‍लीडिंग की साइट को स्थानीय बनाने और इसे रोकने की कोशिश करने के लिए की जा सकती है। 
  • ग्लू थेरेपी (रक्तस्राव स्थल पर साइनोएक्रिलालेट गोंद लगाना)
  • बैलून टैम्पोनड / ब्रोन्कियल ब्लॉकर्स 
  • लेजर थेरेपी

समय पर निदान और उपचार किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को सुरक्षित कर सकता है। इसलिए खांसी में खून आने की समस्‍या हो या कोई अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या, तुरंत आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। 

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