रक्त कैंसर को रोकने वाली दवा स्तन कैंसर में भी फायदेमंद होती है। एक नये शोध में यह बात सामने आयी है। फ्लोरिडा स्थित मायो क्लीनिक के शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में जानवरों में परीक्षण करने के बाद यह बात कही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि रक्त कैंसर के लिए दी जाने वाली दवा डेकीटेबिन जो कैंसर के ट्यूमर को फैलने से रोकती है, स्तन कैंसर की रोकथाम के लिए भी प्रभावी साबित हो सकती है।
मायो क्लीनिक फ्लोरिडा में बॉयोकैमिस्ट और मोलक्यूलर बायोलोजिस्ट और इस शोध के मुखिया डॉक्टर पीटर स्टोरज का कहना है कि कम मात्रा में डेकीटेबिन का सेवन करने से स्तन कैंसर से पीड़ित जानवर में पीआरकेडी का बढ़ना रुक गया। यह वही प्रोटीन है, जो ट्यूमर बढ़ाने का काम करता है। इससे ट्यूमर का आकार तो कम हुआ ही साथ ही इसके फेफड़ों की ओर फैलने की आशंका भी कम हो गई।
उनका कहना है कि जिन लोगों का स्तन कैंसर गंभीर स्थिति में पहुंच चुका होता है, उनका सफल इलाज हो पाने की संभावना, उन्नत चिकित्सीय तकनीकों और कीमोथेरेपी व हार्मोनल थेरेपी के बावजूद, काफी कम होती है।
स्टोरज को उम्मीद है कि इस नयी खोज के बाद स्तन कैंसर को गंभीर और लाइलाज स्थिति में पहुंचने से रोका जा सकेगा।
अपने शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि पीआरकेडी प्रोटीन काफी खामोशी से अपना काम करता है। ऐसे में स्तन कैंसर काफी फैल जाता है। अब शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस टेस्ट को और उन्नत बनाने की उम्मीद है। इसके बाद चिकित्सकों के लिए यह पता लगाना आसान होगा कि कौन से मरीजों के कैंसर के फैलने की आशंका है और उन्हें डेकीटेबिन से फायदा मिल सकता है।
स्टोरज का कहना है कि ऐसे जीन का इलाज करना किसी जीन को बदलने से ज्यादा आसान है। यह स्टडी ब्रेस्ट कैंसर रिसर्च के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित हुई है।
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