
फफोले जिसे इंग्लिश में ब्लिस्टर भी कहते हैं यह त्वचा की ऊपरी परत पर तरल पदार्थ के रूप में बनता है। बाहरी त्वचा के क्षतिग्रस्त हो जाने पर इस तरह की समस्या देखी जाती है। इस समस्या में तरल पदार्थ त्वचा पर जमा होने लगता है और जो टिशू परत के नीचे होते हैं वो दब जाते हैं। त्वचा के क्षतिग्रस्त होने के पीछे कोई भी कारण हो सकता है जैसे स्किन बर्न होना, किसी केमिकल के कारण, संक्रमण के कारण या त्वचा में रगड़ लगने के कारण। इसके अलावा कुछ और भी कारण होते हैं, जिसकी वजह से यह समस्या पैदा हो जाती है और ये खुजली और दर्द जैसी समस्या उत्पन्न करते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि फफोले के कारण क्या हैं? साथ ही इसके लक्षण और उपचार भी जानें। पढ़ते हैं आगे...
फफोले के कारण (causes of blisters)
फफोले पड़ने के पीछे निम्न कारण होते हैं। जानते हैं इनके बारे में...
1 - नस फटने के कारण
जब त्वचा के आसपास की नस फट जाती है तो बाहरी परत के बीच में रक्त स्राव हो जाता है, जिसके कारण फफोले पड़ जाते हैं। बता दें कि फफोले के अंदर खून जमा होता है।
2 - कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस के कारण
कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस यानी केमिकल धातु के संपर्क में त्वचा का आना इसके कारण भी शरीर पर फफोले पड़ जाते हैं। यह समस्या कीड़ों के काटने या डीटेल्स एंड कॉस्मेटिक के दुष्परिणामों के द्वारा देखी गई है।
3 - जलने के कारण
बता दें कि अक्सर जब त्वचा जल जाती है तब फफोले पड़ते हैं। यह समस्या त्वचा पर जलने से पनपती है। अगर त्वचा पहली डिग्री के कारण बर्न हुई है तो 2 से 3 दिन में फफोले पढ़ते हैं वहीं अगर दूसरी डिग्री में बर्न हुई है तो तुरंत फफोले पड़ जाते हैं। इसके अलावा आसपास का तापमान ठंडा है तब भी त्वचा में तरल पदार्थ पड़ते हैं।
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4 - हर्पीज सिंपलेक्स वायरस के कारण फफोले पड़ते हैं।
5 - हार्ट फेलियर लोगों की फफोले पढ़ते हैं
6 - कुछ व्यक्तियों में रेडिएशन थेरेपी के दौरान भी फफोले पड़ जाते हैं।
7 - चिकन पॉक्स के कारण फफोले पढ़ते हैं।
8 - जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उन्हें इस प्रकार की बीमारी ज्यादा होती है।
9 - जो लोग स्टेरॉइड दवाइयों का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं उन्हें भी फफोले पड़ने की समस्या देखी गई है।
10 - एग्जिमा के शिकार इस समस्या से भी ग्रस्त रहते हैं।
11 - डर्मेटाइटिस से ग्रस्त लोग भी फफोले के शिकार हो जाते हैं।
12 - पेरिफेरल आर्टिरियल डिजीज के कारण भी लोगों को फफोले पड़ने की समस्या हो जाती है।
ऊपर बताए गए बिंदुओं से शरीर पर फफोले पड़ने की समस्या बढ़ जाती है। इससे अलग त्वचा के रगड़ जाने पर या त्वचा की मोटी परत क्षतिग्रस्त हो जाने पर फफोले पड़ जाते हैं। इसके अलावा गर्मी में जूते पहनने के दौरान भी इस प्रकार की समस्या देखी गई है। गर्मी की वजह से सपोले पड़ना स्वाभाविक है।
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फफोले पड़ने के लक्षण (symptoms of blisters)
फफोले पड़ने पर शरीर में निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं-
1 - अगर फफोले मुंह में पड़े हैं तो व्यक्ति को निगलने में दिक्कत महसूस होती है।
2 - त्वचा का बार-बार संक्रमित हो जाना।
3 - त्वचा में लालिमा छा जाना या संक्रमित जगह पर गर्म महसूस करना।
4 - स्वच्छता पर पीला या हरे रंग का पदार्थ इकट्ठा होना।
5 - त्वचा में दर्द महसूस करना।
6 - त्वचा में जलन महसूस करना।
7 - कभी कभी सूजन आ जाना।
8 - त्वचा की ऊपरी परत का भारी हो जाना।
9 - त्वचा से बार बार पानी आना।
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फफोले से कैसे करें बचाव (know about prevention of blisters)
फफोले पड़ने से रोकने के लिए आप कुछ उपायों को अपना सकते हैं। जानते हैं इनके बारे में...
1 - अगर आपकी त्वचा जल गई है तो तुरंत उस पर ठंडा पानी या बर्फ रखें ऐसा करने से फफोले नहीं पड़ते हैं। इसके अलावा आप ठंडा कपड़ा भिगोकर भी त्वचा पर बांध सकते हैं।
2 - जले हुए स्थान पर आलू का छिलका लगा सकते हैं। ऐसा करने से तुरंत ठंडक मिल जाती है। इसके अलावा आलू के टुकड़ों को भी संक्रमित त्वचा पर लगा सकते हैं।
3 - हल्दी का पानी लगाएं। ऐसा करने से ना केवल दर्द कम होता है। बल्कि आराम भी मिलता है।
4 - एलोवेरा जेल से प्रभावित त्वचा पर ठंडक मिलती है। ऐसे में जले हुए स्थान पर तुरंत एलोवेरा जेल लगाएं।
5 - अगर आपके पास टी बैग है तो फफोले पड़ने से पहले संक्रमित त्वचा पर टी बैग बाग लगाएं।
6 - शहद के प्रयोग से भी आप फफोले पड़ने से रोक सकते हैं। क्योंकि यह एंटीबायोटिक होता है ऐसे में ही है ठंडक प्रदान करता है।
7 - अगर आपके पास तिल मौजूद है तो तेरे को पीसकर आप जले हुए या दर्द वाले स्थान पर लगा सकते हैं ऐसा करने से आपको तुरंत राहत मिलेगी।
8 - ध्यान दें अगर आपकी त्वचा पर फफोले पड़ गए हैं तो उसे फोड़ने की गलती ना करें ऐसा करने से संक्रमण और बढ़ सकता है।
9 - अगर आपका फफोला खुद-ब-खुद फट जाए तो तुरंत उसे साबुन से धोएं। इसके बाद एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल करें और पट्टी लगाएं।
10 - जब फफोले ठीक होता है तो व्यक्ति को बुखार, सूजन, जलन, दर्द, लालिमा आदि समस्या भी देखी जा सकती है।
बता दें कि ऊपर बताई गई समस्या से पता चलता है कि फफोले पड़ने से किसी भी प्रकार की बीमारी शरीर में नहीं होती है। लेकिन उसका इलाज होना भी बिल्कुल जरूरी है। वरना इससे इंफेक्शन फैलने का डर रहता है। बता दें कि डॉक्टर इसके इलाज के लिए दवाइयों के अलावा त्वचा का परीक्षण भी करते हैं। जब फफोले ठीक नहीं होता है तो डॉक्टर द्रव का नमूना लेते हैं और उसकी जांच के लिए भेजते हैं। तब पता चलता है कि यह किस कारणवश पैदा हुआ है।
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