मां बनना हर महिला के लिए एक अनमोल एहसास होता है। बच्चे के जन्म के बाद स्तनों में दूध बनना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन कई बार महिलाओं को ज्यादा दूध बनने की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह समस्या पहली नजर में अच्छी लग सकती है, लेकिन हकीकत में यह कई तरह की दिक्कतें पैदा कर सकती है। ज्यादा ब्रेस्ट मिल्क बनने से महिलाओं को स्तनों में सूजन, दर्द, भारीपन, जकड़न और असहजता जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार ज्यादा दूध स्तनों में जम जाता है, जिससे स्तनों में संक्रमण होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा, बार-बार दूध निकलने के कारण कपड़े गीले हो सकते हैं, जिससे झिझक और असहजता महसूस हो सकती है। इस स्थिति में प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, ब्रेस्ट मिल्क कम करने का आयुर्वेदिक तरीका।
स्तनों में ज्यादा दूध बनने की समस्या क्यों होती है? - What Causes Increased Breast Milk Production
- शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन की अधिकता दूध उत्पादन को बढ़ा सकती है।
- यदि बच्चा बच्चा दूध पीता है, तो दूध का उत्पादन ज्यादा हो सकता है।
- कई बार बच्चा सही ढंग से स्तनपान नहीं कर पाता, जिससे दूध ज्यादा बनने लगता है और स्तनों में भर जाता है।
- कुछ दवाइयां दूध उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होती हैं, जिससे समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- जब स्तनों में ज्यादा दूध भर जाता है, तो यह सूजन, दर्द और असहजता का कारण बन सकता है। ऐसे में प्राकृतिक तरीके से इसे कंट्रोल करना जरूरी होता है।
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ब्रेस्ट मिल्क कम करने का आयुर्वेदिक तरीका - How To Stop Breast Milk Naturally
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि आयुर्वेद में पान के पत्ते (Betel Leaf) को एक जरूरी औषधि माना जाता है, जो स्तनों में दूध की अधिकता को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। आयुर्वेद में पान के पत्तों को एक प्राकृतिक उपाय के रूप में देखा जाता है, जो स्तनों में दूध के ज्यादा उत्पादन को कट्रोल करने में मदद कर सकता है। यह सूजन कम करने, दूध का बहाव कंट्रोल करने और स्तनों को आराम देने में कारगर माना जाता है। इसके अलावा, कुछ अन्य आयुर्वेदिक उपाय भी इस समस्या में मददगार साबित हो सकते हैं।
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ताजे पान के पत्तों को हल्का गर्म कर लें (सीधा आग पर गर्म न करें, हल्का गुनगुना करें) अब इन पत्तों को अपने स्तनों पर हल्के कपड़े की मदद से बांध लें। इसे कम से कम 20-30 मिनट तक रखें और इस प्रक्रिया को दिन में 2-3 बार दोहराएं। गर्म पान के पत्ते स्तनों में जमी हुई सूजन को कम करते हैं और दूध उत्पादन को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
निष्कर्ष
स्तनों में ज्यादा दूध भर जाने की समस्या कई महिलाओं को परेशान कर सकती है, लेकिन प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपायों से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। पान के पत्तों में सूजन कम करने, दूध उत्पादन को संतुलित करने और स्तनों में होने वाली असहजता को दूर करने की क्षमता होती है। यदि आप इस समस्या से जूझ रही हैं, तो पान के पत्तों का सही उपयोग करके राहत पा सकती हैं।
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