कोलोरेक्टल कैंसर तीसरा सबसे आम कैंसर है। यह पुरूष व महिलाओं में से किसी को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि इसके होने के कारण निश्चित नहीं हैं, लेकिन आपका आहार इसमें एक अहम् भूमिका निभाता है। आज के समय में लोग अपने खानपान व लाइफस्टाइल पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, जिसके कारण कोलोरेक्टल कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। आहार में फाइबर कम होना, सैचुरेटिड फैट का अत्यधिक सेवन, बहुत अधिक कैलोरी का सेवन, धूम्रपान व शराब के सेवन से कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम बढ़ रहा है। इस लिहाज से अगर आपको कोलोरेक्टल कैंसर से बचना है, तो आपको अपने खानपान पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। तो चलिए आज हम आपको उन आहार के बारे में बता रहे हैं जो कोलोरेक्टल कैंसर के बचाव में सहायक हो सकते हैं-
डेयरी प्रॉडक्ट
कुछ अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि कैल्शियम से भरपूर डेयरी उत्पाद कोलन ग्रोथ (एडेनोमास) और कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को डेयरी प्रॉडक्ट्स जैसे दही व पनीर आदि का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए।
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होल ग्रेन फूड
कोलोरेक्टल कैंसर का एक प्रमुख कारण आहार में फाइबर की कमी होती है। ऐसे में होल ग्रेन फूड का सेवन करके आप इस कैंसर से बच सकते हैं। दरअसल, होल ग्रेन फूड मैग्नीशियम और फाइबर से प्रचुर होते हैं और इसके सेवन से आपको पोषक तत्व मिलते हैं और कैंसर से बचाव में भी मदद मिलती है। आपको दिन में कम से कम 90 ग्राम होल ग्रेन फूड का सेवन जरूर करना चाहिए। इसके लिए आप ओटमील, होल वीट ब्रेड व ब्राउन राइस आदि का सेवन कर सकते हैं।
बीन्स
बीन्स में भी फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। बीन्स के अलावा आप अन्य कई तरह के दालें, सोयाबीन, मटर व फलियां आदि भी खा सकते हैं। इनमें फाइबर के साथ-साथ प्रोटीन और विटामिन बी और ई जैसे पोषक तत्व भी होते हैं। साथ ही इनमें फ्लेवोनोइड्स नामक यौगिक भी होते हैं, जो ट्यूमर को बढ़ने से रोक सकते हैं। इसके अतिरिक्त इनमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट भी कोलोरेक्टल कैंसर से बचाव में मदद करते हैं।
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कलरफुल फल और सब्जियां
कलरफुल फल और सब्जियां कई मायनों में सेहत के लिए लाभकारी होती हैं। खासतौर से, इनमें फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकास व इन्फ्लमेशन को रोक सकते हैं। खुद को स्वस्थ रखने और कोलोरेक्टल कैंसर से बचने के लिए कई तरह के फल व सब्जियों जैसे ब्रोकोली, पत्तागोभी और संतरा आदि का जरूर सेवन करें।
फिश
अगर आप नॉन-वेजिटेरियन हैं तो फिश का सेवन करना आपके लिए काफी अच्छा रहेगा। खासतौर से, सैल्मन फिश ओमेगा-3 फैटी एसिड में समृद्ध होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है और कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा कर सकता है। हालांकि मछली का चयन करते समय आपको थोड़ी सतर्कता बरतनी जरूरी है। कुछ शोधों में पाया गया कि जो लोग रेड मीट के बजाय मछली खाते हैं उन्हें कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना कम होती है। आप अपने आहार में स्वोर्डफ़िश, टूना, टाइलफ़िश, और राजा मैकेरल का सीमित मात्रा में सेवन कर सकते हैं।
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