Ayurvedic Herbs For Oral Health In Hindi: हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए ओरल हेल्थ का सही बहुत जरूरी है। हम जो भी भोजन खाते हैं, उसका सबसे पहले संपर्क हमारे दांतों और मुंह से होता है। ओरल हाइजीन की कमी के कारण कई तरह के संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मुंह की सही ढंग से साफ-सफाई ना करने के कारण मुंह से बदबू आना, दांतों में पीलापन, मसूड़ों व दांतों में दर्द, पायरिया और कैविटी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ओरल हेल्थ को बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम दो बार ब्रश करना और दांतों को फ्लॉस करना बहुत जरूरी माना जाता है। मुंह, मसूड़ों और दांतों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में आयुर्वेदिक उपाय भी बहुत उपयोगी हैं। प्राचीन समय से ही लोग अपने दांतों को सफेद और चमकदार बनाए रखने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि इनके इस्तेमाल से आपको साइड इफेक्ट्स का भी खतरा नहीं रहता है। आज इस लेख में हम आपको ऐसी ही 5 आयुर्वेदिक हर्ब्स के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी ओरल हेल्थ को बनाए रखने में मददगार साबित होंगी -
ओरल हेल्थ को स्वस्थ रखेंगी ये 5 आयुर्वेदिक हर्ब्स - Ayurvedic Herbs For Oral Health In Hindi
नीम
नीम एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। इसकी टहनियों का इस्तेमाल आज भी दांतों को साफ करने के लिए दातुन के रूप में किया जाता है। इसमें मौजूद गुण मुंह की बदबू दूर करने से लेकर दांतों को मजबूत बनाने में प्रभावी होते हैं। नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर मसूड़ों पर मालिश करने से खून बहना बंद हो जाता है और सूजन व दर्द से भी राहत मिलती है।
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लौंग
आयुर्वेद में लौंग का इस्तेमाल टूथपेस्ट और माउथ वॉश बनाने के लिए किया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है। इसमें मौजूद यूजेनॉल मुंह में बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है और मुंह की बदबू को दूर करता है। लौंग चबाने और इसका तेल लगाने से दांत के दर्द और मसूड़ों की सूजन से जल्द राहत मिल सकती है।
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तुलसी
आयुर्वेद में तुलसी का इस्तेमाल एक शक्तिशाली औषधि के रूप में किया जाता है। तुलसी की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-फंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। तुलसी दांतों में सड़न पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करती है। इसमें मौजूद गुण मुंह की बदबू, दांत में दर्द और मसूड़ों से खून आना जैसी समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हैं। इसके लिए तुलसी की पत्तियों को सूखा लें और इसके चूर्ण से दांतों को साफ करें।
त्रिफला
दांतों को सफेद और चमकदार बनाने के लिए त्रिफला का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है। यह तीन शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों- आंवला, हरड़ और बहेड़ा को मिलाकर बनता है। इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए एक गिलास गुनगुने पाने में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाएं। फिर इस पानी से कुल्ला करें। दिन में दो बार इसका इस्तेमाल करने से सांसों की दुर्गंध और मुंह के छालों को कम करने में मदद मिल सकती है।
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मुलेठी
दांतों को साफ करने और दांतों की कई समस्याओं के इलाज के लिए मुलेठी एक बेहतरीन जड़ी-बूटी है। इसमें बायो एक्टिव घटक होते हैं, जो दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं। मुलेठी की जड़ से बने मंजन का इस्तेमाल करने से कैविटी की समस्या नहीं होती और दांतो का पीलापन भी दूर होता है।