तेज सिरदर्द (Chronic Migraine) की समस्या में कैसे काम करती है टॉक थेरेपी, जानें इसके फायदे

टेंशन के कारण लोगों को अक्सर सिरदर्द हो जाता है। आगे जानते हैं कि टॉक थेरेपी से आप माइग्रेन को कैसे दूर कर सकते हैं।   
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तेज सिरदर्द (Chronic Migraine) की समस्या में कैसे काम करती है टॉक थेरेपी, जानें इसके फायदे


Talk Therapy For Chronic Migraine In Hindi: काम के दबाव के चलते आज दुनियाभर के करोड़ों लोग माइग्रेन की समस्या से परेशान है। माइग्रेन एक तरह का सिरदर्द है, जिसकी वजह से आप किसी काम को सही तरह से नहीं कर पाते हैं। गंभीर से होने वाले सिरदर्द को क्रोनिक माइग्रेन कहा जा सकता है। यह नींद की कमी या काम के प्रेशर के चलते हो सकता है। वैसे तो लोग मालूमी सिरदर्द को अनदेखा कर देते हैं। लेकिन, जब यह बार-बार होने लगता है, तो यह परेशानी का कारण बन सकता है। कुछ मामलो में न्यूरोलॉजिक्ल डिसऑर्डर इसका कारण होता है। हेल्थलाइन के अनुसार क्रोनिक माइग्रेन के इलाज में आप टॉक थेरेपी का अपना सकते हैं। यह एक तरह की साइकोथेरेपी है, जो व्यक्ति के तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने में मदद करती है। आगे जानते हैं टॉक थेरेपी क्या है और कैसे काम करती है। 

क्या टॉक थेरेपी क्रोनिक माइग्रेन में मदद कर सकती है? - Can Talk Therapy help chronic migraine in hindi 

सिरदर्द से जुड़े विकारों को दूर करने के लिए कई बार डॉक्टर दवाओं और साइकोथेरेपी लेने की सलाद देते हैं। टॉक थरेपी माइग्रेन के प्रभावों को कम करने में मदद करती है। अमेरिकन माइग्रेन फाउंडेशन (एएमएफ) के अनुसार, माइग्रेन से पीड़ित 30 से 60 प्रतिशत लोगों को आराम करने और कॉग्नीटिव बीहेव्रियल थेरेपी से सिरदर्द कम होने लगता है। जो लोग विशेष रूप से रिलैक्सेशन थेरेपी का उपयोग करते हैं, उनको एक्यूट माइग्रेन में बार-बार सिरदर्द होना की संभावना 45 से 60 फीसदी कम देखने को मिलती है। 

टॉक थेरेपी के क्या फायदे होते हैं? - Benefits Of Talk Therapy in Hindi

टॉक थेरेपी के फायदे आपको आगे बताए गए हैं- 

  • इस थेरेपी से व्यक्ति को क्रोनिक माइग्रेन होने पर भी दर्द कम महसूस होता है
  • मानसिक दृष्टिकोण में बदलाव होता है। 
  • तनाव का कारण बनने वाली बातों को बार-बार नहीं सोचते हैं। 
  • नींद में सुधार होता है। 

talk therapy for migraine

क्रोनिक माइग्रेन के लिए किस प्रकार की टॉक थेरेपी बेहतर होती है? - What kind of talk therapy is best for chronic migraine in Hindi

कई थेरेपी क्रोनिक माइग्रेन में मददगार हो सकती है। इन थेरेपी के उपयोग से माइग्रेन में काफी हद तक आराम मिलता है। साथ ही, इसके ठीक होने में कम समय लगता है। आगे जानते हैं कॉग्नेटिव बिहेवरियल थेरेपी, रिलैक्सेशन थेरेपी और बायोफिडबैक थेरेपी के बारे में जानते हैं। 

कॉग्नेटिव बिहेवरियल थेरेपी

यह थेरेपी उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है, जो तनाव को कम करना चाहते हैं। साथ ही उनकी तनाव के बाद होने वाली प्रतिक्रियाओं से बचाव करने के लिए इस थेरेपी को अपनाया जा सकता है। टॉक थेरेपी में शामिल होने वाली यह थेरेपी निगेटिव सोच से आपको दूर रखती है। यह आपको यह समझने में मदद करती है कि विचार और विश्वास आपके व्यवहार को कैसे बदल सकते हैं। 

रिलैक्सेशन थेरेपी 

कुछ लोग क्रोनिक माइग्रेन के लिए रिलैक्सेशन थेरेपी का उपयोग करते हैं, इसमें कॉग्नेटिव बिहेवरियल थेरेपी की तरह ही फायदे होते हैं। यह माइग्रेन को ट्रिगर कनरे वाले लक्षणों को दूर करने में सहायक होते हैं। इसमें गहरी सांस लेने और एक्सरसाइज कराई जाती हैं, जो नर्वस सिस्टम को आराम पहुंचाती हैं।  

बायोफीडबैक थेरेपी

बायोफीडबैक थेरेपी के दौरान, आप उन मशीनों से जुड़े होते हैं जो विभिन्न अनैच्छिक शारीरिक प्रतिक्रियाओं, जैसे त्वचा का तापमान या मांसपेशियों में तनाव को मापती हैं। इसमें आपके शरीर में होने वाले बदलाव के जानकारी दी जाती है। 

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माइग्रेन की समस्या में डॉक्टर की सलाह पर आप टॉक थेरेपी की मदद ले सकते हैं। इससे आपके व्यवहार में होने वाले बदलावों को दूर करने का प्रयास किया जाता है। इससे आपको चीजों को समझने में आसानी होती है।

(Image Courtesy : Freepik)

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