बवासीर एक बेहद ही तकलीफदेह समस्या है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति के गुदा (Anus) के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन आ सकती है। इसके अलावा कुछ परिस्थितियों में मलाशय (Rectum) के निचले हिस्से में सूजन की शिकायत हो सकती है। बवासीर की परेशानी बढ़ने पर गुदे के अंदर या बाहर मस्सा बनने लगता है। मल त्यागने के बाद यह मस्सा अंदर चला जाता है। लेकिन कुछ गंभीर परिस्थितियों में यह बाहर आ जाते हैं। बवासीर का अगर समय पर इलाज नहीं कराया गया तो यह गंभीर रूप धारण कर सकती है। इसलिए बवासीर के लक्षण दिखने पर इसका समय से इलाज कराएं। बवासीर की परेशानी से राहत पाने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की मदद ले सकते हैं। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की जैसे ही बात आती है, तो सबसे पहले गिलोय का नाम हमारी जुबां पर आता है। अब सवाल यह है कि बवासीर में गिलोय के फायदे क्या हैं और इसका किस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं?
बवासीर में गिलोय के फायदे?
सिरसा के आयुर्वेदाचार्य डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि बवासीर रोगियों की परेशानियों को कम करने के लिए गर्म चीजों को खाने की सलाह दी जाती है। गिलोय की तासीर ठंडी होती है। ऐसे में यह बवासीर रोगियों के लिए अधिक असरकारी नहीं हो सकता है। हालांकि, कुछ परिस्थितियों में बवासीर रोगी गिलोय का सेवन करते हैं, तो उनको फायदा हो सकता है। जैसे-
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एसिडिटी होने पर
आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि अगर आपको बवासीर के साथ-साथ एसिडिटी की परेशानी है, तो आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं। गिलोय के सेवन से एसिडिटी की परेशानी को कम किया जा सकता है। बवासीर के साथ एसिडिटी होने पर आप गिलोय का सेवन काढ़े के रूप में कर सकते हैं। हालांकि, इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
खूनी बवासीर
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि अगर आपको खूनी बवासीर की शिकायत है, जिसमें मल के साथ अधिक खून आता है। तो इस स्थिति में आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं। इस स्थिति में गिलोय का सेवन करने से मल के खून आने की परेशानी को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। हालांकि, इससे बवासीर पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता है। अगर आप खूनी बवासीर में गिलोय का सेवन कर रहे हैं, तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
कैसे बनाएं गिलोय का काढ़ा
आयुर्वेदाचार्य बताते है बवासीर में गिलोय का काढ़ा आप सीधे तौर पर पी सकते हैं। इसमें आपको किसी भी तरह के मिलावट की आवश्यकता नहीं होती है।
- गिलोय का काढ़ा तैयार करने के लिए सबसे पहले 1 पैन लें। इसमें 2 कप पानी डालकर इसे अच्छे से उबाल लें।
- अब इसमें गिलोय की टहनियों का 2 इंच टुकड़ा कुचलकर डाल दें और धीमी आंच पर पकने दें।
- इसके बाद इसे छन्नी की मदद से 1 कप में छान लें और चाय की तरह पिएं।
बवासीर होने पर कुछ अन्य जड़ी-बूटी
सरकारी वेबसाइट नेशनल हेल्थ पोर्टल पर कुछ खूनी बवासीर में कुछ अन्य जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करने का तरीका बताया गया है। अगर आप भी खूनी बवासीर से परेशान हैं, तो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे करें बवासीर में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल -
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रक्त चंदना
खूनी बवासीर की परेशानी होने पर आप आयुर्वेद में मौजूद रक्त चंदना (Red Sandal) का इस्तेमाल कर सकते हैं। सरकारी पोर्टल के अनुसार, अगर आपको खूनी बवासीर है, तो 16 ग्राम लाल चंदन का पाउडर लें। अब इसे 400 मिलीलीटर पानी के साथ मिलाएं और इसे छान लें। तैयार ड्रिंक को आप दिन में दो बार सेवन लें। इससे बवासीर में होने वाली परेशानी कम की जा सकती है।
अजवाइन
बवासीर की शिकायत होने पर आप अजवाइन भी ले सकते हैं। सरकारी पोर्टल के मुताबिक, बवासीर होने पर 1 ग्राम अजवाइन लें। इसमें थोड़ा सा काला नमक मिक्स करें। अब इसे मिल्क बटर के साथ खाएं। दिन में दो बार इस मिश्रण का सेवन करने से आपको काफी फायदा होगा।
बवासीर की शिकायत होने पर आप आयुर्वेद की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि किसी भी जड़ी-बूटी का सेवन करने से पहले एक बार आयुर्वेदाचार्य से सलाह जरूर लें। वहीं, अगर आपकी परेशानी गंभीर हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर को अपनी परिस्थिति के बारे में बताएं।