कीड़ा जड़ी एक बेहद कीमती जड़ी-बूटी है जो हिमालयी क्षेत्रों जैसे उत्तराखंड, नेपाल, तिब्बत और भूटान के ऊंचाई वाले इलाकों में पाई जाती है। पारंपरिक चीनी और तिब्बती चिकित्सा पद्धतियों में कीड़ा जड़ी का उपयोग पुराने समय से किया जा रहा है। आयुर्वेद में भी इसे एक शक्तिशाली रसायन और टॉनिक के रूप में बताया गया है। यह नेचुरल औषधि इम्यूनिटी बढ़ाने, यौन शक्ति सुधारने, थकान दूर करने, फेफड़ों को मजबूत करने और मानसिक स्थिरता प्रदान (What is the use of Keeda Jadi) करने के लिए जानी जाती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल गुण अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। लेकिन कीड़ा जड़ी बहुत ज्यादा महंगी होती है तो इसका सेवन आम इंसान के लिए मुश्किल हो सकता है।
कीड़ा जड़ी के सप्लीमेंट्स, कैप्सूल और एक्सट्रैक्ट्स बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और इसका उपयोग कैंसर, डायबिटीज, अस्थमा, दिल की बीमारियों और मानसिक तनाव जैसी कई गंभीर समस्याओं में किया जा रहा है। इस लेख में हम जीवा आयुर्वेद, निदेशक, डॉ प्रताप चौहान से विस्तार से जानेंगे कि आयुर्वेद के अनुसार कीड़ा जड़ी किन-किन बीमारियों में लाभकारी है और इसका सुरक्षित उपयोग कैसे किया जा सकता है।
1. कैंसर रिस्क कम करे
कीड़ा जड़ी में एंटी कैंसर गुण होते हैं। इनमें ऐसे गुण होते हैं जो कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोकते हैं (What is the fungus that kills cancer cells), जिससे कैंसर सेल्स शरीर में फैल न सकें। ट्यूमर को छोटा करने में भी यह फायदेमंद है। कीड़ा जड़ी एक तरह से एंटी कैंसर एजेंट का काम करती हैं। इसके इथेनॉल एक्सट्रैक्ट में भी हाई साइटो टॉक्सिक पदार्थ होते हैं जो कैंसर सेल्स को खत्म करने में सहायक होते हैं।
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2. एक्सरसाइज परफॉर्मेंस बढ़ाए
कीड़ा जड़ी के कुछ एक्टिव कॉम्पोनेंट्स में थकान कम करने वाले गुण होते हैं। इसके सप्लीमेंट का प्रयोग करने से हाई इंटेंस एक्सरसाइज करते समय टॉलरेंस लेवल बढ़ता है। इसके सेवन से शरीर में एटीपी मॉलिक्यूल का उत्पादन (Kida jadi ke fayde in hindi) बढ़ता है, जो एक्सरसाइज करते समय शरीर में ऑक्सिजन लेवल बढ़ाता है। अगर थोड़ी देर एक्सरसाइज करते ही थक जाते हैं तो इसका सेवन जरूर करें।
3. डायबिटीज मैनेज में सहायक
कीड़ा जड़ी का प्रयोग करना डायबिटिक लोगों के लिए भी लाभदायक होता है। इसमें मौजूद फ्रूटिंग बॉडी और माइसेलिया उन लोगों की किडनी को सुरक्षित करने में मदद करती हैं, जो डायबिटीज के मरीज हैं और नेफ्रोपैथी से जूझ रहे हैं।
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4. एंटी एजिंग गुण
कीड़ा जड़ी में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जो उम्र बढ़ने के साथ आने वाले लक्षणों को कम करते हैं। यह स्किन की ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम (Does Cordyceps help with skin) करते हैं। अगर जेनेटिक कारणों की वजह से स्किन में कोई समस्या है तो उसे ठीक करने में भी यह लाभदायक होते हैं। इसमें काफी सारे ऐसे एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो स्किन के लिए लाभदायक होते हैं।
5. सेक्स ड्राइव बढ़ाने में सहायक
कीड़ा जड़ी में ऐसे मेडिकल गुण होते हैं जो सेक्सुअल परफॉर्मेंस और लिबिडो को बढ़ाने (sex power ki jadi buti) में सहायक हैं। इसका प्रयोग करने से स्पर्म काउंट बढ़ता है, मोबिलिटी बढ़ती है और टेस्टोस्टेरोन लेवल (Does cordyceps raise testosterone levels) भी बढ़ते हैं।
6. दिल की सेहत के लिए सहायक
कॉर्डीसेपिन जोकि एक बायो एक्टिव कंपोनेंट है। इसमें लिपिड लोवर गुण होते हैं जो अनियमित धड़कन को सही करने में प्रयोग किए जाते हैं। चूहों में हुई स्टडीज में क्रोनिक दिल की बीमारियों में शामिल दिल की चोट को ठीक करने में भी कीड़ा जड़ी सहायक होती है। इसमें कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। साथ ही कुछ ऐसे एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो दिल के लिए सहायक होते हैं।
7. इन्फ्लेमेशन को ठीक करने में लाभदायक
कीड़ा जड़ी का प्रयोग कई जगह लंग्स और ब्रोंकियल इंफ्लेमेशन को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। अस्थमा से जूझ रहे लोगों के एयर वे में आई सूजन को भी ठीक करने में यह सहायक है। इसके मेथेनॉल एक्सट्रेक्ट इंफ्लेमेशन पैदा करने वाले जीन्स को खत्म करने में सहायक माने जाते हैं। इसमें कुछ एंटी इन्फ्लेमेटरी इफेक्ट्स भी होते हैं जो इंफ्लेमेटरी जीन्स को खत्म करने में सहायक होते हैं।
कीड़ा जड़ी से काफी सारे स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। लेकिन कुछ लोगों को इसे खाने के बाद उल्टियां, जी मिचलाना और डायरिया जैसे साइड इफेक्ट्स भी देखने पड़ रहे हैं। इसलिए देख कर ही इसका प्रयोग करें।
निष्कर्ष
कीड़ा जड़ी न सिर्फ शारीरिक ताकत और इम्यूनिटी बढ़ाती है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य, यौन शक्ति और थकान मिटाने में भी कारगर है। लेकिन इसे किसी भी बीमारी का सीधा इलाज मानने की बजाय डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य की सलाह से ही लेना चाहिए।
FAQ
कीड़ा जड़ी क्या है और यह कहां पाई जाती है?
कीड़ा जड़ी हिमालयी क्षेत्रों में ऊंचाई पर पाया जाता है। यह फंगस एक विशेष प्रकार के कीड़े के शरीर में परजीवी बनकर उगती है। इसे पारंपरिक चिकित्सा में औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।कीड़ा जड़ी का सेवन किन-किन बीमारियों में लाभदायक होता है?
कीड़ा जड़ी का उपयोग कैंसर, डायबिटीज, अस्थमा, किडनी रोग, यौन दुर्बलता, थकान, हार्ट डिजीज और उम्र बढ़ने के प्रभावों को कम करने में किया जाता है। यह शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाती है और एनर्जी का लेवल बढ़ाती है।कीड़ा जड़ी का सेवन कैसे किया जाता है?
कीड़ा जड़ी को चूर्ण, कैप्सूल या एक्सट्रैक्ट के रूप में लिया जा सकता है। आमतौर पर सुबह गुनगुने पानी के साथ इसका सेवन किया जाता है। लेकिन इसकी मात्रा डॉक्टर की सलाह अनुसार चुनें।