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एयर प्यूरिफायर (Air Purifier) आपको दिल और फेफड़ों की कई बीमारियों से बचा सकता है, जानें कैसे

अगर आप प्रदूषण भरे इलाके में रहते हैं, तो आपको एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करना चाहिए। खासकर हार्ट और लंग्स के मरीजों के लिए ये प्यूरिफायर जरूरी हैं।
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एयर प्यूरिफायर (Air Purifier) आपको दिल और फेफड़ों की कई बीमारियों से बचा सकता है, जानें कैसे


एक तरफ मौसम की मार और दूसरी तरफ बढ़ता प्रदूषण (Pollution)। दोनों ही आपके लिए मुश्किल भरे हो सकते हैं। आपने महसूस किया होगा कि सुबह के समय अब वायुमंडल में हल्का सा कोहरा रहता है। क्या आप जानते हैं कि यह कोहरा नहीं स्मॉग है। यानी कि धूल और धुएं की एक पर्त, जो कुछ शहरों में पूरे वायुमंडल पर आजकल छाई हुई है। स्मॉग (Smog) आपकी सांस संबंधी परेशानियों को बढ़ा सकता है। इन समस्याओं से बचाने में एयर प्यूरीफायर (Air Purifiers) आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं।

पारस हॉस्पिटल गुरुग्राम के पल्मनोलॉजी प्रमुख तथा सीनियर कंसलटेंट डॉ अरुणेश कुमार के अनुसार एयर प्यूरीफायर के द्वारा आप अपने कमरे से धूल, मिट्टी और प्रदूषण को काफी हद तक कम करके हवा को काफी शुद्ध कर सकते है। इन्हें आप किसी भी कमरे में आसानी से रख सकते हैं। अगर आपके घर में कोई सीओपीडी (COPD) का मरीज मौजूद है तो हवा में पाए जाने वाले छोटे छोटे तत्त्व जैसे बैक्टीरिया, धूल आदि उनकी सेहत को और अधिक प्रभावित कर सकते हैं। हवा के इन तत्त्वों के कारण मरीज के फेफड़ों में सूजन, खांसी और साथ ही सांस भी फूल सकता है। यह आपके हृदय और ब्लड प्रेशर के लिए भी हानिकारक होता है और मरीज को स्ट्रोक आने का रिस्क भी बढ़ सकता है।

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एयर प्यूरीफायर किस तरह हवा शुद्ध करता है (How Do Air Purifiers Works)

अगर आप अच्छा एयर प्यूरीफायर खरीदते हैं तो इसमें मौजूद फिल्टर हवा से लगभग 99% प्रदूषण कणों को खत्म करने में लाभदायक होते हैं। प्रदूषण के कारण हमारे घर के वातावरण में भी कुछ बैक्टीरिया फफुंदीय धूल के कण पनपने लगते हैं। जो सांस लेते समय हमारे श्वसन मार्ग से शरीर में प्रवेश कर सांस से जुड़ी परेशानियों को उत्पन्न करने लगते हैं। जो सामान्य लोगों के लिए तो खतरनाक हैं ही, लेकिन अस्थमा मरीजों के लिए ज्यादा ही खतरनाक हैं। इसकी वजह से अस्थमा या दमा के रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है और कई बार तो अस्थमा रोगी को दौरा भी पड़ सकता है।

air purifier and lung health

शहरों में फैक्ट्रियों के धुएं और प्रदूषण के कारण कई बार वातावरण में जहरीली गैसें भी रुकी होती हैं। क्लोरीन या अमोनिया युक्त प्रदूषित हवा दिल के रोगियों के लिए बेहद खतरनाक होती है। यहां तक कि उन्हें फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है। एयर प्यूरीफायर इन पोल्यूटेंट्स को ट्रैप कर हवा से मुक्त या निष्क्रिय करता है। जबकि कार्बन वाले प्यूरीफायर केमिकल युक्त पोल्यूटेंट्स को हवा से साफ करते हैं। कुछ एयर प्यूरीफायर नेगेटिव आयन कणों को खींच कर उन्हें निष्क्रिय कर देते हैं। इस तरह एयर प्यूरीफायर आपके स्वास्थ्य को ठीक रखने में सहायक है और बहुत सी श्वसन संबंधी खतरों से आप को बचाते हैं।

अपने एयर प्यूरीफायर को कहां रखें  (Where You Can Keep Your Air Purifier)

एयर प्यूरीफायर केवल उसी कमरे की हवा को शुद्ध करते हैं जहां उन्हें रखा जाता है। इसलिए यदि आपके घर में कोई अस्थमा या दिल का मरीज है तो जिस भी कमरे वह है उसी जगह पर इन्हें रखना चाहिए। यह प्यूरीफायर काफी छोटे होते हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाए जा सकते हैं।  अगर आप चाहें तो अलग अलग कमरों के लिए अलग अलग एयर प्यूरीफायर भी खरीद सकते हैं। 

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अपने लिए बेस्ट एयर प्यूरीफायर कैसे चुनें (How To Choose Best Air Purifier)

  • वह एयर प्यूरीफायर जिसके फिल्टर की कम से कम क्षमता रेटिंग 11 से 13 के बीच होती है, वह काफी अच्छे होते हैं। यह रेटिंग जितनी अधिक बढ़ती जायेगी आपके एयर प्यूरीफायर की गुणवत्ता भी उतनी ही बेहतर मिलेगी। इनसे आपके कमरे की हवा 99% शुद्ध हो सकती है। 
air purifier benefits
  • आपको यह भी जान लेना चाहिए कि यह प्यूरीफायर ओजोन जैसी गैस को कमरे से नहीं निकालते हैं। बहुत से प्यूरीफायर काफी अधिक शोर करते हैं और आपकी सोते समय नींद भी खराब कर सकते हैं। इसलिए आप को इस बात का भी खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए।
  • अगर आप आयोनाइजर्स खरीदते हैं तो यह कमरे के डस्ट पार्टिकल्स को कुछ दिनों के लिए कमरे के निचले भाग में चिपका देते है और कुछ दिनों के बाद वह पार्टिकल्स वापिस से हवा में घुल जाते हैं। इस प्रकार के प्यूरीफायर से ओजोन गैस के उत्पन्न होने का भी रिस्क रहता है। जो कैंसर का कारण बन सकती है। इसलिए आपको यह सारी बातें ध्यान में रख कर ही अपने लिए बेस्ट ऑप्शन चुनना चाहिए।

आपको अपने कमरे को धूल मिट्टी से  साफ रखने के लिए हर तीन महीने अपने एसी के फिल्टर साफ करने चाहिए। अपने कमरे के अंदर किसी को धूम्रपान न करने दें। घर की नियमित रूप से साफ सफाई करते रहें और वैक्यूम क्लीनर का भी प्रयोग करें।

 

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