तुलसी को पवित्र पौधों में से एक माना जाता है। तुलसी केवल आस्था का प्रतीक ही नहीं है बल्कि इस पौधे में पाए जाने वाले औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में भी इसे बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। भारत में सदियों से इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल होता चला आ रहा है। तुलसी अपने शांत प्रभाव के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए इस अद्भुत जड़ी बूटी को तनाव दूर करने वाला प्रभावी प्राकृतिक उपाय माना जाता है।
तुलसी के गुण
तुलसी एक ऐसा पौधा है जो हर घर में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। हाल में हुए शोध से पता चला है कि तुलसी तनाव से भी बचाती है। तुलसी शरीर में कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को सामान्य बनाकर तनाव से राहत देने में मदद करती है। इसके अलावा यह तनाव के कारण मस्तिष्क पर होने वाले नकारात्मक प्रभाव का मुकाबला करने में सहायक होती है। इस खुशबूदार पौधे की पत्तियां एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देने के साथ साथ मुक्त कण को निष्क्रिय करके तनाव कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
तनाव कम करें तुलसी
तुलसी के पत्तों में भरपूर मात्रा में पाया जाने वाला शक्तिशाली एडाप्टोजेनिक गुण इसे बहुत अच्छा एंटी-स्ट्रेस एजेंट बनाते हैं। जो नर्वस को शांत करने और ब्लड सर्कुलेशन को विनियमित करने में मदद करता है। यह अत्यंत महत्वपूण्र पोषक तत्व ऑक्सीकरण प्रक्रिया (तनाव के कारण होता है) को धीमा करने और तनाव के हानिकारक प्रभावों से शरीर की रक्षा करता है।
टिप्स
प्राकृतिक रूप से तनाव कम करने के लिए एक दिन में दो बार तुलसी की 10 से 12 पत्तियां खानी चाहिए। इसके अलावा नियमित रूप से तुलसी की चाय बनाकर पीने से भी दैनिक जीवन में आने वाले तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। तुलसी की चाय बनाने के लिए एक कप उबलते पानी में कुछ तुलसी की पत्तियों और चाय पाउडर को मिलाये।
अन्य बीमारियां
तनाव दूर करने के अलावा तुलसी अन्य कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं में भी उपयोगी होती है। तुलसी रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित करने की क्षमता रखती है। शरीर के वजन को नियंत्रित रखने हेतु भी तुलसी अत्यंत गुणकारी है। चाय बनाते समय तुलसी के कुछ पत्तों को डालने से सर्दी, बुखार एवं मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलती है। तुलसी के काढ़े में थोड़ा-सा सेंधा नमक एवं पीसी सौंठ मिलाकर सेवन करने से कब्ज दूर होती है। तुलसी के साथ कालीमिर्च का सेवन करने से पाचन शक्ति की कमजोरी समाप्त हो जाती है। दूषित पानी में तुलसी की कुछ ताजी पत्तियां डालने से पानी का शुद्ध किया जा सकता है। नियमित रूप से सुबह के समय पानी के साथ तुलसी के 5 पत्ते निगलने से कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों एवं दिमाग की कमजोरी से बचा जा सकता है।
Image Courtesy : Getty Images
Read More Articles on Home Remedies in Hindi
Read Next
अच्छी नींद के लिए घरेलू नुस्खे
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version