
आयुर्वेद में कफ दोष को एक बहुत ही गंभीर समस्या मानी गई है। कफ दोष के कारण ही शरीर में कई तरह ही समस्याएं होती हैं।
कफ दोष की वजह से शरीर में कई सारी परेशानियां उत्पन्न होने लगती है। कफ दोष दो तत्वों से मिलकर बना होता है। पृथ्वी और जल। पृथ्वी के कारण कफ दोष में स्थिरता और भारीपन होता है। वहीं, जल की वजह से चिकनाई और ऑयली वाले गुण होते हैं। गाजियाबाद स्वर्ण जयंती के आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी के अनुसार, कफ दोष की वजह से शरीर का मुख्य अंग पेट और छाती प्रभावित होता है। कफ दोष की समस्या से बचने के लिए सही डाइट होना बहुत ही जरूरी होता है। आयुर्वेदाचार्य के मुताबिक, कफ के माध्यम से ही शरीर में संपूर्ण पोषण तत्व के अलावा वात और पित्त को नियंत्रित करने की क्षमता होती है। शरीर में कफ की कमी होने पर यह दोनों दोष उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए शरीर में कफ की मात्रा को संतुलित रखना बहुत ही जरूरी होता है। आइए जानते हैं किस तरह के डाइट प्लान से कफ दोष को किया जा सकता है दूर-
कफ दोष के प्रकार (Types of Koph Dosha)
डॉ. राहुल चतुर्वेदी के अनुसार, आयुर्वेद में स्थानों और कार्यों के आधार पर कफ दोष को 5 भागों में बांटा गया है।
- तर्पक
- बोधक
- श्लेषक
- अवलम्बक
- क्लेदक
कफ बढ़ने के लक्षण (Symptoms of Koph Dosha)
शरीर में कफ दोष की समस्या बढ़ जाने पर कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं इसके प्रमुख लक्षण-
- शरीर में हमेशा सुस्ती बने रहना
- अधिक नींद आना
- शरीर में भारीपन महसूस होना
- पसीने में चिपचिपापन
- सांस लेने में परेशानी
- मल-मूत्र में चिपपिाहट
- डिप्रेशन
- शरीर में लेप लगा हुआ सा महसूस होना
- आंखों और नाक से पास गंदगी होना
- शरीर हमेशा गीला-गीला लगना
- आलस और सुस्ती महसूस करना
इत्यादि लक्षण कफ दोष में महसूस हो सकते हैं। इन सभी लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। इस तरह के लक्षण महसूस होने पर तुरंत एक्सपर्ट से सलाह लें।
शरीर में कफ बढ़ने के कारण (Koph Dosha Causes)
छोटे बच्चों को मार्च और अप्रैल के महीने में सुबह और शाम, खाने के बाद कफ की परेशानी स्वभाविक रूप से बढ़ जाती है। ऐसे समय में बच्चों का विशेष ख्यार रखना होता है। इसके अलावा लाइफस्टाइल में बदलाव, खानपान असंतुलित होने के कारण भी कफ दोष की समस्या हो सकती है। चलिए जानते हैं कफ दोष बढ़ने के अन्य क्या कारण होते हैं।
- खट्टा और मीठा अधिक खाना
- चिकनाईयुक्त आहार लेना
- मांस, मछली, मीट का अधिक सेवन करना
- अधिक ठंडा पानी पीना
- आलसी होना
- एक्सरसाइज ना करना
- घी, उड़, कद्दू इत्यादि का अधिक सेवन करना।
कफ दोष को दूर करने के लिए किस तरह का लेना चाहिए डाइट (Diet for Koph Dosha)
आयुर्वेदाचार्य के अनुसार कफ दोष से परेशान लोगों को समान्य रूप से हल्का और गर्म भोजन लेना चाहिए। इसके साथ ही ऐसे मरीजों को गर्म पेय पदार्थ का सेवन करना चाहिए। ऐसे मरीजों को मीठा, कषाय और कड़वा आहार लेना चाहिए।
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अनाज का करें सेवन
कफ दोष को दूर करने के लिए पुराने अनाज का सेवन करना चाहिए। नए अनाज का सेवन ना करें। इससे आपको परेशानी बढ़ सकती है। कम से कम 1 साल पुराने अनाज का सेवन करें। इसमें आप ओट्स, जौ, बाजरा, गेंहू, चावल, कुट्टू का आटा या फिर अंकुरित अनाज का सेवन कर सकते हैं। इन सही चीजों का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करने से कोई परेशानी नहीं होती हैं।
इन सब्जियों का करें सेवन
कफ दोष को कंट्रोल करने के लिए आप अपने डाइट चार्ट में हरी सब्जियों को शामिल कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने डाइट में पत्तागोभी, शिमला मिर्च, फूलगोभी, खीरा, बींस, मटर, शतावरी, मटर, आलू, चुंकदर, मूली इत्यादि सीजनल सब्जियां खा सकते हैं।
फल का करें सेवन
कफ को संतुलित रखने कच्चा पपीता का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके साथ ही आप अंगूर, अनानास, केला, संतरा, खुबानी इत्यादि चीजों का सेवन कर सकते हैं। नारियल का पानी भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
इन डेयरी प्रोडक्ट्स का कर सकते हैं सेवन
दूध से बने उत्पाद हमे कई सारे पोषक तत्व प्रदान करते है। कफ दोष को संतुलित करने के लिए आप डेयरी प्रोडक्ट में कम वसा वाला दूध, लस्सी, छांछ या मठ्ठा, और थोड़ी मात्रा में घी आदि का सेवन कर सकते है।
मसालों का करें सेवन
मसाले हमारे खाने का स्वाद बढ़ाते हैं। किचन में रखे मसालों में कई ऐसे गुण छिपे होते हैं, जो गंभीर से गंभीर बीमारियों को दूर करने के गुण रखते हैं। असंतुलित कफ को दूर करने के लिए मसाले काफी असराकारी साबित हो सकते हैं। कफ दोष को दूर करने के लिए आप अपने डाइट में हल्दी, पुदीना, धनिया, सरसो, बीज, केसर, इलायची, दालचीनी, सौंफ इत्यादि चीजों को शामिल कर सकते हैं।
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नट्स को करें शामिल
सूखे मेवे यानि कि नट्स में लगभग सभी प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है। इसमें आप सभी प्रकार के मेवे खा सकते है। कफ दोष के लिए डाइट प्लान में आप काजू, किशमिश, अंजीर, खजूर, सूरजमुखी के बीज और कद्दू के बीज आदि का सेवन करें।
इसके अलावा आप अपने डाइट में सरसो का तेल, मकई, तिल का तेल इत्यादि चीजों को शामिल कर सकते हैं। साथ ही हर्बल टी भी समय-समय पर पीते रहें। यह कफ दोष को दूर करने में सहायक होते हैं।
इन चीजों से रहें दूर (Prevention of Koph Dosha)
- रात में अधिक ऑयली चीजों से बचकर रहें।
- ठंडा भोजन ना खाएं।
- अधिक मीठा और खट्टा आहार ना लें।
- गरिष्ट आहार से दूर रहें।
- नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें।
- नया अनाज ना खाएं।
- रात में चावल खाने से बचें।
- मीट, मांस, अंडा इत्यादि चीजों के सेवन से दूर रहें।
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