Ayurvedic Remedies: बच्चे हों या बूढ़े, पेट के गैस से तुरंत निजात पाने के लिए आजमाएं ये आयुर्वेदिक नुस्खा

आयुर्वेद में कई बीमारियों का रामबाण इलाज है। ऐेसे में एसिडिटी को दूर करने के लिए ये आयुर्वेदिक नुस्खा भी बड़ा कारगर है।
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Ayurvedic Remedies: बच्चे हों या बूढ़े, पेट के गैस से तुरंत निजात पाने के लिए आजमाएं ये आयुर्वेदिक नुस्खा

बच्चे हो या बूढ़े पेट से जुड़ी परेशानियां अक्सर हर किसी को परेशान करती हैं। पेट में गैस, सीने में जलन और बदहजमी रोजमर्रा की कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जिनका इलाज जल्द से जल्द करना जरूरी होता है। नहीं तो, ये आपके मन और काम दोनों को प्रभावित करती है। आयुर्वेद की मानें, तो पेट से जुड़ी ये बीमारियां पित्त बढ़ाने वाले मसालेदार भोजन (Ayurvedic Tips For Gas Problem) के कारण होता है। ऐसे में इस एसिडिटी (acid) को कम करने के लिए बेसिक (basic) चीजों का इस्तेमाल करें। 

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एसिडिटी से छुटकारा पाने का तरीका (Home Remedies for Gas)

आयुर्वेद की मानें, तो खराब जीवनशैली का पालन करना पेट की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण है। समय पर नाश्ता न करना, खाना न खाना, ढेर सारा खाना खाना और खा कर सो जाना एसिडिटी को तेजी से बढ़ाता है। अगर आप देर से खाना पचाने वाले मुद्दों से जूझ रहे हैं, तो आयुर्वेद के समृद्ध दर्शन पर आधारित एक देसी नुस्खा आपकी मदद कतर सकता है। इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की भी जरूरत नहीं है बस आपको अपने रसोई से तीन चीजों को लेना है और उसका सेवन करना है। 

  • -ताजा अदरक या सूखी अदरक
  • -एक चुटकी सेंधा नमक या काला नमक
  • -नींबू का रस
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इसका सेवन कैसे करें?

अब हर बार भोजन करने से पहले एक टूकड़ा अदरक लें, उस पर नींबू की दो बूंदें डालें और एक चुटकी नमक में मिला लें। फिर इसे दांत के नीचे दबा लें। ये काम आप लगातार कुछ दिनों तक करते रहें और ध्यान रखें कि ये हर बार खाने से एक घंटे पहले या कुछ देर पहले करें। 

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एसिडिटी के लिए नींबू-नमक के फायदे

आयुर्वेद के अनुसार, अदरक का उपयोग भूख, पाचन और स्वाद बढ़ाने वाले गुणों के कारण मतली और उल्टी को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इतना ही नहीं प्रेग्नेंसी में भी इस नुस्खे का इस्तेमाल किया जा सकता है। सेंधा नमक को चयापचय या शरीर में रासायनिक प्रतिक्रिया में मदद करने के लिए जाना जाता है, जो शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स को फिर से भरने और पीएच संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। ये कोशिकाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, जो अंततः शरीर के कामकाज और चपाचय में सुधार करता है।

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आयुर्वेद के अनुसार, यह कहा जाता है कि ऊतक स्तर पर बिगड़ा पाचन अतिरिक्त विषाक्त अवशेष या अपशिष्ट पैदा करता है जो खराब कोलेस्ट्रॉल के संचय का कारण बनता है और रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा करता है। अदरक, जिसमें एंटीस्पास्मोडिक होता है, मांसपेशियों को गति देने में मदद करता है और मांसपेशियों को शांत करता है। वहीं ये रक्त वाहिकाओं के रुकावट को साफ करते हुए अतिरिक्त वेस्ट प्रोडक्ट्स को कम करता है।

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इसी तरह आप एसिडिटी से तुरंत निजात पाने के लिए लौंग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल एसिडीटी होने पर पेट में जलन हो तो लौंग चबाना इसे शांत करता है। वहीं पेट के गैस से राहत पाने के लिए लौंग को कई तरीकों से सेवन किया जा सकता है। इसे आप ठंडे दूध में कूट कर मिला सकते हैं और उसे पी सकते हैं। साथ ही कुछ नहीं तो गैस बनते ही आप इसे नमक लगाकर दांत में दबा लें और कुछ देर में खुद ही आराम महसूस करेंगे। इन सबके बावजूद अगर आपको गैस की परेशानी तब भी रहती है, तो आपको पहले अपना दिनचर्या ठीक करना चाहिए और फिर अपने डॉ़क्टर की मदद लेनी चाहिए।

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