
कई लोग पैरों में जलन की समस्या से परेशान रहते हैं। मेडिकल भाषा में इसे बर्निंग फीट सिंड्रोम (Burning Feet Syndrome) कहते हैं। पैरों में जलन की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- डायबिटीज, किडनी में गड़बड़ी, विटामिन की कमी, फंगल इंफेक्शन या शराब का सेवन आदि। कई बार पैरों में होने वाली जलन तलवों के अलावा एड़ियों या पैरों के अन्य हिस्सों में भी होने लगती है। पैरों में जलन के कारण लोगों को कई दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। कई बार यह समस्या अधिक दर्दनाक हो जाती है। अगर लंबे समय से पैरों में जलन की समस्या बनी हुई है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। नर्व डैमेज जैसी गंभीर बीमारी में भी पैरों में जलन का लक्षण नजर आ सकता है। आयुर्वेद की मदद से पैरों में जलन या बर्निंग फीट सिंड्रोम का इलाज किया जा सकता है। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपचार बता रहे हैं, जिनकी मदद से पैरों की जलन दूर हो सकती है -
Ayurvedic Remedies For Burning Feet In Hindi - पैरों की जलन दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय
हल्दी
आयुर्वेद में हल्दी को औषधीय गुणों का खजाना कहा जाता है। बर्निंग फीट की समस्या में हल्दी का उपयोग काफी प्रभावी हो सकता है। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो पैरों की जलन और दूर करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप दो चम्मच नारियल के तेल में एक चम्मच हल्दी मिलाएं। फिर इस पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगा लें। कुछ देर बाद इसे पानी से धो लें। इसके अलावा, आप दूध में हल्दी मिलाकर भी पी सकते हैं। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।
अश्वगंधा
अश्वगंधा एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। अश्वगंधा नर्व फंक्शन से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में काफी प्रभावी है। अश्वगंधा मस्तिष्क तक जाने वाली नसों की ताकत में सुधार करता है। इससे पैरों में होने वाली जलन ठीक हो सकती है। यह पैरों में डायबिटिक न्यूरोपैथी के कारण होने वाले दर्द को भी कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप अश्वगंधा पाउडर या कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।
अभ्यंगम
अभ्यंगम एक आयुर्वेदिक उपचार प्रक्रिया है। अभ्यंगम मालिश की एक विधि है, जो रक्त के परिसंचरण में सुधार करती है। इसमें औषधीय तेलों से पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर मालिश की जाती है। यह दिमाग तक जाने वाली नसों के कम्प्रेशन को ठीक करता है। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और तनाव से भी राहत मिलती है।
इसे भी पढ़ें: क्या रात में सोते हुए हाथ-पैर हो जाते हैं सुन्न? जानें इसका कारण और बचाव के उपाय
एप्सम सॉल्ट
एप्सम सॉल्ट को मैग्नीशियम सल्फेट के क्रिस्टल से निकाला जाता है। इसका इस्तेमाल सदियों से कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जा रहा है। पैरों में जलन होने पर एप्सम सॉल्ट का इस्तेमाल काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके एक आप बाल्टी में ठंडा पानी लें। इसमें एप्सम सॉल्ट को डाल दें। फिर इस पानी में अपने पैरों को 15-20 मिनट तक डुबोकर रखें। ऐसा करने से आपको पैरों में जलन के अलावा दर्द और सूजन से भी राहत मिलेगी।
एलोवेरा, नारियल तेल और कपूर
एलोवेरा और नारियल के तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो संक्रमण को दूर करने में फायदेमंद होते हैं। वहीं, कपूर के इस्तेमाल से पैरों को ठंडक का एहसास होगा। इसके लिए आप एक चम्मच एलोवेरा जेल लें। इसमें एक चम्मच नारियल का तेल और एक चम्मच कपूर का तेल मिलाएं। अब इस मिश्रण को प्रभावित हिस्से पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें। ऐसा करने से आपको पैरों की जलन और खुजली से राहत मिलेगी।
इसे भी पढ़ें: डायबिटीज में पैरों की सूजन से चाहिए छुटकारा, तो करें इन 5 तेल से मालिश
इन आयुर्वेदिक उपायों की मदद से पैरों की जलन की समस्या को ठीक किया जा सकता है। लेकिन अगर आपकी समस्या बहुत अधिक बढ़ रही है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।