
मुंह का स्वाद और सूंघने की क्षमता कई कारणों से जा सकती है। इस परेशानी को आप घर पर ही आयुर्वेदिक उपायों से दूर कर सकते हैं।
मौसम बदलने के साथ ही सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसी वायरल बीमारियों के घेरने की वजह से मुंह का स्वाद या नाक से सूंघने की क्षमता चली जाती है। लेकिन जब से कोरोना आया है तब से इसने सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार की परिभाषा ही बदल दी है। अब सामान्य वायरल बीमारियां होने पर भी लोग यह पहचान नहीं पाते कि मुंह का स्वाद या सूंघने की क्षमता कोरोना की वजह से गई है या किसी अन्य वजह से। अगर आपको भी ऐसी दिक्कत हो रही है तो डॉक्टर से सलाह लें। अगर यह लक्षण कोरोना के नहीं हैं तो आप घर पर आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर मुंह का स्वाद और सूंघने की क्षमता को वापस ला सकते हैं।
दिल्ली के शकरपुर स्थित आयुर्वेदा संजीवनी क्लीनिक में वरिष्ठ आयुर्वेदिक कंसल्टेंट एम मुफीक का कहना है कि भारत में जब तक मेडिकल साइंस ने उन्नति नहीं पाई थी तब तक आयुर्वेद के सहारे ही लोग अपनी बीमारियों का इलाज करते थे। उन्होंने बताया कि इनोस्मिया रोग की वजह से नाक किसी तरह की स्मेल नहीं ले पाती है। दूसरा आइसोगेसुआ रोग की वजह से मुंह में किसी तरह का टेस्ट (Loss Of mouth taste) नहीं आता है। डॉक्टर ने बताया कि हमारे मुंह में जो टेस्ट बड्स होती हैं ये जीभ पर आगे की तरफ होती हैं। जब हम किसी खाद्य पदार्थ को खाते हैं तब उसका स्वाद जीभ के आगे के हिस्से की वजह से ही ले पाते हैं। जीभ में पीछे की ओर कोई स्वाद नहीं होता है। इसलिए मरीज को कहा जाता है कि जब आप दवा खा रहे हों तो उसे जीभ में पीछे की ओर रखकर खा लें। जिससे उसका कड़वापन आपको महसूस न हो।
इन कारणों से जाता है स्वाद और सूंघने की क्षमता
- सर्दी
- जुकाम
- सिर में किसी तरह की कोई चोट
- हार्मोन में बदलाव
- दवाओं का सेवन
- दांतों की समस्या
- सिगरेट पीना
आयुर्वेदिक उपाय
डॉ. एम मुफीक ने बताया कि अगर आपका मुंह का स्वाद चला गया है और नाक से कुछ सूंघ नहीं पा रहे हैं और उसकी गंध नहीं आ रही है तो आप कई घरेलू उपाय अपना सकते हैं। लेकिन उससे पहले आपको यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि आपकी यह दिक्कत कोरोना की वजह से नहीं है। तो अगर ऐसे कोई लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो पहले कोरोना की जांच करा लें। फिर इन घरेलू उपायों को अपनाएं। मुंह का स्वाद और सूंघने की क्षमता को वापस लाने के आयुर्वेदिक उपाय इस प्रकार हैं-
1. नस्या क्रिया
अगर आप किसी वजह से किसी चीज की स्मेल सूंघ नहीं पा रहे हैं तो उसके लिए डॉ. एम मुफीक ने नास्या क्रिया बताई है। नास्या क्रिया में कुछ ऐसे मेडिकेटिड ऑइल होते हैं जिन्हें नाक के नथुनों में डाला जाता है। मेडिकेटिड ऑइल में अण, षटबिंदू तेल आदि हो सकते हैं। इस क्रिया को करने से बंद नाक खुल जाती है और नाक के टेस्ट बड्स काम करने लग जाते हैं।
2. वमन क्रिया
आयुर्वेद में कई उपाय हैं जिनसे मुंह का स्वाद और नाक के सूंघने की क्षमता को वापस लाया जा सकता है, उन्हीं उपायों में से एक है वमन क्रिया। वमन क्रिया में मुंह में जमा कफ को उल्टी द्वारा निकाला जाता है। इसमें आप चाहें तो गन्ने का सेवन कर सकते हैं। गन्ने के रस को खूब पिएं। फिर जब उल्टी जैसा महसूस हो तो उल्टी कर दें। वमन क्रिया करने से शरीर में जमा कफ बाहर निकलता है। जब यह कफ बाहर निकलता है तो सूंघने वाली कोशिकाएं ठीक से काम करने लग जाती हैं।
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3. हर्बल धूम्रपान
हर्बल धूम्रपान तंबाकू वाले धूम्रपान से अलग होता है। हर्बल धूम्रपान में कुछ आयुर्वेदिक औषधियां जैसे कगर, एगरू आदि होती हैं, उन्हें किसी चीज में रखकर पिया जाता है। इसे ही हर्बल स्मोक कहा जाता है। इसे मुंह का स्वाद चले जाने पर इस्तेमाल किया जाता है। हर्बल स्मोक मुंह के टेस्ट बड्स पर काम करता है और मुंह का स्वाद वापस आ जाता है।
4. लहसुन
लहसुन में एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं। इसका रोज सेवन करने से शरीर का कफ बाहर निकलता है। मुंह का स्वाद चले जाने पर लहसुन की चार पांच कलियां एक कप पानी में दो मिनट के लिए उबाल लें। उसमें एक चुटकी नमक मिला दें। फिर उस मिश्रण को दिन में दो बार पिएं। पर ध्यान रहे कि लहसुन की कलियां नहीं खानी हैं। उन कलियों को पानी से बाहर निकाल दें। लहसुन नाक की सूंघने की क्षमता को वापस लाएगा।
5. नींबू
नींबू वैसे तो बहुत अच्छी आयुर्वेदिक दवा है। यह विटामिन सी का अच्छा स्रोत है। डॉ. मुफीक ने बताया कि जिन लोगों को ज्यादा कफ बनता है या रनिंग नोज है, उनके लिए नींबू रामबाण उपाय हो सकता है। इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू निचोड़ना है फिर शहद मिला दें। इसे दिन में दो बार खाली पेट पिएं। यह एक तरह की नींबू वाली चाय बन जाएगी। और नींब व शहद मिलकर आपके मुंह का स्वाद वापस लाने में आपकी मदद करेंगे।
6. अरंडी का तेल
इसमें एंटी इंफ्लामेंटरी प्रॉपर्टीज होती हैं। यह एंटी-ऑक्सीडेंट भी होता है। अरंडी का तेल कफ और कोल्ड में अच्छा काम करता है। इसके इस्तेमाल के लिए डॉ. एम मुफीक ने बताया कि अरंडी के तेल का एक ड्रॉप तेल को गुनगुना करना है और नाक में डालना है। सुबह और रात में सोते समय नाक में डालना है। इससे बंद नाक खुल जाएगी और स्मेल आनी शुरू हो जाएगी।
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7. पुदीने की पत्तियां
पुदीना एंटी-माइक्रोबायल होता है। यह नाक, गला और छाती से संबंधित परेशानियों में मदद करता है। मुंह का स्वाद लाने में पुदीना बहुत मदद करता है। इसके लिए आपको पुदीने की 10-15 पत्तियों को एक कप पानी में उबालना है। फिर इसमें शहद मिलाना है। इस मिश्रण को दिन में दो बार पिएं। ऐसा करने से आपको कुछ ही दिन में समस्या से निजात मिल जाएगी।
8. अदरक
अदरक भी मुंह का स्वाद और नाक की सूंघन की क्षमता को बढ़ाती है। यह एंटी-माइक्रोबायल है। यह शरीर में जमा कफ को बाहर निकालता है। यह दर्द में भी मदद करता है। इसको चाय में डालकर पिया जा सकता है या फिर अदरक को छोटा-छोटा काटकर उसमें काला नमक लगाकर भी खाया जा सकता है।
ऊपर वे सभी उपाय बताए गए हैं जो आपके मुंह के स्वाद और सूंघने की क्षमता को वापस लाने में मदद करेंगे। पर ध्यान रहे कि अगर आपको सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण दिख रहे हैं और मुंह में किसी तरह का स्वाद भी नहीं आ रहा है तो एक बार कोरोना जांच भी करा लें। इससे आप सुनिश्चित हो जाएंगे कि कोरोना नहीं। फिर आप इस मर्ज की अन्य वायरल बीमारियों की तरह ही इलाज कर सकते हैं। आयुर्वेदिक उपायों से कोई नुकसान तो नहीं होता, लेकिन इनका केवल फौरी तौर पर ही इस्तेमाल किया जा सकता है। यह परमानेंट इलाज नहीं हो सकते। अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है तो डॉक्टर के पास जाएं।
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